इस करवा चौथ पर महाशुभ ज्योतिषीय अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं – जानें कैसे उठाएं पूरा लाभ

Dos and don'ts of Karva Chauth
Dos and don'ts of Karva Chauth

आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली – करवा चौथ 2024
 का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस बार का करवा चौथ और भी खास है, क्योंकि इस दिन कुछ अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं, जो व्रत की पूजा और अधिक फलदायक बनाएंगे। यह पर्व केवल व्रत और पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कुछ ऐसे कार्य भी हैं, जो पति-पत्नी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं।

इस साल करवा चौथ की तिथि और मुहूर्त

करवा चौथ 2024 में 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन व्यतिपात योग, वरियान योग, और गुरु पुष्य योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। यह समय सुहागिनों के लिए अत्यधिक शुभ माना गया है, और इस विशेष दिन पर किए गए पूजा-पाठ से उनके जीवन में सौभाग्य और खुशहाली आएगी।

विशेष योग और उनके लाभ

व्यतिपात योग का महत्व

व्यतिपात योग करवा चौथ पर बहुत शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए दान, पूजन, और अन्य धार्मिक कार्य अत्यंत फलदायक होते हैं। इस योग में दान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और यह परिवार के लिए भी लाभकारी होता है। इस साल, करवा चौथ के दिन व्यतिपात योग बनने से यह दिन और भी पवित्र हो जाता है।

वरियान योग का प्रभाव

वरियान योग एक और अत्यधिक शुभ योग है, जो इस साल के करवा चौथ को खास बना रहा है। इस योग में पूजा करने से महिलाओं की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, और उनके परिवार में खुशहाली आती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है, और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

गुरु पुष्य योग की महत्ता

गुरु पुष्य योग भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ योग माना जाता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य अत्यधिक सफल होता है, और इस योग के प्रभाव से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। करवा चौथ पर गुरु पुष्य योग का निर्माण होना इस दिन को और भी शुभ बना रहा है।

रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा की पूजा

करवा चौथ के दिन रोहिणी नक्षत्र का पड़ना एक और शुभ संकेत है। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र होता है, और इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से सुहागिन महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चंद्रमा और श्री गणेश की पूजा करवा चौथ के दिन अत्यधिक फलदायक मानी जाती है।

तुलसी पेड़ के नीचे पूजा का महत्व

करवा चौथ के दिन तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाना और करवा चौथ की कथा सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। तुलसी को भारतीय संस्कृति में अत्यधिक पवित्र माना जाता है, और तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी के नीचे की गई पूजा से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

करवा चौथ पर पूजा विधि और व्रत का महत्त्व

करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं लाल वस्त्र पहनकर पूजा करती हैं। पूजा के समय शादी का जोड़ा या लाल रंग की चुनरी पहनने का विशेष महत्व है। यह विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करता है और पति की लंबी आयु के लिए लाभकारी होता है। इस दिन महिलाओं को निर्जला व्रत रखना चाहिए और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करना चाहिए।

चंद्रमा को अर्घ्य देने का सही समय

इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय रात्रि 07:40 बजे होगा। महिलाओं को इसी समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिए। इस समय पर चंद्रमा की पूजा करने से दांपत्य जीवन में शांति और प्रेम बना रहता है, और व्रत का फल भी पूर्ण रूप से प्राप्त होता है। महिलाएं छलनी से पति का मुख देखकर पति के हाथों से ही व्रत का पारण करेंगी, जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़ता है।

करवा चौथ व्रत के पीछे की पौराणिक कथा

करवा चौथ व्रत की कथा भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस कथा में एक करवा नामक महिला की कहानी आती है, जिसने अपने पति की रक्षा के लिए यमराज से भी युद्ध किया था। करवा की भक्ति और प्रेम से प्रभावित होकर यमराज ने उसके पति को जीवनदान दिया। तब से करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि इसे पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की सुरक्षा के लिए किया जाता है।

करवा चौथ पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • लाल वस्त्र पहनें, जिसमें लाल चुनरी हो।
  • पूजा के दौरान श्री गणेश और चंद्रमा की विशेष रूप से पूजा करें।
  • तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और कथा सुनें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।

क्या न करें:

  • व्रत के दौरान जल का सेवन न करें।
  • पूजा के समय काले या सफेद वस्त्र न पहनें।
  • व्रत तोड़ने से पहले चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना भोजन न करें।

करवा चौथ का व्रत सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को भी मजबूत करता है। इस साल करवा चौथ पर बन रहे शुभ संयोग इसे और भी खास बना रहे हैं। तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाकर कथा सुनने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर बने रहते हैं। इस दिन किए गए सभी धार्मिक कार्य आपके जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

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