कुंडली में विवाह के योग नहीं तो ये करे उपाय !

 

अधिकतर लोग अब 30 और कुछ 35 के बाद ही शादी करने लगे हैं। लिव इन रिलेशनशिप के अनैतिक प्रचलन के चलते अब लोग 40 की उम्र तक भी विवाह नहीं करते और मजे से रहते हैं। ऐसे लोगों का कोई परिवार नहीं होता। यह स्वार्थ का संबंध जब एक न एक दिन ‍टूटता है तब जिंदगीभर पछतावा पीछे छूट जाता है।

लाल किताब के अनुसार संसार में बहुत कम लोग हैं जिनका विवाह नहीं हुआ। विवाह करने का अर्थ सात फेरे लेना नहीं है, बल्कि दो लोगों का आपसी मिलन और संबंध होता है। अब यह मिलन का संबंध कब तक रहेगा यह सोचने वाली बात है। लेकिन वही व्यक्ति सही है जिसने धर्म के नियमों के अनुसार विधिवत रूप से विवाह किया और सात वचनों को अच्छे से पढ़कर निभाया तभी रिश्‍ता बनाया। जो ऐसा नहीं करता वह निषेध विवाह अर्थात प्रजापत्य विवाह, गंधर्व विवाह, असुर विवाह, राक्षस विवाह, पैशाच विवाह आदि का अनुगामी है। इस तरह के विवाह कुल के नाश और देश के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। खैर अब हम जानेंगे कि कुंडली में विवाह के योग नहीं हो तो कैसे ठीक करें?

विवाह की अड़चनें:-
1.हाथ में विवाह रेखा- हाथ में बुध पर्वत के पास और मस्तिष्क रेखा के ऊपर संतान और विवाह की छोटी-छोटी रेखाएं होती हैं। इसे प्रेम रेखा भी कहते हैं। यह एक अथवा एक से अधिक होती है। यदि यह रेखा गहरी और लंबी होती है तो व्यक्ति अपने रिश्तों को महत्व देता है। किंतु यदि यह रेखा छोटी और हल्की है तो व्यक्ति को अपने रिश्तों की परवाह नहीं है, ऐसा माना जाता है।

2.मंगल दोष- बहुत से लोग मांगलिक होते हैं इसलिए भी उनके विवाह में देरी होती है। लेकिन यदि आपको अपना है कि आप मांगलिक हैं तो आपको समय से पहले ही मंगल के उपाय करके लड़की या लड़का ढूंढना शुरू कर देना चाहिए था। हालांकि अधिकतर लोग आजकल विवाह के गंभीरता से नहीं लेते हैं।

कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल के होने को मंगलिक दोष माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि मंगल लड़की का विवाह मंगल लड़के से ही करना चाहिए लेकिन मंगल और शनि का मिलान करके भी विवाह हो जाता है। ज्यादा गुण मिलने से भी यह दोष दूर हो जाता है। हालांकि लाल किताब के अनुसार सप्तम भाव देखा जाना चाहिए।

3. कुंडली में विवाह के योग की स्थिति- लड़के की कुंडली में विवाह के लिए जिम्मेदार ग्रह शुक्र और लड़की की कुंडली में जिम्मेदार ग्रह गुरु है। लड़के की कुंडली में शुक्र कमजोर है तो विवाह में अड़चने आएगी और लड़की की कुंडली में गुरु कमजोर है तो विवाह में अड़चने आएगी। दूसरा यदि सप्तम भाव एवं सप्तमेश, पंचम भाव एवं पंचमेश बिगड़ा हुआ है तो भी अड़चने आएगी। कुछ ज्योतिष द्वादश भाव एवं द्वादशेश, द्वितीय भाव एवं द्वितीयेश, अष्टम भाव एवं अष्टमेश भी देखते हैं।

कैसे ठीक करें?
मंगल दोष के उपाय-
-प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
-भाई सौतेला हो या सगा उससे अच्छे संबंध रखें।
-मांस खाना छोड़ दें। कभी कभार खाते हैं तो भी छोड़ दें।
-घर के दक्षिण में नीम का पेड़ लगाएं और उसे प्रतिदिन जल चढ़ाएं।
-आंखों में सफेद सूरमा लगाएं। सफेद सुरमा नहीं मिले तो काला सूरमा लगाएं।
-घर से बाहर निकलते समय गुड़ खाना चाहिए। गुड़ खाएं और खिलाएं।
-विवाह पूर्व कुंभ या अश्वत्‍थ विवाह करें और भात पूजा भी करवाएं।

लड़की के लिए-
– खरगोश को प्रतिदिन खाना खिलाएं।
– गुरुवार का व्रत रखें और मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
– गुरुवार को वट वृक्ष, पीपल और केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें। साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
– माथे पर प्रदिदिन केसर या चंदन का तिलक लगाएं, तुलसी की माला पहनें।
– पीले वस्त्र ही पहने और घर में पर्दों और चादरों का रंग गुलाबी रखें।
– भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है।
– जब लड़की के पिता या भाई किसी लड़की के रिश्‍ते की बात करने के लिए घर से बाहर जाए तो लड़की तब तक अपने बाल खुले रखें जब तक की वह लौटकर नहीं आ जाए।

लड़कों के लिए-
– लड़कों को शुक्र के उपाय करना चाहिए।
– लड़कों को यह करना चाहिए कि वे मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं वहां बैठकर उनकी पूजा करें। फिर उनके माथे से थोड़ा सिंदूर लेकर उस राम और सीता के मंदिर में राम और सीता के चरणों में चढ़ाकर उनसे अपने शीघ्र विवाह की कामना करें। कम से कम 21 मंगलवार तक यह उपाय करें।
– लड़के या लड़की दोनों ही यह उपाय कर सकते हैं। सोमवार को एक किलो 200 ग्राम चने की दाल और सवा लीटर दूध किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
– लड़के या लड़की दोनों ही यह उपाय कर सकते हैं। किसी लाल गाय को रोटी में गुड़ लपेटकर खिलाते रहें या केसर भात खिलाएं। यह भी कर सकते हैं कि किसी भी गाय को गुरुवार को आटे के दो पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर खिलाएं तथा इसके साथ ही थोड़ासा गुड़ और चने की पीली दाल भी खिलाएं।
– विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए।
शुक्ल पक्ष के हर सोमवार को व्रत रखें और आंकड़े के आठ पत्ते की पूजा अर्चना कर सात पत्तों की थाली बानए और आठवें पत्ते पर अपना नाम लिखकर उसे शिवजी को अर्पित कर दें।
– पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें और महिलाओं को लाल रंग से पुरुषों की तस्वीर सफेद कागज पर रोजाना तीन महीने तक एक एक बनानी चाहिए।PLC

 




 

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