जाकिर हुसैन – : नरेंदर मोदी को लेकर भाजपा में अंतरविरोध है
केसरी दादा -; अंतर विरोध कुछ लोगो के मन है ,भाजपा के मन में नहीं है ,भाजपा के मन में होता तो भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह जी उनको लिए लियें नहीं फिरते ,भाजपा तो राजनाथ सिंह है न , ये जो फिलहाल असंतोष है ,ये असंतोष उनलोगों में है जो ये जानते है की मोदी हमारी सुनेगे नहीं और हम जो कहेगे वोह मंनेंगे नहीं और विरोध करने वाले वोह लोग है जो ये जानते है की अगर सरकार बनी और मोदी जी प्रधानमन्त्री बने तो हमारा दर्जा क्या होगा , मेरा मानना एसा है की अगर सब लोग मिलकर ये कह दे की हम आडवानी जी को राष्ट्रपति बना देंगे तो सब मामला खत्म हो जाएगा !
जाकिर हुसैन -: सब मामले खत्म मतलब ?
केसरी दादा -: संगठन में कभी कभी जो बुलबुले उठते है ,और लोगो है बुलबुले उठने के पीछे आडवानी जी है !
जाकिर हुसैन – : जैसे ?
केसरी दादा -:जैसे राम जेठमलानी ने कुछ कहा तो संगठन और आप भाजपाई वोटर को ये लगता है की ये तो आडवानी जी के कहने पर कह रहे है ,आडवानी जी राम जेठमलानी को सह दे रहे होंगे। आडवानी जी इसको मना नहीं करते है
जाकिर हुसैन -: आडवानी जी पर उंगलियाँ भी बहुत उठती है !
केसरी दादा -: हाँ आडवानी जी सर्व-माननीय व्यक्ति है इसलियें उनपे उंगलियाँ उठेंगे ही !
जाकिर हुसैन -: क्या RSS की कार्य-प्रणाली में कुछ फर्क आया है ?
केसरी दादा -: हाँ बहुत बड़ा अंतर आया है !
जाकिर हुसैन -: जैसे ?
केसरी दादा – : हमारे वक़त में अगर गुरु जी किसी का नाम अपने मुह से ले लिया तो एसा लगता था की भगवान् ने नाम ले नाम ले लिया है , लेकिन आजकल क्या हो गया की
जाकिर हुसैन -: क्या हो गया है आजकल ?
केसरी दादा -: पहले जो संघ के सर्व-माननीय पदाधिकारी होते थे वोह कभी अखबारों में जाते नहीं थे लेकिन आकल तो हमारे संघ के बड़े से बड़े पदाधिकारी भी मीडिया में बयानबाज़ी करे है ,अकबारो में समाचार देने लगे है ,जिसका फायदा लोग गुटबाजी करने के लियें उठा लेते है ,RSS एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है जिसका काम सबसे पहले समाज और संस्कृति की की धरोहर को संजो कर मजबूत बनाना है ,ताकि दूरदराज़ में गरीबी रेखा से भी निचे अपना जीवन यापन कर रहे हर आम इंसान को जीने का अधिकार दिलवाना है ,अब चाहे वोह हिन्दू हो , मुसलमान हो ,सिख या इसाई कोई भी क्यों बस वोह भारतीय नागरिक हो !
जाकिर हुसैन -: तो क्या संघ के अधिकारिओं को मीडिया से दूर रहना चाहिय ?
दादा केसरी -: नहीं एसा नहीं ,पर अपनी बात बात को कहने के लियें किसी छोटे पदाधिकारी को ये काम सोप दिजिय बस
जाकिर हुसैन -: आपने इतना लंबा वक़त संघ और भाजपा को दिया ,मैं आपसे ये जानना चाहता हु की अब में और तब में संघ के पर्चारको में क्या फर्क आ गया है
केसरी दादा – : पुराना जो संघ के प्रचारक होते थे उन्हें देखने वाले के मन में बहुत आदर और सम्मान होता था ,पुराने सभी संघ प्रचारक पूरी तरह देश और संघ को समर्पित होते थे , आजकल तो लक्सजूरियस मामला हो गया है न संघ प्रचारक होना , इसलियें कोई न कोई डिमांड तो आनी ही है ,
जाकिर हुसैन -: संघ प्रचारक और लक्सजूरियस…… मतलब ?
केसरी दादा -: हाँ भई , किसी को अगर समाज और सत्ता में अपनी जगह सुनिश्चित करनी है हो बस संघ प्रचारक हो जाओ ,सबसे पहले समाज में इज्ज़त मिलेगी फिर राजनीति में जगह भी सुनिश्चित हो जायेगी , ज़्यादातर आजकल जितने भी संघ प्रचारक है इसी मानसिकता के साथ प्रचारक बनते है ,अरे जाकिर जी हमारे वक़त में संघ प्रचारक होना था की सिबाय देश सेवा ,समाज सेवा के अलावा संघ प्रचारको का और कोई खुला हुआ और छुपा हुआ अजेंडा नहीं होता था !मैं जब संघ में आया था तो दीनदयाल उपाध्याय जी का कार्यकाल था तब कुशभाऊ ठाकरे मेरे गार्जियन थे ,प्यारे लाल खण्डेलवाल के साथ काम किया उस वक़त में सुदर्शन जी प्रचारक थे तब जनसंघ में था !
जाकिर हुसैन -: आजकल नरेंदर मोदी काफी चर्चा है में आप नरेंदर मोदी को किस रूप में देख रहे है ?
केसरी दादा -: मोदी जी जो मेरा सम्बन्ध है तब राम भाऊ प्रोबोध्नी बोम्बे उसी समय बोधिक वर्गों में मेरी उनसे मुलाकात थी !
जाकिर हुसैन -: आपको कैसा लगा ?
केसरी दादा -; मुझे लगा की इस इंसान में कुछ ख़ास है ,कुछ अलग हटके है , कुछ कर गुजने की [पूरी क्षमता है इस संघ के सिपाही में
जाकिर हुसैन -:तब में और अब में ?
केसरी दादा -:आज मुझे अपनी सोच पर गर्व है मैंने जो उस वक़त मोदी के बारे सोचा था आज मोदी उससे कही आगे है आज मुझे लगता है की भारतीय राजनीति में मोदी जी इकलोते ही एसे है जो कभी किसी के बह्काबे नहीं आते,किसी चापलूस की कोई बात नहीं सुनते न ही किसी चाटूकार को अपने आसपास फटकने देते है,मोदी जी में डिसीजन लेने की जो क्षमता है वोह किसी और राजनेता में मुझे नहीं नज़र आती है , मैं जाकिर साहब आपको एक बात और मोदी जी के बारे में बता दू की मोदी जी पहले एसे संगठन मंत्री जो गुजरात के न सिर्फ मुख्यमंत्री है बल्कि भारतीय राजनीति के साथ साथ देश की एक मात्र आशा भी है ,
जाकिर हुसैन -:थोड़ा सा साफ साफ़ बताये ?
केसरी दादा -: नरेंदर मोदी में जो निर्णय लेनी की क्षमता और उस निर्णय को अमल करनी की ताकत उनमे है वोह किसी और में मैंने नहीं !
जाकिर हुसैन -: तो क्या ये मान कर चले की या तो आडवानी जी अपना राजनितिक कैरियर ख़त्म करेंगे या फिर नरेंदर मोदी के साथ काम करेंगे ?
केसरे दादा – :नहीं मोदी के साथ से मतलब मोदी जी के प्रधानमंत्री होने पर वोह किसी मंत्री पद पर काबिज होंगे …… नहीं नही एसा नहीं हो सकता ?
जाकिर हुसैन -:नहीं नहीं से आपका मतलब क्या है ?
केसरी दादा -: आडवानी जी भाजपा के अब गार्जियन हो गयें है ,एक गार्जियन एक मंत्री और प्रधानमंत्री के पद से बहुत ऊपर होता है इसलियें अब आडवानी जी को अगर भाजपा का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घिषित कर दिया जाए तो सभी अंतर कलह के साथ साथ सभी गुटबाजियों को विराम लग जाएगा ,अब लोकसभा के एलेक्शन बहुत ही करीब है इस लियें जितनी जल्दी हो भाजपा आडवानी जी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित करके सभी विरोधियों को समाप्त करे !
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आज दिन में तीन बजे से चार बजे के बीच इंदिरा गांधी हवाई के टर्मिनल -3, पर हुई मुलाकात के दौरान लिया गया इंटरवियूं
—————————————–जाकिर हुसौन आई एन वी सी के सम्पादक है
…………………………. नारायण सिंह केसरी दादा ,भाजपा स्थापक सदस्य है और दो बार राज्य सभा के सांसद रह चुके है
Nice good