त्रिपुष्कर योग में धनतेरस 2024: लक्ष्मी-कुबेर पूजन और मंगल उपायों से होगा धनलाभ!

धनतेरस 2024: त्रिपुष्कर योग के शुभ संयोग में लक्ष्मी-कुबेर पूजन का महत्व

त्रिपुष्कर योग में धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर की पूजा से बन सकते हैं धनवान! इस बार धनतेरस के मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल, धन्वंतरि जयंती और भौम प्रदोष का महत्व जानें। क्या हैं इस शुभ दिन पर विशेष उपाय और मुहूर्त? पढ़ें पूरी जानकारी!

धनतेरस परिचय

धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस वर्ष धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग का विशेष संयोग बना है, जो इसे अत्यंत शुभ बनाता है। इसके साथ ही धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। त्रिपुष्कर योग के प्रभाव से किए गए कार्यों का तीन गुना फल प्राप्त होता है, जिससे यह दिन और भी खास बन जाता है।

तो आइए जानते हैं इस धनतेरस के मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल और पूजा विधि के बारे में, जिससे हम इस पर्व का संपूर्ण लाभ उठा सकें और सुख-समृद्धि के साथ जीवन को खुशहाल बना सकें।


धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग का महत्व

त्रिपुष्कर योग एक अत्यंत शुभ योग माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों का तीन गुना लाभ मिलता है। इस योग में धनतेरस पर लक्ष्मी और कुबेर की पूजा से अधिकतम फल प्राप्त करने का मौका है। त्रिपुष्कर योग में किसी भी प्रकार की खरीदारी, निवेश, या शुभ कार्य से तीन गुना लाभ की संभावना रहती है। इस योग का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह बहुत कम अवसरों पर बनता है, और जब ऐसा संयोग धनतेरस के दिन होता है, तो यह अपने आप में अद्वितीय होता है।

त्रिपुष्कर योग के प्रभाव

  • धन वृद्धि: इस योग में लक्ष्मी-कुबेर पूजा से धन वृद्धि के विशेष योग बनते हैं।
  • स्वास्थ्य लाभ: धनतेरस पर धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है, और धन्वंतरि की पूजा करने से स्वास्थ्य में लाभ होता है।
  • सौभाग्य में वृद्धि: त्रिपुष्कर योग के कारण इस दिन किए गए शुभ कार्यों का सकारात्मक प्रभाव पूरे वर्ष रहता है।

धनतेरस 2024 के शुभ मुहूर्त और पंचांग

इस बार धनतेरस का दिन कई शुभ योग और मुहूर्त लेकर आया है। आइए, जानते हैं इस पर्व के महत्वपूर्ण मुहूर्त और दिशा निर्देश:

धनतेरस 2024 की तिथि एवं समय

  • त्रयोदशी तिथि आरंभ: 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:31 बजे से
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 30 अक्टूबर 2024 को सुबह 6:32 बजे तक

धनतेरस पूजा का मुहूर्त

  • प्रदोष काल पूजा: शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक
  • सोना खरीदने का शुभ समय: सुबह 10:31 बजे से अगले दिन सुबह 6:32 बजे तक
  • त्रिपुष्कर योग का समय: सुबह 6:31 बजे से सुबह 10:31 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:42 एएम से 12:27 पीएम तक

राहुकाल, दिशाशूल और अशुभ समय

  • राहुकाल: 2:51 पीएम से 4:15 पीएम तक
  • गुलिक काल: 12:05 पीएम से 1:28 पीएम तक
  • दिशाशूल: उत्तर दिशा

धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस पर लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की पूजा अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। इस विशेष दिन पर कुछ महत्वपूर्ण पूजा विधियाँ और उपाय अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।

पूजा की तैयारी

  1. सबसे पहले घर की सफाई करें और घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
  2. उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा स्थल पर लक्ष्मी-कुबेर और धन्वंतरि की मूर्तियाँ स्थापित करें।
  3. पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।

पूजा विधि

  • लक्ष्मी और कुबेर की पूजा: दीप जलाएं और लक्ष्मी जी का ध्यान करें। लक्ष्मी जी के साथ कुबेर देव का ध्यान करके उन्हें धन के रक्षक मानकर उनके चरणों में धन-धान्य चढ़ाएँ।
  • धन्वंतरि पूजा: धन्वंतरि देव की प्रतिमा को जल, दूध, घी, और पुष्प से अभिषेक करें। स्वास्थ्य की कामना के साथ मंत्र जाप करें।
  • मंगलवार व्रत और हनुमान पूजा: इस दिन मंगल दोष निवारण के लिए हनुमान जी की पूजा और मंगल बीज मंत्र का जाप विशेष लाभकारी होता है।

धनतेरस पर विशेष उपाय

धनतेरस पर लोग सामान्यत: सोना, चांदी, झाड़ू, धनिया, नमक आदि खरीदते हैं, जिनका भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यहाँ कुछ विशेष उपाय दिए गए हैं, जो धनतेरस पर किए जा सकते हैं:

  1. सोना-चांदी खरीदें: इस दिन सोना या चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है। यह धन वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।
  2. झाड़ू खरीदें: घर में सुख-समृद्धि और धन धान्य की वृद्धि के लिए झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
  3. नमक और धनिया खरीदें: यह घर की सुख-समृद्धि और धन का प्रतीक माने जाते हैं।
  4. दीप जलाना: घर के हर कोने में दीप जलाएं ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
  5. त्रिपुष्कर योग में खरीदारी: इस दिन की गई कोई भी खरीदारी तीन गुना लाभ देती है, इसलिए संपत्ति, वाहन, या अन्य महत्वपूर्ण वस्त्र भी खरीदे जा सकते हैं।

FAQs: धनतेरस और त्रिपुष्कर योग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. त्रिपुष्कर योग क्या है?

त्रिपुष्कर योग एक विशेष योग है जिसमें किए गए कार्यों का तीन गुना फल प्राप्त होता है। इस योग में पूजा, दान या शुभ कार्य करने से व्यक्ति को तिगुना लाभ होता है।

2. क्या त्रिपुष्कर योग में खरीदारी करनी चाहिए?

हाँ, त्रिपुष्कर योग में की गई खरीदारी से तीन गुना लाभ मिलता है। इस दिन सोना, चांदी, भूमि या अन्य कीमती वस्त्र खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है।

3. धनतेरस पर किन देवताओं की पूजा की जाती है?

धनतेरस पर लक्ष्मी, कुबेर, और धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है। यह सभी देवता धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

4. धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का क्या महत्व है?

झाड़ू खरीदने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और लक्ष्मी जी का वास होता है। इसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।

5. क्या धनतेरस पर दीपावली की तरह दीप जलाना चाहिए?

हाँ, धनतेरस पर दीप जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। घर के हर कोने में दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

धनतेरस का पर्व न केवल धन-संपत्ति का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है, जब हम अपने घर और जीवन में खुशियों, स्वास्थ्य और समृद्धि का स्वागत कर सकते हैं। इस बार त्रिपुष्कर योग में धनतेरस का शुभ अवसर विशेष महत्व रखता है। लक्ष्मी-कुबेर और धन्वंतरि पूजा के साथ इस दिन की गई पूजा-अर्चना का प्रभाव अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

अतः इस धनतेरस पर लक्ष्मी, कुबेर, और धन्वंतरि देव की विधि-विधान से पूजा करें, विशेष उपाय अपनाएँ, और अपने जीवन में सुख-समृद्धि का स्वागत करें। धनतेरस के दिन सकारात्मकता और शुभता से भरा हुआ वातावरण बनाएँ और त्रिपुष्कर योग का संपूर्ण लाभ उठाएँ!

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