प्रेम लता शर्मा की ग़ज़ल

बेवफ़ाई की अदा यूँ न दिखाओ यारो,
अपने खंज़र को भी अब सामने लाओ यारो.

पत्थरों को है छुपाया तुम्ही ने कश्ती में,
डूब जाते हैं चलो मुंह न छुपाओ यारो.

एक चेहरे पे लगा रखे है कितने चेहरे
दिल की दुनिया में अब जी के दिखाओ यारो.

बर्क गिरती हो गिरे या कि धूँआ उठ्ठे कही
दूर से देखो उसे पास न जाओ यारो.

भेस बदले है हवस नित नए लिबासों में
उसको पहचान के फिर खुद को बचाओ यारो.

रोशनी प्यार की होने दो अपने सीने में,
बाद मंदिर में कोई दीप जलाओ यारो.

राहजन था वो जिसे प्रेम तू समझी दिलवर
अपने लोगों से भी दामन को बचाओ यारो.
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प्रेम लता शर्मा

आईबीएम ग्लोबल सर्विसिज में कार्यरत
Colorado Springs, Colorado में रहते हैं
____________________________Prem Lata Sharma

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