वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या, जिस पथ में बिखरे शूल न हों
नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धारायें विपरीत न हों
– प्रो.(डॉ.) डी.पी. शर्मा “धौलपुरी –
उक्त पंक्तियाँ ……वीरभूमि राजस्थान के सुजानगढ़ तहसील में एक ब्राह्मण परिवार म़ें जन्मी मैडम भारती पाराशर की जिंदगी का यही फलसफा आज उनके संघर्ष और फर्श से अर्श तक की जीवन यात्रा की कहानी को बयान करता है / शिक्षा को देश सेवा के प्रकल्प रूप मैं कर्मयोग के माध्यम से राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिये प्रयासरत एक ऐसी शख्सियत हैं वे, जिन्हैं आज हजारों शिक्षार्थी एवं शिक्षाकर्मी प्यार से ” मातुश्री ” कहकर संबोधित करते हैं / आइये उन्हीं के शब्दों में जानें उनके कर्मयोगी जीवन वृतान्त की यात्रा क़े पहलुओं को –
मैडम सुना है कि आपका शुरुआती जीवन काफी संघर्षमय रहा ?
३५ वर्ष पूर्व आपने शिक्षा सेवा के राष्ट्रीय प्रकल्प क़ी जो शुरुआत की थी वह आज अनेकों महर्षि अरविंद शिक्षा संस्थानों यथा महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट ऑफ साइन्स एण्ड मॅनेज्मेंट अम्बाबाड़ी जयपुर, महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, मानसरोवर जयपुर, महर्षि अरविंद इंटरनॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोटा, महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट, जयपुर, महर्षि अरविंद कॉलेज ऑफ फार्मेसी अम्बाबाड़ जयपुर, महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, जयपुर, महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट ऑफ होटल मेनेज्मेंट, मानसरोवर जयपुर, महर्षि अरविंद इन्स्टिट्यूट ऑफ मेनेज्मेंट, मानसरोवर, जयपुर एवं प्रेसीडेंसी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग कोटा के रूप म़ें राष्ट्रीय एवं अंतर्रास्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बना चुके हैं/ अब आपका मिशन इंटरनॅशनल लेवल की महर्षि अरविंद यूनिवर्सिटी बनाने का शुरू हो चुका है /-
आपने इस मिशन की शुरुआत कब एवं किसकी प्रेरणा से की?
मैडम कहती हैं –
१९७५ म़ें मेरी मुलाकात मेरे एक परिचित शिक्षक से हुई जिन्होंने कहा कि आपके व्यक्तित्व म़ें बहुत सामर्थ्य है, आप शिक्षा एवम राष्ट्र निर्माण की दिशा में बहुत कुछ कर सकती हैं / उनके इस कथन से मेरे मन में सुषुप्त चिंगारी को मानो एक हवा सी लग गयी, और मेरे मन में कच्ची वस्तियों म़ें रहने वाले बच्चों के लिये एक स्कूल खोलने की इच्छा जागृत हुई /
मैने सोचा कि “संकल्प ऐसा करो, जो मानवीय दृष्टिकोण से मानवीय हित क़ी बात करे” / फिर क्या था; एक मिशन की शुरुआत हुई, शिक्षा के मिशन की; जिसका वृहत परिणामी आपके सामने है / शुरुआत म़ें मैने जनप्रतिनिधियों से मिलकर कच्ची वस्तियों म़ें कुपोषण के शिकार बच्चों, जो स्कूल नहीं जा पाते थे उनको एकत्र किया / ऐसी महिलाओं को एकत्र किया जिनकी आर्थिक दशा ठीक नहीं थी / और इस प्रकार शुबह गरीब एवं कुपोषित बच्चों के लिये स्कूल एवं शाम को यूनिसेफ के सहयोग से बालवाड़ी का संचालन किया / उस जमाने म़ें मुफ्त शिक्षा देना मेरे लिये बड़ा ही मुश्किल कार्य था, जब मेरे पास आवश्यक मूलभूत सुविधाएँ भी न थीं / फिर भी मैने हिम्मत की और १० रुपये मात्र फीस लेकर आवश्यक शुविधाएं जुटाना शुरू किया / ऐसे आर्थिक हालातों के चलते मुझे अपने “दो सोने के कड़े” भी बेचने पड़े क्योंकि मेरे लिये अब मेरा मिशन बहुत महत्वपूर्ण बन चुका था/ इसके पश्चात अनाथ बच्चों के लिये समाज कल्याण विभाग के सहयोग से मैने एक स्कूल खोला / और इस प्रकार मैं ही उन अनाथ बच्चों की माँ एवं मैं ही पिता बनी / मातृत्व सेवा की सुखद अनुभूति को मैने अलौकिक रूप में पहली बार महसूस किया /
इस मिशन के समानान्तर मैने गरीब महिलाओं को कढ़ाई बुनाई का काम दिलाना शुरू किया / वक्त गुजरता गया / इस दौरान मेरी मुलाकात अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ममता की प्रतिमूर्ति मदर टैरेसा से हुई / बड़ी ही आत्मीय मुलाकात थी वो, अविस्मरणीय पल; सेवा की एक महानतम देवीय स्वरूपा शक्ति से मुलाकात / मुझे लगा कि मेरा मिशन और मैं दोनों सही दिशा म़ें जा रहे हैं / मुझे ऐसा लगा जैसे, मेरे लक्ष्य का कोई मार्गदर्शक मिल गया हो /
इसके ५ साल बाद मैने ८वीँ फेल महिलाओं के कल्याण के लिये काम शुरू किया / इस प्रकार मेरा सेवा का ये मिशन अब शिक्षा से आगे बढ़कर शराबबंदी , महिला अत्याचार आदि क्षेत्रों म़ें फैलने लगा था / मुझे किसी अदृश्य शक्ति ने मानवीय दृष्टिकोण के लिये जगाया और कहा कि तुम्हारा जीवन सिर्फ तुम्हारे लिये नहीं है / तुम्हारा जीवन समाज एवं राष्ट्र निर्माण के लिये है / शुरू म़ें तो मुझे ये सब स्वप्न जैसा लगा परंतु धीरे धीरे मुझे ऐसा आभास होने लगा कि कोई मुझे झकजोर रहा है; कि उठो अभी तुम्हें बहुत दूर जाना है, अपने लिये न सही समाज एवं राष्ट्र के लिये ही सही / एक बार तो मेरा मन परिवार की सोचकर डगमगाने लगा था / क्योंकि मैं तीन बच्चों की माँ भी थी / मैने मन क़ी स्थिरता के लिये ” गीता ” पढ़ना शुरू किया / धीरे धीरे यही गीता ज्ञान, मेरे लिये शिक्षा सेवा के राष्ट्रीय कर्मयोग का आधार बन गया/
उस समय राजनीति, भले एवं राष्ट्रीय सोच वाले लोगों का कार्य क्षेत्र हुआ करती थी / एक बार मेरी मुलाकात श्रीमती इंदिरा गाँधी से हुई / उस मुलाकात ने तो मेरा जीवन ही परिवर्तित कर दिया / अब मेरे व्यक्तित्व म़ें कठोर अनुशासन, दृढ इच्छा शक्ति, राष्ट्र के प्रति नजरिया सब कुछ बदल गया /
उस समय मेरी उम्र २६ साल की थी / मैं मेरे मिशन क़े साथ-साथ बच्चों की माँ भी थी / घर संभालना, बच्चों को संभालने के साथ- साथ समाज सेवा, शिक्षा सेवा एवं पीड़ित मानवता की सेवा एक मुश्किल कार्य था मेरे लिये परंतु फिर भी मेरे मजबूत इरादों ने कभी धोखा नहीं दिया, निराश नहीं किया / और इस प्रकार मैं आगे बढ़ती गयी / १९७५ म़ें शुरू किया स्कूल मैने अब तकनीकी शिक्षा की ओर मोड दिया/ मैने आई.टी.आई की शुरुआत की / इसके बाद डिप्लोमा इन फार्मेसी, पी.जी.डी.एम फिर इंजिनियरिंग, एम.सी.ए, होटल मैनेजमेंट और अब विश्वविध्यालय की स्थापना/ ये सब ३५ साल क़े सतत् संघर्ष का ही तो परिणामी है, न कि एक दिन की जिद का फल / ये सब कुछ जो आज आप देख रहे हैं वह उस पराशक्ति के आशीर्वाद क़ी ही परिणिती है जिसने मुझे इस प्रकल्प के लिये चुना और आपको इसका साक्षी बनाया/
कहते हैं कि ” आंधियों मैं चिराग जलाने का हुनर कोई उनसे सीखे” /
तूफ़ानी रफ़्तार से मानवीय संवेदनाओं को आंचल में समेटे, सपनों को ‘हकीकत’ में बदलने की जिद ने उन्हैं ” सच्चे अर्थों में हजारों शिक्षा सेवा के लाभार्थी एवं शिक्षार्थियों की ‘मातुश्री’ बना दिया” /
मैडम आपने उस भारत को देखा है जिसने गुलामी की दास्तान झेली / उस जमाने में शिक्षा एक दिवा स्वप्न की तरह अमीरों की बंधक थी? इस बारे में आपके क्या विचार थे उस वक्त ?
मैं उस मिशन का एक छोटा सा अंश बनी जिसमें गुलामी की दास्तान से शिक्षा को भी मुक्त होना था / मेरा मानना है कि हर इंसान मैं परमात्मा का एक अंश होता है / उसके दिल मैं ज्ञानरूपी प्रकाश का दीपक जलाना किसी मंदिर में दीपक जलाने के सदृश है / शिक्षा को भी गुलामी की जंजीरों से मुक्त होना चाहिये / परमात्मा हर इंसान को दीपक जलाने का मौका नहीं देता वल्कि सिर्फ उन्ही को देता है जिनमें दिये जलाने का हुनर परमात्मा प्रदत्त हो एवं उसको साकार करने की असीम उर्जा एवं जज्वा हो /
मैने तो एक दीपक जलाया था / ये श्रंखला कैसे बनी, ये तो उस महान आत्मा महर्षि अरविंदो एवं पराशक्ति सांई की देन है, करने वाला वही है, हम तो सिर्फ निमित्त् मात्र हैं/
मैडम आपको लोग एक मजबूत महिला के रूप मैं जानते पहचानते हैं / हमारे देश का सांस्कृतिक ताना – बाना कुछ ऐसा है कि यहाँ आप जैसी कुछ बिरली महिलाओं ने ही अपने दम पर मुकाम हासिल किये हैं/ आप भारतीय महिला शक्ति के उत्कर्ष का एक उदाहरण हो, उनके लिये एक रॉल मॉडल हो / आपको अनेकों पुरुस्कारों से नवाजा गया है /
पुरुष्कार / सम्मान पाकर आपको कैसा लगता है ? आप संघर्षशील महिला शक्ति के लिये क्या संदेश देना चाहेंगी ?
देखिये पुरुष्कारों की दरकार मुझे न तो कभी थी, और न कभी होगी / मेरा तो ” राष्ट्र भावना से प्रेरित काम और उससे मिलने वाली संतुष्ठी ही पुरुष्कार है ” / ऐसे कई मौके आये जब मैने पुरुष्कार स्वीकारने से ही मना कर दिया / जहां तक महिलाओं के लिये संदेश की बात है; तो मेरा उन सभी बहिन, बेटिओं एवं माताओं से यही कहना है कि ” वो महिला भला कमजोर कैसे हो सकती है जिसने कमजोर कहने वाले पुरुष को जन्म दिया, उसको बड़ा किया ” / नारी तो ब्रह्म्मांड क़ी अधिष्ठात्री है / नारी जब-जब कमजोर हुई तो सिर्फ अपने कारण और जब-जब वो शक्तिस्वरूपा बनी तब भी वह अपने ही कारण / बदलते युगों में जीवन देने वाली को जीवन क़ी शक्ति को समझना होगा /
मैं तो यही कहूँगी कि –
” हो के मायूश ना यूं , शाम से ढलते रहिये,
जिंदगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये !
एक ही पाँव पर ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही पर राह पे चलते रहिये !! “
मैं माँ हूँ! शिक्षा एक छोटी सी गर्भस्थ बालिका है मेरे लिये ? मैं संसार में लाकर इसके प्रकाश को राष्ट्र की चहुँ दिशाओं में फैलाना चाहती हूँ /
उनका ये संदेश महिलाओं एवं युवाओं में बारूद का काम करता है / ‘गीता’ ज्ञान को जीवन में उतारने का उनका संदेश ……आज सबको प्रेरित करता है / इंसानियत और राष्ट्र-प्रेम से ओत-प्रोत उनके व्याख्यानों के बारे म़ें ये कहना उचित होगा कि-
” गले में उसके खुदा क़ी एक अजीब कुदरत है,
जब वो बोलती है तो एक रोशनी सी निकलती है “/
मैडम आज भी आप अपने मिशन को कामयाबी क़ी उंचाइओं तक पहुचाने के लिये प्रयासरत हैं/ सुना है कि आपका व्यक्तित्व चार महान सख्शियतों का सम्मिश्रण है/
क्या वे दिव्य आत्मा महर्षि अरविंदो, पराशक्ति सांई, महान नारी श्रीमती इंदिरा गाँधी एवं ममतामयी मदर टैरेसा हैं?
हाँ, बिल्कुल सही पहचाना आपने / मैने योगी महर्षि अरविंदो से “आध्यात्म एवं देशभक्ति”, बाबा साँई से “कृपा”, इंदिरा जी से “शक्ति” एवं मदर टैरेसा से “निस्वार्थ मातृत्व ” को प्रत्यक्ष महसूस किया और लिया एवं जीवन म़ें अपनाया भी /
मैडम आपका कोई अहम संदेश-
मुस्कराते हुये हाथ जोड़कर वो कहतीं हैं –
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का बिस्वास कमजोर होना….
हम चले नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी क़ोई भूल हो ना…..
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About the Author
Prof.(Dr.) DP Sharma
International consultant/adviser (IT), ILO (United Nations)-Geneva
प्रोफेसर डी पी शर्मा एक स्वतंत्र स्तंभकार एवं अंतर्राष्ट्रीय कंसल्टेंट /सलाहकार, आई.एल.ओ. ( यूनाइटेड नेशन्स एजेंसी ) के साथ महर्षि अरविन्द इंस्टिट्यूट रिसर्च सेण्टर अंडर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय जयपुर से जुड़े हुए हैं / डॉ शर्मा को सूचना तकनीकी एवं पुनर्वास योजनाओं के क्षेत्र में किये उल्लेखनीय कार्यों के लिए तकरीबन 46 अवार्ड्स एवं प्रशंसा पत्रों से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है जिनमें “गॉड फ़्रे फिलिप्स नेशनल गैलेंट्री अवार्ड, प्रेसिडेंसियल अवार्ड एवं सरदार रत्न इंटरनेशनल अवार्ड फॉर टाइम अचीवमेंट्स प्रमुख हैं/
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Contact – : Email: dp.shiv08@gmail.com , WhatsApp: +917339700809
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Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.
[…] मैडम भारती पाराशर – A Brief Biography […]
Bharti Madam use to provide vide scope of education. In MAISM she use to provide opportunity to each and every mass of people. She knows how to read a person at the time of giving admission and thereby who is capable of completing the different courses which are prevailing in MAISM.After completing course from MAISM a person will surely have a good job opportunity.MAISM studdents are really growing in hands of great personality Mrs Bharti Parasher.
Respected Madam
I feel proud to work under your guidance
Appreciate your achievement
regards
Great Biography of Chair Madam
Inspired
Regards
Dear Dr.D.P.Sharma,
Thank you for such an inspirational biography of Ms Bharte Prasshar Madam.It is my good great fortune to go through it and feel motivated to serve society and particularly downtrodden people.
Such miracles happen when God`s or Guru`s Grace and individual`s right efforts flow together in unison.Madam Prasshar is a glowing example of such cases.
I convey my best regards to Madam Prasshar and wish her a great success for fulfilment of her dream of a great International University in which not only education of material world but that of Consciousness would also be given which is need of the hour.
Once again congratulations for being a part of such a great family led by Madam Prasshar.
First of all thanks to DR DP sharma sir to
Share this biography to us.
I really honoured and great full to working
In this organisation whose founder is such a independent ,courageous chairperson ma’am
Respected Chairperson mam
I read your autobiography and I got inspired by your struggle to achieve your goals. You have done what you have believed and I too want to be like you. Your inspiring and motivating words really make person like me to think to set new goals.
I pray to god for your health.
I feel myself very proud and fortunate to get the opportunity to work under your guidance. May God bless you with happiness and good health in life.
A true story of a iron lady.
She’s an great example of women’s empowerment. It’s my luck that i am working in her under guidance.
Thanks Dr D P Sharma sir for sharing biography of Ms Bharte Prasshar mam.
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She’s an great example of women’s empowerment. It’s my luck that i am working in her under guidance.
Thanks to Dr D P Sharma sir for sharing biography of Ms Bharte Prasshar mam.
I feel very fortunate to get the opportunity to work under your guidance. You are a role model for every female.May god bless you with good health.
A great leader gives life to a work of art..gives it a heart beat…..a pulse…opens it’s eyes to the world..
ma’am heartiest congrates to you.she is a very great and kind personality.her story, really a source of bright and successful future..
Thank you ma’am for giving us such inspirational and motivational thoughts in every step of our personal as well as professional life..
Wonderful woman,
May God give her all the strength …She truly is an inspiration for all of us..and of course thanks for sharing biography dp sir
Congratulations madam ,
I read very inspiration story.there is always the other side to whatever you experience in the world.Whenever we come across a challenge or puzzling situation ,look at the other side …you will be surprised to see an easy way to tackle the problem.Salute!
Congratulations madam ,
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Hi Dr Sharma
Thanks for sharing biography of Ms Bharte Prasshar
I translated by online tool in English
Inspired Dr. Sharma. she is great lady
Congratulations
Respected Madam
Congratulation Madam
We read today about U.
A true story of living legend. Mam it’s Really a motivational & inspiration for us.It’s our good fortune to be a part of the mission led by U.
Regards
It’s a matter of being fortunate enough to come across and know about such a vibrant lady ,who accomplished such a great work selflessly for the nation. And especially 35 years ago when being a woman meant more of troubles, that too while taking care of her kids as well. What a powerful combination of divine thoughts with a beautiful heart and unstoppable will to make efforts intellectually to fulfill a dream which eventually helps many thousands.
Salutes to you Madam.
She is courageous in the heart & smart in the head,confident in herself & compassionate in her thoughts,independent & able,strong & graceful
A great leader gives life to a work of art..gives it a heart beat…..a pulse…opens it’s eyes to the world..
ma’am heartiest congrates to you.she is a very great and kind personality.her story, really a source of bright and successful future..
Thank you ma’am for giving us such inspirational and motivational thoughts in every step of our personal as well as professional life..
I know Madam Bharti Prashar as a courageous woman who struggled hard to achieve her dreams to serve the society by imparting education. She is a living legend and example that shows hard work and determination can move even mountains.
Owner of an inspirational personality ma’am has been a motivation for bringing out the best in us as a teacher mother and as a women. It’s our good fortune to be a part of the mission led by madam.
परम सम्माननीय मैडम भारती पराशर
यथोचित अभिवादन
कहते हैं कि ईश्वर इंसान को बनाता है लेकिन इंसान जब ईश्वरीय कार्य को करने लगे तब परमात्मा की कृपा भी उस पर वरसने लग जाती है/
आपने शिक्षा को एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में लिया और उसको अपनी आँखों के सामने मूर्त रूप लेते एवं फलीभूत होते देखा ये भी एक भगवत इच्छा का ही परिणाम है / कहते हैं और सच भी है कि ” जिसने जीवन के सबसे बड़े पतझड़ देखे हों उसपर गर्म हवाओं का क्या असर होगा ” ये भी उस परमपिता परमेश्वर की ही इच्छा का परिणाम है / इस संसार का चाहे कुछ भी मत रहा हो , परंतु ये सर्वथा सत्य है कि कर्मयोगी व्यक्तित्व हमेशा विपरीत परिस्थितियों में ही जीवन के झझावातों को चीर कर सफलता एवं लोक कल्याण ने नवीन आयाम गढ़ते एवम मनुष्यता का नवीन सन्देश देते रहे हैं/ अब आपकी सेवा का ये ऐतिहासिक प्रकल्प एक नवीन मोड़ की वाट जोह रहा है/ आपके द्वारा आपके हाथों………
सधन्यवाद एवं सप्रेम
आप स्वस्थ एवं दीर्घायु हों
सपरिवार
डी पी शर्मा , अनुरागी शर्मा एवं अथर्व शर्मा
Dear Madam
Congratluations from bottom of heart
We listened today we read…..
A true story of living legend. Really a source of inspiration for new generation.
An inspiring Journey……long live
Patan Girls College family Congratulates and wishes for your healthy long life
Regards
Anuragi Sharma,
Principal & Director
Patan Girls College & Vidyapeeth(Affiliated to University of Kota)
Keshavraai Patan
Rajasthan