आई एन वी सी ,
दिल्ली,
” इसके साथ ही हमारी पार्टी की यह मांग है कि इस मामले में राजस्थान सरकार को तुरन्त ही इनके खिलाफSC/ST Act अन्य सख्त कानूनी धाराओं के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करके इन्हें जल्दी से जल्दी जेल भेजना चाहिये।
– वरना पूरे देश में इन वर्गों के लोगों को, इनके इस बयान के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिये भी मजबूर होना पड़ सकता है – : मायावती “
– वरना पूरे देश में इन वर्गों के लोगों को, इनके इस बयान के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिये भी मजबूर होना पड़ सकता है – : मायावती “
” जब की लेखक आशीष नन्दी ने दलित एंव पिछडे़ वर्गो की भ्रष्टाचार में ज्यादा लिप्त होने सम्बन्धी जो बयान पर पहले ही सफाई दे चुके है
आशीष नंदी आशीष नंदी ने माफी मांगने के बाद भी मामला खत्म नहीं हुआ। इस मामले में चौतरफा विरोध को देखते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन पर गैर जमानती धाराएं लगी हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजक संजोय रॉय के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। दोनों पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है “
” बीजेपी नेता नजमा हेपतुल्लाह ने आशीष नंदी के बयान को बेहद अफसोसनाक बताया है “
” रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास अठावले ने आशीष नंदी के बयान को मूर्खतापूर्ण बताया है”
” जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजक संजोय रॉय के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। दोनों पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है “
जयपुर में हो रहे साहित्य सम्मेलन के दौरान लेखक श्री आशीष नन्दी ने दलित एंव पिछडे़ वर्गो की भ्रष्टाचार में ज्यादा लिप्त होने सम्बन्धी जो बयान दिया है वह सत्य से बिल्कुल परे, तथ्यहीन, गलत, अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण, निन्दनीय, व जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त है, जिसके लिये उन्हंे देश के लोगों से तत्काल माफी माँगनी चाहिए और इसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।साथ ही, इस प्रकार का घोर जातिवादी बयान देने के लिए जयपुर साहित्य सम्मेलन के आयोजकों को तत्काल श्री आशीष नन्दी को सम्मेलन से निकाल-बाहर करना चाहिए और इस प्रकार के घोर जातिवादी बयान देकर सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाले इस व्यक्ति के खिलाफ राजस्थान सरकार को तत्काल एस.सी/एस.टी. कानून सहित अन्य और सख्त कानूनी धाराओं के तहत्् कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए।और इतना ही नहीं बल्किी श्री आशीष नन्दी के इस घोर जातिवादी व अत्यन्त गैर-जिम्मेदाराना बयान से देश भर में दलित एंव पिछड़े वर्ग के लोगों में काफी ज्यादा रोष व उत्तेजना व्याप्त है। राजनीतिक विश्लेषकों का इस प्रकार का बयान समाज व देश की अस्मिता पर भी आघात करने वाला एक ऐसा विवादास्पद बयान है जिस पर कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही, इन वर्गों के बारे में, मैं यह दावे के साथ कह सकती हूँ कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा अगर कोई पीड़ित है तो वे एस.सी./एस.टी. व अन्य पिछडे़ वर्गों के लोग ही हैं। फिर भी उनके बारे में यह कहना कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार इन्ही उपेक्षित वर्ग के लोग करते है, अत्यन्त दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व घोर जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त हिंसा फैलाने वाला बयान है, जिस पर तत्काल सख्त कानूनी कार्यवाही आवश्यक है। इसके साथ-साथ इनके इस बयान से हमें ऐसा भी प्रतीत होता है कि इनका यह बयान जान-बूझकर एक सोची-समझी साजिश के तहत् इन वर्गों के लोगों को बदनाम करने के उद्देश्य से दिया गया प्रतीत होता है और इससे इनकी इन वर्गों के प्रति जातिवादी एवं हीन भावना साफतौर से हमें जाहिर होती हुई नजर आती है। इसलिये राजस्थान सरकार को बिना कोई देरी किये हुये स्वंय ही इनके खिलाफ सख्त से सख्त तुरन्त ही कानूनी कार्यवाही करनी चाहिये।