विस्तृत नेटवर्क से सीबीईसी के राजस्व सतर्कता निदेशालय के कामकाज में सुधार होगा – प्रणब मुखर्जी

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The Union Finance Minister, Shri Pranab Mukherjee at the Annual Conference of Chief Commissioners and Directors General of Customs, Central Excise and Service Tax, in New Delhi . The Minister of State for Finance, Shri S.S. Palanimanickam and the Finance Secretary, Shri R.S. Gujral are also seen.
The Union Finance Minister, Shri Pranab Mukherjee at the Annual Conference of Chief Commissioners and Directors General of Customs, Central Excise and Service Tax, in New Delhi . The Minister of State for Finance, Shri S.S. Palanimanickam and the Finance Secretary, Shri R.S. Gujral are also seen.

आई.एन.वी.सी,,

भोपाल,,
               वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आज यहां सीमा शुल्क, केन्द्रीय उत्पाद और सेवा कर के मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्ष 2011-12 के लिए कर संग्रह में बेहतर निष्पादन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि विकास में मंदी और जून, 2011 में पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क में कटौती के बावजूद 3,92,781 करोड़ रूपये (उपकर) को छोड़कर 3,94,000 करोड़ रूपये के संशोधित अनुमानों से मामूली कम रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-13 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 4,99,694 करोड़ रूपया रखा गया है। लगभग 27 प्रतिशत अधिक का यह लक्ष्य केन्द्रीय उत्पाद और सेवा दरों में 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि को देखते हुए तय किया गया है। उन्होंने इस बात पर विश्वास व्यक्त किया कि विभाग चालू वर्ष के लक्ष्य को न केवल पूरा करने बल्कि उससे अधिक कर एकत्रित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि विभाग के सामने आज चुनौतियां बहु-आयामी हैं। सामान्य स्तर पर कर संग्रह बढ़ाकर कर-सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में गिरावट के रूख को बदलने की तत्काल आवश्यकता है। यह अनुपात 2007-08 में लगभग 12 प्रतिशत था, लेकिन 2011-12 में गिरकर 10.5 प्रतिशत के आसपास रह गया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार उचित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के जरिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और अनुकूल सार्वजनिक इंटरफेस के जरिए कर प्रशासन में सुधार की गुंजाइश है।

श्री प्रणब मुखर्जी ने विशेष रूप से प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्ष 2011-12 में सेवा कर संग्रह में 82,000 करोड़ रूपये के बजट अनुमान से कहीं अधिक वृद्धि हुई है, जो कि 97,389 करोड़ रूपये रहा है। 2012 के केन्द्रीय बजट में सेवा कर की दर बढ़ाकर 12 प्रतिशत की गई है ताकि धीरे-धीरे एकीकृत जीएसटी व्यवस्था की ओर अग्रसर हो सकें। वर्तमान वित्त वर्ष में सेवाओं पर कराधान के लिए नकारात्मक सूची का दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। नई व्यवस्था में नकारात्मक सूची अथवा अन्य कारणों से मुक्त सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं कराधान की परिधि में आ जायेंगी। नई व्यवस्था 1 जुलाई, 2012 से लागू हो जाएगी। सेवाओं के कराधान के प्रति नया व्यापक दृष्टिकोण कर सुधार का एक उज्जवल अंग है, जो कि जीएसटी को लागू करने की दिशा में पहला कदम है। संक्षेप में, सेवाओं के कराधान का व्यापक दृष्टिकोण एक प्रकार का विस्तृत कर आधार है जिसमें छूट के सीमित मामले होंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक केन्द्रीय उत्पाद शुल्क का संबंध है, उत्पाद शुल्क की मानक दर 2012 के वित्त विधेयक में 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की गई है। इन परिवर्तनों से विभाग को करों से अतिरिक्त राजस्व एकत्र करने में सहायता मिलने की संभावना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की स्वर्ण जयंती मना रहा है। विभाग अप्रत्यक्ष कर प्रशासन को पारदर्शी और व्यवस्था को कुशल बनाए रखने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है। उसने अपने यहां नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम परम्पराओं को अपनाया है। हाल ही में शुरू किए गए सुविधापरक उपायों में अन्य बातों के अलावा आयातकों और निर्यातकों द्वारा सीमा शुल्क के स्वत: आकलन की विश्वास आधारित प्रणाली शामिल है। आशा है कि इन उपायों से आयातित माल को छुड़ाने की सुविधाओं के स्तर में पर्याप्त वृद्धि होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन उपायों से स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहित होगा और लेनदेन की लागत में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य बंदरगाहों, हवाई अड्डों और तटकर केन्द्रों से माल छुड़ाने में कम समय लगने के वैश्विक मानक को प्राप्त करना है। केन्द्र और 11 राज्यों के साथ जीएसटी के लिए एक साझा पोर्टल विकसित करने की पायलट परियोजना शुरू करने के अलावा सरकार ने जीएसटीएन नामक एसपीवी स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

श्री मुखर्जी ने कहा कि एफआईसीएन, मादक पदार्थ आदि की तस्करी, पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं, पुरातत्व की वस्तुओं और अन्य वर्जित वस्तुओं का अवैध व्यापार हमारी अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। उचित शुल्क की अदायगी से बचने के लिए व्यावसायिक धोखाधड़ी बढ़ती हुई चिंता का एक अन्य क्षेत्र है। इन परेशानियों से कारगार रूप से निपटने के लिए जो पहल की गयी हैं उन्हें तेजी से लागू करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में सीबीईसी का तटकर पारदेशीय सतर्कता नेटवर्क (कोइन) सीमा के आर-पार लेन-देन से संबंधित जानकारी के आदान प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कोइन के वर्तमान 9 कार्यालय राजस्व सतर्कता निदेशालय के कामकाज में काफी सहायक हो रहे हैं। इस नेटवर्क का और विस्तार करने के लिए विदेश मंत्रालय चीन में कोइन के दो अन्य कार्यालय खोलने पर सहमत हो गया। उन्होंने कहा कि विस्तृत नेटवर्क से सीबीईसी के राजस्व सतर्कता निदेशालय के कामकाज में सुधार होगा।

श्री मुखर्जी ने कहा कि क्षमता निर्माण को उच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता है ताकि हम विभाग की चुनौतियों का सामना करने के लिए समर्पित अधिकारियों का एक दल तैयार कर सकें।

उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित अधिकारियों से आग्रह किया कि वे कर संग्रह को बढ़ाने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास करें और कुशल, दायित्वपूर्ण और करदाता हितैषी प्रशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहें।

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