Tag: साहित्य जगत
अंबरीश राणा की कविताएँ
अंबरीश राणा की कविताएँ 1. नारी की विवशता
आज दो आँखे सिसकती देखी
इस कड़ी धुप में तपती देखी
जिंगदी से हताश और निराश
उठ चला सबसे उसका विश्बास...
श्यामल सुमन की कविताएँ
श्यामल सुमन की कविताएँ1.इक बहाना चाहिए
प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिए
और समय पर आईना खुद को दिखाना चाहिए
जिन्दगी की राह में बेखौफ...
गिरीश बिल्लोरे मुकुल की कविताएँ
गिरीश बिल्लोरे मुकुल की कविताएँ (1)
तस्सवुर में तुम्हारी सादगी का बोलबाला है
भरी थाली, रुके हाथ, हाथ में इक निवाला है !
तस्वीर में तुम हो, गलत...
हिमांशु कश्यप की पाँच कविताएँ
हिमांशु कश्यप की पाँच कविताएँ
श्यामल सुमन की टिप्पणी : प्रतिभा को कौन दबा सका है आजतक? प्रतिभा उम्र, जाति, मज़हब, अमीरी, गरीबी से ऊपर उठकर...
जयश्री रॉय की लघु कथा सच्चाई
जयश्री रॉय की लघु कथा सच्चाई- सच्चाई -
गाड़ी की तेज़ ब्रेक की आवाज़ के साथ ही वह हृदय विदारक चीख गूंजी थी.आते-जाते हुये लोगों...
किशन कारीगर की कविताएँ
किशन कारीगर की कविताएँ 1.कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ?
(हास्य कविता)मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही
की बजी अब चुनाबी घंटी
मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ
सत्ता की...
शिव कुमार झा टिल्लू की पाँच कविताएँ
शिव कुमार झा टिल्लू की पाँच कविताएँ 1 संविदात्मक जीवन
हम हो गए संवेदक
जी रहे है जीवन
संविदात्मक जीवन
परन्तु ! संवेदना से दूर
जो लड़े थे विरोधी बनकर...
वीणा पाण्डेय की पाँच कविताएँ
वीणा पाण्डेय की पाँच कविताएँ 1.वसुंधरा
सच है
एक सर्वविदित सच
कि आसमां झुकता है
वसुंधरा की आेर।जानता है कि
सामर्थवान नहीं वह
जो धार सके धरती की तरह
अपने पर सबकुछ
अनवरत...
कुसुम ठाकुर की कविताएँ
कुसुम ठाकुर की कविताएँ (1) "जीवन तो है क्षण भंगुर"
बिछड़ कर ही समझ आता,
क्या है मोल साथी का ।
जब तक साथ रहे उसका,
क्यों अनमोल...
पंखुरी सिन्हा की कविताएँ
पंखुरी सिन्हा की कविताएँ 1.हरश्रृंगार
कथा तो उतनी ही, हरश्रृंगार जितनी ही थी
यानि दिन के घंटो की
यानि तबसे
जब सुबह एक दम दिव्य थी
हर कुछ की शुरुआत...