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रमेश के दोहे नववर्ष पर
-------- दोहे ---------- पन्नो मे इतिहास के, लिखा स्वयं का नाम !
दो हजार पंद्रह चला,.....यादें छोड तमाम !!दो हजार पंद्रह चला, छोड सभी का साथ...
गीत : लेखक श्याम श्रीवास्तव
गीत1-
गीत हूँ मैं जन्म से ही
ज़िंदगी की खोज में हूँ
लक्ष्य जन-कल्याण है
भागीरथी की खोज में हूँ
जो अनय की हर चुनौती
को सहज स्वीकार कर ले
वन...
गीत – लेखक मणि मोहन
गीतसुबह
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आज फिर खुली रह गई
नींद की खिड़की
आज फिर घुस गया
बेशुमार अँधेरा भीतर तक
आज फिर ज़ेहन में
तैरते रहे
शब्द और सपने
अन्धकार की सतह पर
आज फिर
सुबह हुई
इस...
नवगीत – लेखिका अनु प्रिया
नवगीत 1-
जलती धूप में
भूल आई हो
अपने सारे सपने
कहीं जल न जाएँ देखना
किसी परिंदे के पंखों को
खोंसकर अपने बालों में
बादलों के बीच
चली जाती हो
चूल्हे पर
खौलता रहता...
कहानी ” नसीबन ” : लेखक महेन्द्र भीष्म
- नसीबन - सूरज समाड़ा पहाड़ के पीछे छिपता...
संजीव कुमार बर्मन की पांच कविताएँ
कविताएँ1. एक ही पल में वो रूठ जाते हैं
एक ही पल में वो रूठ जाते हैं
हमें घंटो उन को मनाने में लग जाते...
महेंद्र भीष्म की कहानी – स्टोरी
स्टोरी
अनिल ने बिस्तर पर लेटे-लेटे दीवार घड़ी की ओर देखा, सुबह के नौ बजनेे को थे ‘ओह! मॉय गॉड’ कहकर वह एक झटके से...
उदय वीर सिंह की कविताएँ
कविताएँ 1- धर्म वालों मैं पुछना चाहता हूँ
किस धर्म का ये गीत है
खून खूनी जिंदगी -
किस पंथ की ये रीत है
कदमों के नीचे वंदगी -
करुणा दया...
दोहे रमेश के दिवाली पर
दोहे सर पर है दीपावली, सजे हुवे बाज़ार !
मांगे बच्चो की कई ,मगर जेब लाचार!!बच्चों की फरमाइशें, लगे टूटने ख्वाब !
फुलझडियों के दाम भी,वाजिब नहीं...
दामिनी यादव की रचनाएँ
रचनाएँ१-
आज मेरी माहवारी का
दूसरा दिन है।
पैरों में चलने की ताक़त नहीं है,
जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है।
पेट की अंतड़ियां
दर्द से खिंची हुई...