Home Tags World literature

Tag: world literature

मीना कुमारी को समर्पित कविता- कवयित्री : ज्योति गुप्ता

1
कविता                सुनो मीना _____________ सुनो, आँखों के किनारे सजाना इंद्रधनुष और कलाई में रोप लेना जंगली फूल के बेनाम कंगन। चांदनी के आस्तीन से ढँकी तुम्हारे ग़ज़ल...

दोहे रमेश के होली पर

0
 दोहे दिखे नहीं वो चाव अब, .....रहा नहीं उत्साह ! तकते थे मिलकर सभी, जब फागुन की राह !!होली है नजदीक ही, बीत रहा है फाग...

दोहे रमेश के

0
 दोहे पेंडिंग हों जहँ रेप के, . केस करोड़ों यार ! तहँ रमेश महिला दिवस, लगता है बेकार !!कहने को महिला दिवस, सभी मनाएं आज। नारी की...

कविताएँ : कवि मणि मोहन

0
कविताएँ  माथे से बहता हुआ पसीना कभी - कभी होंठों तक आ जाता है कभी - कभी गालों तक लुढ़कते हुए आँसू भी आ जाते हैं होंठों तक कभी -...

वैलेंटाइन डे – 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर विशेष

3
- ज्योति गुप्ता -"प्रेम"  बिना किसी दस्तक के ज़िन्दगी में दाखिल हो जाता है बगैर  यह देखे कि समाज के दरवाजे पर किस धर्म,...

कविताएँ – कवयित्री : ज्योति गुप्ता

11
 कविताएँ जोगी चाँदयूँ खिड़की पर जो आते हो मन जोगन से क्या पाते हो न वचन कोई ना कोई सपना ले खाली दामन ही जाते हो, ... फिर बोलो...

कहानी आत्मग्लानी – भाग 2 : लेखिका सीमा अग्रावाल

0
आत्मग्लानी दो साल की अनवरत लेखन यात्रा के पश्चात आज उसके जीवन का वो पल था जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी l...

कहानी तौब़ा-तौब़ा : लेखक महेन्द्र भीष्म

2
तौब़ा-तौब़ा‘अन्ततः वह अकाल मृत्यु का ग्रास बन ही गया।’ मेरे अन्तस तक मेरी ही मौन वाणी तीर की भाँति चुभती चली गयी। अभी उस अभागे...

दोहे रमेश के, मकर संक्राँति पर

0
 दोहे  मकर राशि पर सूर्य जब, आ जाते है आज ! उत्तरायणी पर्व का,........हो जाता आगाज !!कनकअौं की आपने,ऐसी भरी उड़ान ! आसमान मे हो गये...

कहानी आत्मग्लानि – भाग 1 : लेखिका सीमा अग्रावाल

0
आत्मग्लानि - भाग 1 संस्कार की बात सुन कर प्रज्ञा की नसों में मानो खून जम सा गया था। पिछले दिनों गुज़री घटनाएँ, बातें, दृश्य...

Latest News

Must Read