आई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,,
भारतीय रिजर्व बैंक ने दिल्ली में दिनांक 1.7.2009 को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चैक ट्रंकेशन सिस्टम को शुरू किया है । सीटीएस के अंतर्गत धोखाधड़ी में एकदम से वृद्धि हुई है, जिसमें धोखेबाजों ने जाली/काल्पनिक/चुराये हुए और परिवर्तित चैकों को प्रस्तुत किया जा रहा था । प्रस्तकर्ता बैंकों ने इन चैकों को इलेक्ट्रानिक/टर्नकेंटेड प्रतिरूप को प्रेषित किया था जिसके आधार पर अदाकर्ता बैंक ने इन प्रतिरूपों (इमेजों) के आधार पर इन चैकों को पास किया।
पंजाब नैशनल बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री शिव कुमार गुप्ता द्वारा ‘’चैक ट्रंकेशन सिस्टम’’ के अंतर्गत हो रही धोखाधडि़यों के बढ़ते खतरों को पहचानते हुए दिल्ली में अग्रणी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों की संगोष्ठी आयोजित की गई ।
अपनी तरह की पहली इस संगोष्ठी में 17 बैंकों के 44 वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ इण्डिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इण्डिया, यूको बैंक, आन्ध्रा बैंक, केनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईओबी, सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक व एक्सिस बैंक शामिल थे । श्री एस आर शर्मा, फील्ड महाप्रबंधक- दिल्ली ने सभी सहभागियों का स्वागत किया । इस अवसर पर ओरियण्टल बैंक आफ कामर्स के महाप्रबन्धक श्री सूर्यनारायणन् और भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबन्धक श्री राजीव कोहली व आईसीआईसीआई बैंक के श्री भूषेश अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये और पीएनबी द्वारा सीटीएस में धोखाधड़ी का सामना करने के लिए दिल्ली के बैंकरों को संगठित करने की इस पहल की सराहना की । बैंकरों ने उचित सावधानी के लिए वसूलीकर्ता बैंक की जिम्मेदारी तथा भुगतानकर्ता बैंक के कर्तव्यों के लिए मूल नियमों पर विचार-विमर्श किया तथा बैंकों की भूमिका के बारे में संकल्प पास किया जिसमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया गया। उन्होंने सीटीएस के अंतर्गत धोखाधड़ी और अन्य सम्बन्धित मामलों को रिपोर्ट करने के लिए विशिष्ट/अलग दिशानिर्देशों को भारतीय रिजर्व बैंक की पॉलिसी में शामिल करने के लिए मामले को उठाने का निर्णय लिया ।
सभी सहभागियों ने पंजाब नैशनल बैंक की इस प्रयास की सराहना की ।