इस बार की होली फिल्मी आइटम बालाओं के साथ

सलमान खान भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी**,,
ब्रज और अवध की पारम्परिक होली के अलावा मुम्बई के बॉलीवुड की होली का भी अपना अलग ही महत्व है। मैं बॉलीवुड की होली का आनन्द उठाने के दृष्टिगत इस बार ट्रेन द्वारा मुम्बई आ गया। मुम्बई पहुँचने पर ट्रेन से उतरते ही मैंने अपने कुर्ते की जेब में रखा अबीर, गुलाल की पॉलिथीन थैली निकाल लिया, वह इसलिए कि जहाँ और जिस हालत में कोई युवती मिले उसी पर इन पारंपरिक होली सामग्रियों का इस्तेमाल करूँ। मैंने सुन रखा था कि मुम्बई की लड़कियाँ बिन्दास होती हैं। मेरे होली के किसी भी कृत्य को बुरा नहीं मानेंगी, उल्टे वह ‘एप्रीसियेट’ करेंगी। इसी सोच का सपना लिए मैं मुम्बई की सड़कों पर गिद्ध दृष्टि से मायानगरी की युवतियों की तलाश करने लगा।

तलाश के इसी क्रम में मैंने कुछ आइटम गर्ल्स के साथ होली खेलने का मूड बना डाला और पहला निशाना बनाकर चुलबुल पाण्डेय की भौजाई मलाइका अरोड़ा खान के बंगले पर पहुँच गया। मुझे वहाँ के सुरक्षा गार्ड ने रोका, उसने कहा डियर फ्रेन्ड यदि तुम अपने शरीर का भूगोल बरकरार रखना चाहते हो तो मेम साहिबा से मिलने की लालसा त्याग दो। मैंने पूंछा क्यों भइया? तो वह बोला आजकल दबंग पाण्डे अपनी भौजाई के इर्द-गिर्द ही रहकर उनके बाडी के गार्ड बने हुए हैं और वह तुम्हें देखते ही तुम्हारा हुलिया बिगाड़ देंगे। मैं मलाइका अरोड़ा खान से मिलकर होली खेलना चाहता था। गार्ड की बात सुनकर पहले से रखी हुई भाँग की गोली बगैर पानी के सटक लिया। कुछ देर बाद जब शंकर बूटी का असर हुआ तो मेरे मुँह से ‘‘लौंडा बदनाम हुआ नसीबन तेरे लिए, मैं झण्डू बाम हुआ मलाइका तेरे लिए।’’

इस गीत को सुनते ही अन्दर से आवाज आई गार्ड गाने वाले को अन्दर ले आवो। मैं खुश हुआ। गार्ड मुझे बंगले के अन्दर ले गया। जहाँ चुलबुल पाण्डे (सलमान खान) पहले से ही मौजूद थे। वह अपने आपे में नहीं थे। मुझे देखकर मलाइका ने पुकार कर किसी से होली की ठण्डई लाने को कहा। फिर जब होश आया तो मैंने अपने आपको कट्रीना कैफ के घर के पास पाया। वहाँ भीड़ लगी थी। लोग मुझ पर मल-मूत्र युक्त पानी डालकर मुझे होश में लाने का प्रयास कर रहे थे और सफल भी हो गए। मेरे होश में आते ही भीड़ के लोग वहाँ से नदारद हो गए। मैं उठा और माय नेम इज शीला, शीला की जवानी… गाने लगा।

कट्रीना के फ्लैट के बाहर खड़ा सेक्यूरिटी गार्ड मेरे पास आया और बोला हे मित्र यह गाना मत गाओ, वर्ना मेरा मूड और भी फोर्स में आ जाएगा तब मैं ऐसी हरकत कर बैठूँगा जिसकी कल्पना कट्रीना मेम साहिबा ने नहीं किया होगा। मैंने गाना बन्द कर दिया। किसी तरह मुझे कट्रीना कैफ से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हो गया। वह कुछ खिलाती-पिलाती इसके पहले उनसे मैंने आग्रह किया कि वह एक संक्षिप्त इन्टरव्यू दे दें। वह बोली डियर मीडिया परसन होली के रंगीन अवसर पर इन्टरव्यू कैसा? छोड़ो और मस्ती भरे माहौल में होली खेला जाए। मैं अपनी जिद पर अड़ गया और पूंछ बैठा… तो क्या आपने अपना मूड बदल लिया है और अब प्रचार के लिए (फिल्मी सीन में) कपड़े उतारेंगी? मेरे प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा अपना कान इधर लावो मैंने वैसा ही किया तो वह बोली इस बात को तुम विस्तार से छाप देना कि मैंने अब बोल्ड हाट सीन देने का फैसला कर लिया है। तुम पहले भाग्यशाली मीडिया परसन हो जिससे मैं इसे शेयर कर रही हूँ।

इसी बीच वहाँ शक्ति कपूर आ धमके और ‘चिकनी चमेली बिल्कुल अकेली पौव्वा चढ़ा के आई, शीला की जवानी’ गाते हुए ठुमके लगाना शुरू कर दिया। मैं वहाँ से धीरे से खिसक लेता हुँ। अब मेरा अगला पड़ाव जलेबी बाई यानि मल्लिका शहरावत के फ्लैट की ओर था। उनके आवास पर कब और कैसे पहुँचा मुझे पता ही नहीं चला। वहाँ भी गार्ड ने मुझको रोका तो मैने गाना शुरू कर दिया बीड़ी जलइले जिगर से पिया, जिगर मा बड़ी आग है, आग है, आग है….। मेरे मुँह से इतना सुनना था कि गार्ड ने बीड़ी जलाकर धुआँ उड़ाना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि उनके बंगले में अपेक्षाकृत भीड़ कुछ अधिक थी। मैं थकान महसूस कर रहा था इसलिए उनसे होली खेलने के उपरान्त उनको धन्यवाद दिया और फ्लैट से बाहर निकल पड़ा। मुझे छोड़कर वहाँ मौजूद लोग अब भी कमर मटकाव, लात चलाव डान्स कर रहे थे।

मैं शंकर बूटी के मादक प्रभाव से न चाहते हुए भी ‘फेवीकॉल गर्ल’ यानि करीना खान के घर पहुँच गया। वहाँ बहुत ही कम लोग मौजूद थे। गार्ड ने भी रोकना मुनासिब नहीं समझा था। सैफ अली खान ने मेरा गर्मजोशी से इस्तकबाल किया। मैंने उनके घर पर शीतल पेय लिया और इजाजत लेकर निकल पड़ा। मेरे मुँह से ‘‘मेरी फोटो को सीने से यार चिपका ले सइँया फेवीकॉल से और सेकेण्ड हैण्ड जवानी के मुखड़े-अन्तरे निकल रहे थे। इसी बीच मुझे नींद आ गई और मैं गहरी निद्रा में सो गया था, और देखा कि मैं भोजवुड की आइटम बाला सीमा सिंह के घर पहुँचा हूँ, जहाँ मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, पवन सिंह, संजय पाण्डेय आदि पहले से ही मौजूद होकर सीमा सिंह के साथ होली खेल रहे थे। मुझे देखते ही वे सभी मुझ पर टूट पड़े और बोले बहुत दिनों बाद मिले हो, और इसी के साथ उन सभी ने मुझे जबरिया भांग मिली ठण्डई पिलाकर ऐसा रंग पोता कि मेरी नींद खुल गई। उस समय मुझे रंग बरसे भीगे चुनर वाली…जैसे रंगो के पर्व पर गाये जाने वाले कर्ण प्रिय गीत ही सुनाई पड़ रहे थे।

*******
भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी**भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
मो.नं. 9454908400
*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here