यहां धुंध के कारण नजदीक का भी कुछ नहीं दिखा। धुंध के कारण दिन के समय भी रात जैसा नजारा देखने को मिला। धुंध के कारण सड़कों पर वाहन चालकों को भी आने-जाने में परेशनी हुई। सीमापुरी से अक्षरधाम की तरफ जाने वाले वाहन चालक सुशील उपाध्याय ने बताया कि सुबह दिन निकलते ही आसमान में धुंध छायी रही। ऐसे में सड़कों पर वाहनों के टकराने का खतरा भी रहता है। सुबह जरूरी काम से अक्षरधाम जाना था, लेकिन धुंध के कारण नियत समय से करीब एक घंटा लेट हो गया।
दीवाली से पहले ही मौसम वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि 5 नवम्बर के आसपास हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रहेगी। गौरतलब है कि सफर इंडिया, सीपीसीबी और मौसम विभाग सभी का पूर्वानुमान था कि दिल्ली एनसीआर में दीपावली पर एक दिन पहले तक प्रदूषण नियंत्रण में रहेगा, जबकि दीपावली के दिन से स्थिति बिगड़ेगी। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही थी कि हवा की दिशा अभी दक्षिणी-पूर्वी चल रही है। इसीलिए पराली का धुआं भी दिल्ली तक बहुत कम मात्रा में पहुंच पा रहा है।
दीपावली के दिन से हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी होगी तो पराली का धुआं ज्यादा मात्रा में दिल्ली पहुंचने लगेगा। लेकिन, शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में धुंध साफ-तौर पर देखी गई। राजधानी से सटे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद में प्रदूषण की समस्या हुई।
आतिशबाजी के धुएं से सांस लेने लायक नहीं हवा
दिल्ली से सटे हापुड़ में भी आतिशबाजी के धुएं ने एक बार फिर हवा में जहर घोल दिया है। दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद शुक्रवार सुबह पीएम-10 की मात्रा 342 और पीएम 2.5 की मात्रा 415 तक पहुंचने के साथ ही आसमान में स्मॉग की चादर छा गई है। हालांकि, बृहस्पतिवार और बुधवार को पीएम-10 की मात्रा शुक्रवार के मुकाबले कम थी। जबकि, पिछले वर्ष 2020 में दीपावली पर कमोबेश यही स्थिति थी। स्मॉग का असर बढ़ने के साथ ही हृदय और दमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। चिकित्सक स्मॉग को शिशुओं व पचास साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए खतरनाक बता रहे हैं। PLC