पी एम भारद्वाज ने कहा कि प्रांभिक अवस्था में ही विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ना उत्तम होगा जिसके लिए उन्होंने ऋषि अष्टावक्र और अभिमन्यु का उदाहरण दिया
आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
क्रिडेंट टी वी के सानिध्य में भारद्वाज फाउंडेशन के इंडस्ट्री एंड एजुकेशन इंस्टीट्यूशन इंटरफेस के सैंतीसवें कार्यक्रम के रूप में आयोजित वेबीनार में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र के आई एल ओ के सलाहकार और स्वच्छ भारत मिशन के एंबेसेडर डॉ डी पी शर्मा ने कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे प्रोफेशनल कोर्सेज के सिलेबस व्यवसायिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए जाएं तो रोजगारोपयोगी शिक्षा दी जा सकेगी। मोटिवेशनल और प्रबंधन गुरु तथा भारत सरकार के चार पी एस यू के एम डी, सी एम डी रहे श्री पी एम भारद्वाज ने कहा कि प्रांभिक अवस्था में ही विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ना उत्तम होगा जिसके लिए उन्होंने ऋषि अष्टावक्र और अभिमन्यु का उदाहरण दिया।
वेबीनार के अगले पैनलिस्ट सेंड ड्यूंस इंस्टिट्यूशंस के एम डी श्री राजेश शर्मा ने शिक्षकों को अधिक शैक्षणिक स्वतंत्रता और विद्यार्थियों को स्वरुचि के प्रोजेक्ट पर काम करने की आवश्यकता पर विस्तार से अपनी बात रखी।श्री सीमेंट के पूर्व सीनियर जनरल मैनेजर श्री मन मोहन शर्मा ने विद्यार्थियों द्वारा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में की जा रही मात्र खाना पूर्ति के स्थान पर संजीदगी से व्यवसाय के प्रेक्टिकल आसपेक्ट को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।कार्यक्रम का रोचक सफल संयोजन करते हुए क्रिडेंट टी वी के मुख्य संपादक श्री सुनील नारनौलिया ने स्वयं और दर्शक श्रोताओं द्वारा उठाए गए महत्तवूर्ण प्रश्नों का समाधान भी विचारकों से करवाया। सभी का यह मत था कि शिक्षा संस्थानों और व्यवसायिक केंद्रों के मध्य सघन और सारगर्भित रिजल्ट ओरियेंटेड वार्तालाप प्रभावी परिणाम देगा।
कार्यक्रम में बहुत से छात्रों, शिक्षकों एवम् अभिभावकों ने भी अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज़ करवाई तथा क्रिडेंट टी वी और भारद्वाज फाउंडेशन की प्रशंसा की।