{ .ज़ाकिर हुसैन } अबकी बार मोदी सरकार -आखिरकार अबकी बार केंद्र में मोदी सरकार बन ही गयी ,पूर्ण बहुमत के साथ साथ पुराने वरिष्ठ राजनितिक घाघ नेताओं के छुटकारे के साथ ,जनता के साथ साथ अब मोदी को आने वाले समय में विपक्ष को भी जबाब देना पडेगा क्योकि केंद्र में कांग्रेस तो दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल के पास भी पूर्ण बहुमत न होने का बहाना मौजूद रहेगा पर आने वाले किसी भी इलेक्शन में मोदी के पास ऐसा कोई बहाना नहीं होगा ,जो मिडिया और जनता आज सर आखो पर मोदी को उठाए घूम रहीं वहीँ जनता और मीडिया इसी बात को लेकर कल नरेदर मोदी को घेरेगी ! यानी अब मोदी को राजीव गांधी की 1984 की सरकार की तरह ही एक दम फ्री हैण्ड सरकार चलाने को मिली हैं !
चुनावी एक्जिट पोल से भी ज़्यादा बड़ा आंकड़ा अबकी बार मोदी सरकार को मिला हैं ,पूरे देश ने सिर्फ मोदी और उनके विकास के मोडल के नाम पर वोट किया हैं न की भाजपा और भगवां ब्रीग्रेड और उसकी विचार धारा को , अगर ऐसा हैं तो ये कांग्रेस के साथ साथ दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के लियें अब बहुत बड़े खतरे की घंटी हैं अगर कांग्रेस की तरह क्षेत्रीय राजीतिक पार्टियों ने इस घंटी की गूंज को नहीं सूना तो देश की सभी पार्टियों का हश्र कांग्रेस से बदतर हालत में आ जाएगा ,जिसका जीता जागता उदाहरण मायावती हैं जिन्होने उत्तर प्रदेश की सरकार चलाते वक़त सिर्फ खुद और खुद के परिवार के अलावा किसी न किसी मुद्दो को उठाया और न ही सत्ता जाने के बाद किसी आन्दोलन का हिस्सा बनी !
ऐसा नहीं हैं की मायावती को कोई मुद्दा नहीं मिला मुद्दे तो बहुत मिले अगर कोई भी इंसान एक बार जंतर मंतर चला जाए तो कई बलात्कार की पीड़ित लडकिया अपने परिवार के साथ धरने पर बैठी हैं क्योकि जिन लोगों उनके साथ बलात्कार किया वो सभी इतने दबंग थे की उन सबने बलात्कार के बाद कोई F.I.R तक दर्ज नहीं होने दिया,चुनाव् के दौरान बाबा रामदेव के हनीमून बयान पर भी काफी बवाल हुया था पर मायावती तब भी किसी का लिखा हुया बयान ही मीडिया के सामने पढ़ती नज़र आयी ! बाबा राम देव के खिलाफ दलितों में बहुत गुस्सा था पर मायावती की ठंडी प्रतिक्रिया ने दलितों को मायावती के ही खिलाफ खडा कर दिया जिसका खाम्याज़ा मायावती के साथ साथ उनके सभी लोकसभा प्रत्याशियों को उठाना पडा ,और मायावती का देश के साथ साथ उत्तर प्रदेश से भी सूपड़ा साफ़ हो गया !
सबसे बुरा खाम्यज़ा अगर किसी को भुगतना पडा तो उनमे से सबसे ऊपर नाम अरविन्द एंड पार्टी का कहा जा सकता हैं क्योकि अरविन्द एंड पार्टी को हर शख्स सुनता तो ज़रूर हैं पर अरविन्द की भगोड़ा छाप नेता की छवी ने अरविन्द के साथ साथ बाकि प्रत्याशियों की भी लुटिया गंगा के साथ साथ नाले में तब्दील हो चुकी यमुना में डुबो दी ,अरविन्द की बजह से अब मुहावरा भी बदलता नज़र आ रहा हैं की गंगा के चक्कर में अरविन्द यमुना से भी हाथ धो बैठे पर अरविन्द एंड पार्टी की छवी आन्दोलनकारी हैं जो उनके लियें एक बार फिर संजीविनी बूटी का काम कर सकता हैं क्योकि भाजपा ने जो अरविन्द के साथ दिल्ली विधान सभा में किया उसकी भरपाई अरविन्द हर बार धरने पर बैठ कर मोदी सरकार की छवी को धूमिल करते हुए करंगे !
अडानी अम्वानी पर भाजपा एंड पार्टी पर चुनाव प्रचार के लियें फंडिंग करने का आरोप अरविन्द एंड पार्टी लगाते रहे हैं अगर ये बात सहीं तो अडानी अम्बानी इसकी भरपाई ज़रूर करेंगे ,जिसके लियें कहीं न कहीं मोदी सरकार को कोई न कोई समझोता ज़रूर करना पडेगा और यही समझोता अरविन्द एंड पार्टी के लिय संजीवनी बूटी का काम करेगा ! पर सबसे बुरी हालत में होंगे मुलायम सिंह !
उत्तर प्रदेश में मुसलमानों में एक मुश्त होकर मुलायम एंड पार्टी को वोट किया और उसके बाद सूबे में उनकी सरकार बनवा दी , पर एक साल के अन्दर ही सौ से ज्यादा साम्प्रदायीक दंगो ने मुलायम एंड पार्टी से मुसलामानो के साथ साथ हिन्दुओ का भी विश्वास उठा दिया ,अगर अब मोदी सरकार इन्दंगो के साथ साथ मुसलमानों भलाई पर जरा सा भी ध्यान देती हैं तो न सिर्फ मुलाम सिंह की भी राजीनीतिक मृत्यु हो जायेगी बल्कि साथ ही लालू प्रसाद यादव भी कहीं के नहीं रहेगे !
जबसे लालू प्रसाद का साथ बिहार में मुसलमानों ने छोड़ा हैं तबसे लालू न केंद्र सरकार के रहे न बिहार राज्य के , 20 सालो तक लालू ने मुसलमानों के दम पर बिहार के साथ साथ केंद्र की सत्ता का भी सुख भोगा ,पर बिहार के साथ साथ लालू ने मुसलमानों के लियें सिर्फ फ़िल्मी डायालोग ही बोले पर हकीकत कुछ और ही थी ,जिसका खाम्याज़ा लालू भुगत रहे हैं !
अब सभी मोदी विरोधियों के साथ साथ राजनितिक पार्टियों की ज़मीन खिसकती नज़र आ रहीं हैं , देश जबसे आज़ाद हुया हैं तभी से मुस्लिम और दलितों को सिर्फ सभी राजनितिक दलों ने मात्र वोट बैंक ही समझा हैं ,पर ये देश के इतिहास में पहली बार हुया हैं की अब की बार कोई भी राजनितिक पार्टी नहीं जीती हैं बल्कि एक व्यक्ती विशेष जीता हैं पूरे देश ने सिर्फ नरेंद्र मोदी और सिर्फ नरेंद्र मोदी को ही वोट किया हैं !
अब अगर ये व्यक्ति विशेष यानी जिसे देश ने जिताया हैं अगर वो व्यक्ती विशेष मोदी मुसलमानों खासकर पिछड़े मुसलमानों के साथ साथ दलितों की समस्याओं पर थोड़ा सा अधिक ध्यान दे देती हैं तो पूरे देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ साथ सेक्युलर छतरी लेकर घूमने वाली पार्टियों के बारे में सिर्फ किताबो में ही इतिहास के तौर पर उनका ठिकाना मिलेगा !
मोदी सभी पार्टियों को मृत्यु शैय्या पर पहुचाने का कार्य कर सकते हैं
ये देश के साथ साथ सभी दबे कुचले लोगों के साथ साथ नरेंद्र मोदी के लियें भी एक सुनहरा मौका हैं, अब जैसे जो चाहे वैसा भुना सकता हैं ,अगर जनता ने मोदी को आज से मरने तक का राज करने का सुन्हारा मौक़ा दिया हैं तो सिर्फ अपनी भलाई के लियें , अब नरेंदर मोदी के पाले में सभी गेंदे पडी हुईं हैं अब मोदी चाहे तो कांग्रेस के साथ साथ सभी जात पात की राजनीति करने वाली सभी पार्टियों को मृत्यु शैय्या पर पहुचाने का कार्य कर सकते हैं या फिर दुसरे प्रधानमत्रीओ की तरहा पांच साल सत्ता सुख भोगने के साथ साथ इन सभी हाशिये पर पडी पार्टियों को जीवन दान प्रदान कर सकते हैं !
————————————————————————————————
ज़ाकिर हुसैन
आई एन वी सी समूह सम्पादक
अंतराष्ट्रीय समाचार एवम विचार निगम
International News and Views Corporation
www.internationalnewsandviews.com
*******
There’s certainly a lot to learn about this topic. I love all of the points you’ve made.|
Great post. I was checking constantly and I’m impressed! Extremely useful information specially the remaining section I deal with such info a lot. I was looking for this particular info for a very lengthy time. Thanks and best of luck.
सभी चैनल अब इन सब मुद्दों को उठायेगे , पर एक बात तो हैं की अब मोदी के साथ साथ भाजपा और संघ के पास कोई बहाना नहीं बचेगा , जो point आपने उठाये हैं आगे जाके चैनल्स की हैडलाइन होंगी
ज़ाकिर भाई सबको सवाल और उनको इन सवालों के जबाब थमा दिए ,मोदी को क्या करना है उन्हें बता दिया ,अगर आप आदमी पार्टी ने आपकी सलाह मन ली तो फिर सपा ,बसपा कांग्रेस के साथ लालू नितीश क्या अंत बहुत ही नजदीक हैं ,मुझे आज तक समझ में नहीं आया यार तुम लिखने के लियें इतना लंबा ब्रेक क्यूँ ले लेते हो ?