Home Tags साहित्य जगत

Tag: साहित्य जगत

रमेश के दोहे नववर्ष पर

0
 -------- दोहे  ---------- पन्नो मे इतिहास के, लिखा स्वयं का नाम ! दो हजार पंद्रह  चला,.....यादें छोड तमाम !!दो हजार पंद्रह  चला, छोड सभी का साथ...

अनूदित जर्मन कहानी ” दंपति ” : लेखक : फ़्रैंज़ काफ़्का

0
           ' दंपति '                                   ...

गीत : लेखक श्याम श्रीवास्तव

0
 गीत1- गीत हूँ मैं जन्म से ही ज़िंदगी की खोज में हूँ लक्ष्य जन-कल्याण है भागीरथी की खोज में हूँ जो अनय की हर चुनौती को सहज स्वीकार कर ले वन...

गीत – लेखक मणि मोहन

0
  गीतसुबह ----- आज फिर खुली रह गई नींद की खिड़की आज फिर घुस गया बेशुमार अँधेरा भीतर तक आज फिर ज़ेहन में तैरते रहे शब्द और सपने अन्धकार की सतह पर आज फिर सुबह हुई इस...

नवगीत – लेखिका अनु प्रिया

0
नवगीत 1- जलती धूप में भूल आई हो अपने सारे सपने कहीं जल न जाएँ देखना किसी परिंदे के पंखों को खोंसकर अपने बालों में बादलों के बीच चली जाती हो चूल्हे पर खौलता रहता...

नवगीत : लेखिका मधु प्रधान

0
नवगीत1- उठा है फिर झुरमुटों में पंछियों का शोर पायलें पनघट से बोलीं हो गई लो भोर । हम हैं बंजारे डगर में इस नगर से उस नगर में चक्र में...

कहानी ” नसीबन ” : लेखक महेन्द्र भीष्म

1
                                  - नसीबन  - सूरज समाड़ा पहाड़ के पीछे छिपता...

सुशांत सुप्रिय की कविताएँ

0
कविताएँ 1. विडम्बना कितनी रोशनी है फिर भी कितना अँधेरा है कितनी नदियाँ हैं फिर भी कितनी प्यास है कितनी अदालतें हैं फिर भी कितना अन्याय है कितने ईश्वर हैं फिर भी कितना...

संजीव कुमार बर्मन की पांच कविताएँ

0
  कविताएँ1. एक ही पल में वो रूठ जाते हैं    एक ही पल में वो रूठ जाते हैं हमें घंटो उन को मनाने में लग जाते...

महेंद्र भीष्म की कहानी – स्टोरी

0
 स्टोरी अनिल ने बिस्तर पर लेटे-लेटे दीवार घड़ी की ओर देखा, सुबह के नौ बजनेे को थे ‘ओह! मॉय गॉड’ कहकर वह एक झटके से...

Latest News

Must Read