झंडेवाला मंदिर से आर.एस.एस का आर्शीवाद लेकर गुरूद्वारा चुनाव लडऩे वाले उमीदवारों को वोट न दें दिल्ली के सिख : सहजधारी सिख पार्टी

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sehajdhari sikh party  सहजधारी सिख पार्टी  paramjit singh ranuआई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,,

पंजाब का खजाना लूटकर, अब दिल्ली के गुरूद्वारों को लूटने चला शिअद

देश की राजधानी में एकता एवंम अखंण्डता को कायम रखने के लिए देश हित में आर.एस.एस के हाथों में खेलने वाली संप्रादायिक शक्तियों को दूर रखा जाए।

ब्यूटी पार्लर जाने वाली सिख महिलाएं सहजधारी सिख हैं, पतित तो अमृत तोडऩे वाला होता है, दिल्ली गुरूद्वारा चुनाव सूची में ज्यादा महिलांए सहजधारी सिख हैं: डा. राणू

भारत चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत राजनीतिक दल सहजधारी सिख पार्टी ने दिल्ली के गुरूद्वारा चुनाव हेतू आज यहां आयोजित संवाददाता स मेलन में संबोधन करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. परमजीत सिंह राणु ने कहा कि पंजाब में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का संचालन शिरोमणि अकाली दल बादल करता है तथा उसका संचालन भाजपा एवंम आरएसएस द्वारा किया जाता है। यहां तक कि मु यमंत्री के सलाहकार , जिन्हें पंजाब भाजपा अध्यक्ष मनोनीत किया गया है, वह भी आरएसएस के कार्यकर्ता हैं। पंजाब में सहजधारी एवंम अमृतधारी का विभाजन भी आरएसएस की देन हैं, क्योंकि सिख गुरूद्वारा एक्ट 1925 में यह संशोधन भाजपा की सरकार ने 2००3 में लाल कृष्ण अडवाणी जी के कार्यक ाल  में किया। अल्प सं यक धर्मो को विभाजित करके कमजोर करना आरएसएस का मु य एजेंडा रहा है। इसलिए अब दिल्ली के सिख सावधान रहें तथा झंडेवाला मंदिर से आरएसएस का आर्शीवाद लेकर गुरूद्वारा चुनाव में हिस्सा लेने वाले शिअद के इन उ मीदवारों को वोट न दें। शिरोमणि कमेटी अमृतसर के चुनाव में सहजधारी सिखों का 6० साल पुराना वोट अधिकार वर्ष 2००3 में भाजपा सरकार ने एक नोटिफिकेशन से गुरूद्वारा एक्ट में संशोधन कर समाप्त कर दिया था, जिसे मान्यवर हाईकोर्ट ने रद्द करके बहाल किया। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है जहां एसजीपीसी को कोई राहत नहीं मिल पाई। इसलिए यह 2०11 में हुए गुरूद्वारा चुनाव रद्द माने जा रहे हैं। अदालत के इस फैसले ने प्रमाणित कर दिया है कि सहजधारी सिख धर्म का हिस्सा है। डा. राणु ने कहा कि क ांग्रेस पार्टी पर हमेशा सिख धर्म में हस्ताक्षेप करने का आरोप लगाने वाला शिअद बादल खुद आरएसएस द्वारा संचालित है। सहजधारी और अमृतधारी का विवाद भी आरएसएस ने खड़ा किया था, जिसका भांडा हाईकोर्ट में फूंट गया। अदालत ने प्रश्न किया यह नोटिफिकेशन क्यों किया गया ? तो सरकार ने कहा कि एसजीपीसी के प्रस्ताव पर यह नोटिफिकेशन हुआ है, तो माननीय अदालत ने केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय की खुफिया फाइल की जांच की और पाया कि वह फाइल की नोटिंग अगस्त 2००० से चल रही थी परन्तू एसजीपीसी का  प्रस्ताव नवंबर 2००० में पारित हुआ था। इससे यह बात साबित हो गई है कि आरएसएस द्वारा संचालित गृह मंत्रालय जिसके मान्यवर अडवाणी जी मंत्री थे  वह आएसएस के इशारे पर सहजधारियों के वोट अधिकार को समाप्त करने का षडय़ंत्र पहले ही रच चुकी थी, जिसमें इन्हीं बादलों ने उनका खुलकर साथ दिया। डा. राणु ने कहा कि पंजाब में सरकारी खज़ाना खाली हो चुका है तथा 8० हजार करोड़ रूपए का कर्जा लोगों के सिर पर है। एसजीपीसी द्वारा गुरूद्वारों का पैसा भी यह लोग राजनीति में उड़ा देते रहे हैं और अब दिल्ली के अमीर गुरूद्वारों पर कब्जा करने की साजिश तहत यहां चुनाव में भाग ले रहे हैं। आज ब्यूटी पार्लर जाने वाली हर सिख युवती को यह लोग पतित कहते हैं और सिख नहीं मानते, जबकि सिर्फ अमृत तोडऩे वाला पतित होता है, जिसने अमृत छका ही नहीं  वह सभी सहजधारी गुरसिख ही हैं।सहजधारी सिख पार्टी दिल्ली के सिखों से अपील करती है कि वह अच्छे किरदार के सिखों को वोट दें जो धर्म के विकास के लिए सभी को साथ लेकर साथ चल सकें तथा धार्मिक संस्थाओं का विकास कर सकें । डा. राणु ने कहा कि उनकी पार्टी महसूस करती है कि शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने सरना साहिब के नेतृत्व में गुरूद्वारों एवंम सिख संस्थाओं का काफी विकास किया है। इसलिए उन्हें विकास के मुददें पर जिताना हर सिख का फर्ज़ बनता है। उन्होंने अपील की कि धर्म के विकास एवंम भारत देश की राजधानी दिल्ली में एकता एवंम अखंण्डता को कायम रखने के लिए देश हित में आरएसएस के हाथों में खेलने वाली इन संप्रादायिक शक्तियों को दूर रखा जाए।  

 

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