नागपंचमी भगवान् शिव को अतिप्रिय हैं , काल यानी भगवान् महाकाल ,सर्प यानि नाग तो अगर पाना चाहते हैं सौभाग्य तो करे कुछ ख़ास उपाय।
नाग पंचमी के दिन स्त्रियां नाग देवता की पूजा करती हैं और सांपों को दूध पिलाया जाता है. इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. नाग देवताओं की पूजा के लिए श्रावण मास की पंचमी तिथि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है.
महूरत
नाग पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 02, 2022 को सुबह 05 बजकर 13 मिनट से शुरू
नाग पञ्चमी तिथि समाप्त – अगस्त 03, 2022 को सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर खत्म
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त – सुबह 06 बजकर 05 मिनट से 08 बजकर 41 मिनट तक
अवधि- 02 घण्टे 36 मिनट्स
जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष हो या जिनके हाथ से जाने-अनजाने सर्प की हत्या हुई हो, उनके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें।
कालसर्प दोष के 13 लक्षण
1. व्यवसाय में हानि बार-बार होना।
2.
मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
3. अपनों से ठगा जाना।
4. अकारण कलंकित होना।
5. संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना।
6. विवाह नहीं होना या वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना।
7. स्वास्थ्य खराब होना।
8. बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना।
9. अच्छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना।
10. भयावह स्वप्न बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।
11. काली स्त्री, जो भयावह हो या विधवा हो, रोते हुए दिखना।
12. मृत व्यक्ति स्वप्न में कुछ मांगे, बारात दिखना, जल में डूबना, मुंडन दिखना, अंगहीन दिखना।
13. गर्भपात होना या संतान होकर नहीं रहना आदि लक्षणों में से कोई एक भी हो तो कालसर्प दोष की शांति करवाएं।
नाग पंचमी के दिन किए जाने वाले कुछ प्रयोग निम्नलिखित हैं जिनके करने से कालसर्प दोष शिथिल होता है-
1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं।
2. सरल मंत्र- ॐ कुलदेवतायै नम: या ॐ पितृदेवतायै नम: का अधिक से अधिक जाप करें।
3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें।
4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं।
5. चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में चढ़ाएं।
6. शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं लगाएं।
7. नाग पंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं।
8. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
(अ) ‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’
(ब) ‘ॐ नागदेवतायै नम:’ या नाग पंचमी मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।’
(9) शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूरा पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।
(10) अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं।
(11) नित्य गौमूत्र से दांत साफ करें।
(12) नाग गायत्री यंत्र का पुरश्चरण कराएं।
(13) नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं।
अगर आपका भाव सही हैं तो फल भी निश्चत मिलगा , अगर आपकी भावना सही हैं तो फल भी निश्चित मिलेगा
यह लेख सिर्फ जानकारी मात्र हैं , इनको करने से पहले विशेषज्ञों से पहले राय अवशय ले।