मुरादाबाद,
चुनाव की सरगर्मियाँ जैसे जैसे बढ़ रही हैँ वैसे ही नेता लोग भी बिफरते जा रहे हैँ. अभी हाल ही मेँ आज़म ख़ान के विवादास्पद बयान ने देश की जनता को हिला कर रख दिया है तो आज मुरादाबाद मेँ एक रैली को संबोधित करते हुए सपा सुप्रिमो मुलायम सिंह यादव ने भी के अजीबोगरीब बयान देकर नये विवादो को हवा दे दी है.
ग़ौर तलब है कि सपा पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां के विवादास्पद बयान से सपा का अभी पीछा भी नहीं छूटा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भी एक विवादास्पद बयान दे दिया है.
मुलामय ने मुरादाबाद की रैली में बलात्कार पर कहा कि रेप पर फांसी की सज़ा सुनाना गलत है. अभी मुंबई में तीन लड़कों को फांसी की सज़ा दे दी गई. लड़कों से गलतियां हो जाती हैं. ऐसे कानूनों को बदलने की ज़रूरत है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में मुरादाबाद में गुरुवार को रेप पर विवादित बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि सभी मामलों पर रेप पर फांसी देना सरासर गलत है.
एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सभी मामलों में रेप पर फांसी देना पूरी तरह से गलत है. लड़कों से अक्सर गलतियां हो जाती हैं तो ऐसे पर सीधे सीधे फांसी देना गलत है. उन्होंने कहा कि मुंबई में तीन लड़कों को फांसी दे दी गई, जो कि नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कानून का दुरुपयोग हो रहा है…जैसे दहेज उत्पीड़न, दलित एक्ट आदि. कानूनों का जो दुरुपयोग करने वाले लोग हैं उनको भी सजा दी जाएगी. हम ऐसा कानून बनाएंगे ताकि दुरुपयोग रुक सके. लड़के लड़कियां पहले दोस्त रहते हैं और जब उनमें मतभेद हो जाता है तो लड़की जाकर बयान दे देती है कि उसका रेप हो गया है. फिर बेचारे लड़कों को फांसी हो जाती है.
हालांकि मुलायम रेप जैसे घिनौने अपराध पर ऐसा विवादास्पद बयान देकर विरोधियों के निशाने पर भी आ गए हैं. बीजेपी, कांग्रेस और बसपा ने मुलायम के इस बयान की तीखी आलोचना की है.
इससे पहले मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में कहा था कि बीजेपी अच्छी एवं साफ सुथरी मानसिकता वाली पार्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत समाजवादी पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है और देश का विकास करने की सोच रखती है. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद बीजेपी में कोई सर्वमान्य नेता नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी की बीजेपी में थोड़ा बहुत पूछ-परख थी, लेकिन आरएसएस के इशारे पर उन्हें भी अपमानित किया गया.