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जयपुर : जयपुर महर्षि अरविंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस एवं भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में स्टार्टअप एवं उद्यमिता विकास फॉर यूथ 2023 के नाम से इंटरनेशनल कांक्लेव का आयोजन किया गया l कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ भारत पाराशर के स्वागत संबोधन के साथ शुरू हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि स्टार्टअप दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत और युवा अपनी ऊर्जा को पहचानें एवं आईडिया को स्टार्टअप के माध्यम से जमीन पर उतारे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल एवं मैनेजमेंट गुरु भारद्वाज फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष पीएम भारद्वाज जो कि भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की चार संस्थाओं के एमडी / सीएमडी भी रह चुके हैं ने कहा कि हमारे देश के युवाओं को सरकारी नौकरियों के पीछे नहीं भागना चाहिए l
युवाओं को स्टार्टअप एवं उद्यमिता विकास की तरफ ध्यान देना चाहिए l उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को जॉब सीकर की जगह पर जॉब प्रोवाइडर बनना चाहिए। श्री भारद्वाज ने यह भी कहा कि भारत फिर विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा लेकिन जरूरी है कि युवा स्टार्टअप एवं उद्यमिता विकास की अवधारणा को हकीकत में धरातल पर उतारें। प्रबंधन एवं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पुस्तकों के अंतरराष्ट्रीय लेखक पूर्व कुलपति प्रोफेसर नवीन माथुर ने कीनोट स्पीकर के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि युवा उद्यमियों को देश को पहले मानना चाहिए। पहले आम आदमी की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के समाधान के बारे में सोचें और ट्रस्टीशिप के गांधीवादी दर्शन का पालन करें। खराब बिजनेस प्लान, वित्तीय कुप्रबंधन, अप्रभावी मार्केटिंग के कारण स्टार्टअप विफल हो जाते हैं।
कार्यक्रम के प्रमुख सलाहकार प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के राष्ट्रीय एम्बेसडर डॉ डीपी शर्मा जो कि यू एन आई एल ओ के आईटी कंसल्टेंट भी हैं ने कहा कि बड़ा आइडिया यह जरूरी नहीं है कि बड़े व्यक्ति या बड़े कंपनियां ही सोच सकें बड़ा आइडिया छोटे से बच्चे एवं छोटे से गांव से भी दुनिया के बड़े स्टार्टअप के लिए नजीर बन सकता है। बच्चों को रिस्क लेने की क्षमता और चुनौतियों को चुनौतियां देने की कला के साथ आगे बढ़ना चाहिए/ सकते हैं।
अमेरिका से डॉ मोहित गंभीर जो कि भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय में स्मार्ट हैकाथौन का भी कार्य कर चुके हैं एवं अमेरिका में वेरीस्पायर कॉरपोरेशन के प्रेसिडेंट एवं सीईओ हैं ने कहा कि किसी भी सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। यूनाइटेड किंगडम से आरोग्यम इंग्लैंड की फाउंडर डायरेक्टर एवं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन एवं भारत के आयुष मंत्रालय से जुड़ी डॉ नेहा शर्मा ने आनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हेल्थ सेक्टर और आईटी के क्षेत्र में कोई भी उपक्रम या स्टार्टअप के बारे में विद्यार्थी अगर आगे आना चाहते हैं तो हमारा ऑर्गेनाइजेशन एवं हम भारत के किसी भी स्टार्टअप को मदद करने के लिए तैयार। डॉ नेहा ने समग्र हेल्थ केयर सेक्टर के पहलुओं पर स्टार्टअप की संभावनाओं के बारे में चर्चा की। विद्यार्थी अपनी आंतरिक मजबूती को समझें और अंतरात्मा की आवाज से जो आईडिया दिमाग में आए उसको आगे बढ़ाकर रिस्क लेने की क्षमता डेवलप करें।
इस प्रोग्राम में प्रोफेसर राजकिशोर पारीक पूर्व सीईओ, अटल इनक्यूबेशन सेंटर एवं आईआईएससी बैंगलोर के एल्युमिनाई ने कहा कि सिर्फ टेक्नोलॉजी या ऐप बनाने तक ही स्टार्टअप सीमित न रहें। हेल्थ केयर सेक्टर एवं ऊर्जा के क्षेत्र में स्टार्टअप लगाने की ओर युवाओं का ध्यान आकर्षित होना चाहिए।अखिलेश त्रिवेदी सीईओ आनंद इन्नोवेशन सेंटर ने भी अपने विचार प्रकट किया ।
श्री त्रिवेदी ने कहा की हर विद्यार्थी के अंदर कैलिबर है बस सिर्फ उसे हिम्मत करने की जरूरत है और अपने आइडिया को वैलिडेट करते हुए आगे बढ़ाने की जरूरत। श्री त्रिवेदी ने भारत सरकार की कई स्कीमों के बारे में भी बताया और फंडिंग की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ अपराजिता शर्मा ने किया एवं सभी आगंतुकों का धन्यवाद उप प्राचार्य सुनील चौहान ने किया। इस अवसर पर कंप्यूटर साइंस के विभाग अध्यक्ष डॉ महावीर सेन ने कार्यक्रम की रुपरेखा एवं कार्यक्रम की प्रस्तावना के बारे में बताया। सभी पैनललिस्ट ने सरल भाषा में विद्यार्थियों को स्टार्टअप एवं उद्यमिता विकास के लिए जरूरी मंत्र दिएl
इस कॉन्क्लेव को बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक गणों ने भी अटेंड किया एवं प्रोग्राम की भूरि भूरि प्रशंसा की l