भाद्रपद माह, जिसे भादों भी कहा जाता है, सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योतिषाचार्य अनुरागा शर्मा के अनुसार, इस माह के दौरान धर्म रक्षा, सुख, समृद्धि, और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए क्या करें और क्या न करें, जानें इस विस्तृत लेख में।
भाद्रपद परिचय
भाद्रपद, जिसे आमतौर पर भादों के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग का छठा माह है। यह माह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा है और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस लेख में, ज्योतिषाचार्य अनुरागा शर्मा ने भाद्रपद माह के दौरान धर्म और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पालन करने योग्य नियमों और वर्जनाओं की विस्तार से चर्चा की है। आइए, जानें इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ताकि आप धर्म रक्षा, सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त कर सकें।
भाद्रपद माह का महत्व
धार्मिक परिप्रेक्ष्य
भाद्रपद माह की पूर्णिमा का दिन सदैव पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में पड़ता है। इसे लेकर धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि इस माह का नाम भाद्रपद और भादो इसीलिए पड़ा क्योंकि इस समय आकाशगंगा में ये नक्षत्र योग बनाते हैं। भाद्रपद माह में कई महत्वपूर्ण पर्व आते हैं जैसे जन्माष्टमी, गणेशोत्सव और तीज। ये पर्व हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
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भाद्रपद माह की विशेषताएँ
- चातुर्मास: भाद्रपद माह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान और व्रत करना विशेष महत्व रखता है।
- शून्य मास: इस माह को शून्य मास भी कहा जाता है, क्योंकि इस दौरान कई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, या नए घर का निर्माण शुभ नहीं माना जाता।
भाद्रपद माह में क्या करें?
धार्मिक कार्य
- स्नान और पूजा: भाद्रपद माह में स्नान और पूजा का विशेष महत्व है। रोजाना गंगा स्नान और देवताओं की पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।
- दान: इस माह में दान का महत्व बढ़ जाता है। विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से पुण्य प्राप्त होता है।
- व्रत और उपवास: इस माह में विशेष व्रत और उपवास रखे जाते हैं। व्रत करने से मन की शांति और समृद्धि मिलती है।
आहार और जीवनशैली
- हरी सब्जियाँ: भाद्रपद माह में हरी सब्जियाँ खाना शुभ माना जाता है। यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती हैं।
- दूध और घी: दूध, घी और मक्खन का सेवन इस समय लाभकारी रहता है। ये स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- संयमित जीवन: इस माह में संयमित जीवन जीना चाहिए। जमीन पर सोना और सादा जीवन बिताना उत्तम रहता है।
भाद्रपद माह में क्या न करें?
निषेधित कार्य
- मांगलिक कार्य: इस माह में विवाह, सगाई, या नए घर का निर्माण जैसे मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
- मांसाहार और नशीले पदार्थ: मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन इस माह में वर्जित है। ये धार्मिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से नकारात्मक माने जाते हैं।
- शहद और गुड़: इस समय शहद, गुड़, तिल, दही और नारियल के तेल का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। ये पदार्थ भाद्रपद माह में स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
आहार संबंधी वर्जनाएँ
- शहद और गुड़: भाद्रपद माह में इनका सेवन न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये पाचन में कठिनाई पैदा कर सकते हैं।
- नारियल तेल: इस माह में नारियल तेल का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यह धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ माना जाता है।
भाद्रपद माह में तीज का महत्व
तीज पर्व
हिंदू धर्म में भाद्रपद माह के दौरान चार प्रकार की तीज मनाई जाती हैं:
- अखा तीज: इसे अक्षय तीज भी कहते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- हरियाली तीज: इस पर्व को लेकर मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- कजरी तीज: इस दिन को कजरी तीज भी कहते हैं। कजरी तीज के दौरान महिलाएं शिव-गौरी की पूजा करती हैं ताकि उन्हें अखंड सौभाग्य मिले।
- हरितालिका तीज: यह तीज खासकर महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत रखने से सुखमय दांपत्य जीवन और अच्छे वर की प्राप्ति होती है।
FAQs
1. भाद्रपद माह में व्रत क्यों रखना चाहिए?
भाद्रपद माह में व्रत रखने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह समय धार्मिक उन्नति और आत्मिक शांति के लिए उपयुक्त होता है।
2. क्या भाद्रपद माह में विवाह करना शुभ है?
नहीं, भाद्रपद माह में विवाह और अन्य मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते। इस माह को शून्य मास के रूप में देखा जाता है।
3. भाद्रपद माह में कौन-कौन से पर्व मनाए जाते हैं?
भाद्रपद माह में प्रमुख पर्व जन्माष्टमी, गणेशोत्सव और तीज होते हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।
4. भाद्रपद माह में किस प्रकार का आहार सेवन करना चाहिए?
इस माह में हरी सब्जियाँ, दूध, घी और मक्खन का सेवन करना लाभकारी होता है। शहद, गुड़ और नारियल तेल का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
भाद्रपद माह का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। इस समय के दौरान धर्म रक्षा, सुख, समृद्धि, और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए सही आचरण और नियमों का पालन करना आवश्यक है। ज्योतिषाचार्य अनुरागा शर्मा की सलाह अनुसार, यदि आप भाद्रपद माह में उपरोक्त नियमों का पालन करेंगे, तो निश्चय ही आप धर्म, सुख और समृद्धि के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी उपाय को करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है।
ध्यान रखें, भाद्रपद माह में संयमित और अनुशासित जीवन जीने से न केवल आपकी धार्मिक उन्नति होगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा।
भाद्रपद माह के महत्व का सुन्दर वर्णन