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डॉ. मंसूर खुशतर की पांच गज़ले

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डॉ. मंसूर खुशतर पाँच गज़ले 1. बहारों पर तसल्लुत है ख़ेजाँ का बुरा दिन आ गया है गुलसेताँ कारेहाई ग़म से नामुम्किन सी लगती यही हासिल वप सईए राएगाँ...

पहली कहानी – : लाल डोरा

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कहानीकार महेंद्र भीष्म कि " कृति लाल डोरा "  पुस्तक की सभी कहानियां आई एन वी सी न्यूज़ पर सिलसिलेवार प्रकाशित होंगी , आई...

‘ मुसाफिर ‘ शब्द को केन्द्र में रखकर 105 मुक्तक – कवि श्यामल...

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  - श्यामल सुमन -    - मुक्तक - जीवन है श्रृंगार मुसाफिर जीवन पथ अंगार मुसाफिर, खाते कितने खार मुसाफिर जीवटता संग होश जोश तो, बाँटो सबको प्यार मुसाफिर   ...

चार नज़्में – शायर : राजेश कुमार सिन्हा

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नज़्में1. लम्हे बीते हुए लम्हों की महक उनके साथ न होने की कसक बेमौसम बरसात का कहर और उनकी बेवफ़ाई से रौशन होता नूर –ए-सहर (सुबह का प्रकाश) आज...

दोहे रमेश के होली पर

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 दोहे दिखे नहीं वो चाव अब, .....रहा नहीं उत्साह ! तकते थे मिलकर सभी, जब फागुन की राह !!होली है नजदीक ही, बीत रहा है फाग...

दोहे रमेश के

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 दोहे पेंडिंग हों जहँ रेप के, . केस करोड़ों यार ! तहँ रमेश महिला दिवस, लगता है बेकार !!कहने को महिला दिवस, सभी मनाएं आज। नारी की...

कविताएँ : कवि मणि मोहन

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कविताएँ  माथे से बहता हुआ पसीना कभी - कभी होंठों तक आ जाता है कभी - कभी गालों तक लुढ़कते हुए आँसू भी आ जाते हैं होंठों तक कभी -...

कविताएँ – कवि : सुशान्त सुप्रिय

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कविताएँ                                    1.  इक्कीसवीं सदी का प्रेम-गीत > ओ प्रिये >...

रोहित वैमुला व् अन्य कविताएँ : कवयित्री – आकांक्षा अनन्या

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    कविताएँ1. ख़ामोश ईश्वर मैं जब दलितों की बात करती हूँ माँ गौर से सुनती है मैं उनकी दशा बताती हूँ साथ आक्रोश जताती है मैं उनके उत्थान की...

कविताएँ : कवि नंद किशोर सोनी

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 कविताएँ1 जीवन एक क्षण भी समय का नहंी व्यर्थ होना चाहिए। जिन्दगी जीने का कोई अर्थ होना चाहिए। रूप कैसा भी हो तन का भाव मन के उच्च हो। भावनाओं की...

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