Tag: writer universe
चार नज़्में – शायर : राजेश कुमार सिन्हा
नज़्में1. लम्हे
बीते हुए लम्हों की महक
उनके साथ न होने की कसक
बेमौसम बरसात का कहर
और उनकी बेवफ़ाई से रौशन होता नूर –ए-सहर (सुबह का प्रकाश)
आज...
कविताएँ : कवि मणि मोहन
कविताएँ माथे से बहता हुआ पसीना
कभी - कभी
होंठों तक आ जाता है
कभी - कभी
गालों तक लुढ़कते हुए आँसू भी
आ जाते हैं होंठों तक
कभी -...
कविताएँ : कवि राजीव उपाध्याय
कविताएँ1. बिस्तर ताले में बन्द हो गया
छोटा बेटा था मैं
हाँ सबसे छोटा
जिसके बालों की चाँदी को अनदेखा करके
किसी ने बच्चा बनाए रखा था
जिससे लाड़...
कविताएँ ” विषय – विज्ञान और कविता ” : कवि मुकेश...
कविताएँ 1. रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!तुम्हारा आना
जैसे, एनेस्थेसिया के बाद
रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!जैसे ही तुम आई
नजरें मिली
क्षण भर का पहला स्पर्श
भूल गया सब
जैसे चुभी...
गीत : गीतकार धीरज श्रीवास्तव
गीत* धूप जिन्दगी..*
---------------------------------------
---------------------------------------
इनके उनके सबके मन को
खलता रहता हूँ!
हुई जेठ की धूप जिन्दगी
जलता रहता हूँ!
**
सपनों में ही छुपकर मिलने
खुशियाँ मेरे घर आएँ!
होंठ चूमती रोज...
गीत : लेखक श्याम श्रीवास्तव
गीत1-
गीत हूँ मैं जन्म से ही
ज़िंदगी की खोज में हूँ
लक्ष्य जन-कल्याण है
भागीरथी की खोज में हूँ
जो अनय की हर चुनौती
को सहज स्वीकार कर ले
वन...
गीत – लेखक मणि मोहन
गीतसुबह
-----
आज फिर खुली रह गई
नींद की खिड़की
आज फिर घुस गया
बेशुमार अँधेरा भीतर तक
आज फिर ज़ेहन में
तैरते रहे
शब्द और सपने
अन्धकार की सतह पर
आज फिर
सुबह हुई
इस...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ1. जलता हिन्दुस्तान
योगी नहीं
सन्त नहीं
लिप्साओं का
अन्त नहीं
चहुंओर मौत का ताण्डव,
दुर्योधन का वध कैसे
कोई नहीं है जब पाण्डव।
मौत के सन्नाटे में
कैसी आस
परिवर्तित हुआ जीवन परिदृश्य
वाह-...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ........ द्रोणाचार्य
तुम्हीं ने-
‘अर्जुन’ को सर्वश्रेष्ठ ‘धनुर्धर’
की संज्ञा दी थी
और
‘एकलब्य’ का अंगूठा मांगकर
अपनी जीत
सुनिश्चित किया था।
तुम-
आज के परिवेश में भी
ठीक उसी तरह हो
जैसे-
द्वापर में ‘महाभारत’...
मणि मोहन की कविताएँ
कविताएँ1- घास बेचती औरत
रात के आठ बज चुके हैं
घास बेच रही है एक औरत
गाँधी चौक में
एक छोटा बच्चा
बैठा हुआ है उसकी गोद में
बछ्ड़े की...