{ निर्मल रानी } वर्तमान युग में कंप्यूटर क्रांति ने निश्चित रूप से आधुनिक युग का नया एवं अद्भुत सूत्रपात किया है। मानव जाति इस कंप्यूटर क्रांति का लगभग प्रत्येक क्षेत्र में लाभ उठा रही है। कंप्यूटर का द$खल इस समय मानव संबंधित लगभग प्रत्येक क्षेत्र में इतना अधिक हो गया है कि संभवत: दुनिया का कोई भी व्यक्ति इससे पहुंचने वाले $फायदों व सुविधाओं से अनछुआ नहीं रह गया है। मानव कल्याण की योजनाओं में लगे हमारे वैज्ञानिक जहां कंप्यूटर से इंसान को अधिक से अधिक क्षेत्रों में पहुंचाए जाने वाले $फायदों के लिए प्रयत्नशील है वहीं ठग व दुर्जन प्रवृति के तमाम लोग ऐसे भी हैं जो इस महान वैज्ञानिक उपलब्धि का नाजायज़ $फायदा उठाने पर तुले हुए हैं। और ऐसे ही लोगों द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से ठगी का एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क संचालित किया जा रहा है। यह ठग, लोगों के ई-मेल पते हासिल कर उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भरे संदेश भेजते रहते हैं। इन संदेशों में कभी ई-मेल प्राप्त कर्ता को यह बताया जाता है कि उसकी करोड़ों की लाटरी निकली है तो कभी यह सूचना दी जाती है कि इरा$क अथवा किसी दूसरे युद्धरत्त देश में लूटा गया सैकड़ों किलो सोना उसके पास है जिसे वह सुरक्षित स्थान पर रखना चाहता है। कभी विश्व की किसी जानी-मानी हस्ती की विधवा के नाम से उसकी संपत्ति हस्तांरित करने की लालच का मेल आता है तो कभी किसी बड़े उद्योग को स्थापित करने के लिए भागीदार बनाने का लालच दिया जाता है। दुनिया में तमाम लालची प्रवृति रखने वाले लोग इस प्रकार के प्रलोभन का शिकार भी होते रहते हैं।
परंतु अब कंप्यूटर के अतिरिक्त मोबाईल $फोन को भी मोबाईल कंपनियों द्वारा कमोबेश इसी तरह इस्तेमाल किया जाने लगा है। मोबाईल $फोन पर ठगों के $फोन आने की बात तो छोड़ ही दीजिए स्वयं मोबाईल कंपनियां अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए तथा उनकी जेब से पैसे झाडऩे के लिए ऐसे-ऐसे घटिया व निम्रस्तरीय $फार्मूले अपनाने लगी हैं जिसे अनैतिक आचरण के सिवा और कुछ नहीं कहा जा सकता। दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि ग्राहकों को घटिया $िकस्म की लालच के जाल में फंसाकर उनकी जेब से पैसे निकालने की प्राईवेट संचार कंपनियों की मुहिम में अब भारत की सबसे बड़ी व विश्वसनीय समझी जाने वाली बीएसएनएल भी शामिल दिखाई दे रही है। पहले अक्सर यह सुनने को मिलता था कि क्रिकेट मैच के दौरान कुछ मिनटों के अंतराल में क्रिकेट का स्कोर एसएमएस द्वारा अपने ग्राहकों को मोबाईल कंपनियों द्वारा भेजा जाता था। हालांकि मोबाईल कंपनियां यही कहती थी कि ग्राहक द्वारा क्रिकेट स्कोर जानने हेतु रिक्वेसट भेजी जाती है। परंतु अनेक ग्राहक ऐसे भी थे जिनका दावा था कि उन्हें यह संदेश बिना किसी मांग अथवा रिक्वेसट के भेजे जा रहे हैं और प्रत्येक मैसेज के पैसे बार-बार काटे जा रहे हैं।
बहरहाल, अब इन्हीं कंपनियों ने मोबाईल $फोन ग्राहकों की जेब से पैसे निकालने का एक नया रास्ता निकाला है। जिसे इन्होंने सामान्य ज्ञान बढ़ाने का नाम दिया है। अब ज़रा सामान्य ज्ञान बढ़ाने वाली प्रश्रावली को भी देख लीजिए। एसएमएस द्वारा सवाल किया जाता है कि बताईए भारत की राजधानी क्या है। 1.कलकत्ता 2. दिल्ली? सचिन तेंदुलकर किस खेल से जुड़े हैं फुटबॉल या क्रिकेट? स्वर्ण मंदिर कहां स्थित है? अमृतसर में अथवा करनाल में? इस प्रकार के प्रश्र एसएमएस द्वारा भेजे जाते हैं तथा एसएमएस द्वारा ही इनके जवाब भी मांगे जाते हैं। जो गा्रहक एमएमएस करता है उसके तीन रुपये अथवा पांच रुपये उनकी बैलेंस राशि में से काट लिए जाते हैं। अब ज़रा प्रश्रों के स्तर को देखकर स्वयं सोचिए कि इन प्रश्रों में सामान्य ज्ञान बढ़ाने जैसी कौन सी विशेष बात पूछी जा रही है? कौन नहीं जानता इन प्रश्रों के या इन जैसे प्रश्रों के उत्तर? परंतु इन सवालों को देखकर सा$फ लगता है कि ऐसे सवाल करने वाली तथा सामान्य ज्ञान बढ़ाने का कथित रूप से बीड़ा उठाने वाली मोबाईल $फोन कंपनियों का म$कसद दरअसल सामान्य ज्ञान बढ़ाना नहीं बल्कि किसी भी प्रकार से छल-कपट के द्वारा ग्राहकों की जेब से पैसे निकालना मात्र है।
असैा अब मोबाईल $फोन कंपनियों द्वारा अपने ग्राहकों को ठगने का यह सिलसिला अनैतिकता की राह पर भी पकड़ चुका है। क्या सरकारी तो क्या $गैर सरकारी कंपनियां सभी अपने ग्राहकों को ऐसे-ऐसे संदेश भेज रही हैं जो किसी भी मनचले $िकस्म के ग्राहक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक संदेश-हॉट स्पेशल-वाच हॉट एंटरटेनमेंट वीडियोस का योर मोबाईल एट दि रेट दस रुपये प्रति सप्ताह। ऐसा ही एक और संदेश देखिए। हाय….निशा आपसे बात करना चाहती है। उसका नंबर 5000204 है। एक और संदेश करें मसालेदार बातें और मिलिए नए दोस्तों से वॉयस ऑ$फ चैट पर बिना अपना नंबर बताए डॉयल 50007511—-पांच रुपये प्रति मिनट। सुनें गल्र्स मौसिकी डॉयल 50007222 रूपये दो प्रति मिनट। एक और संदेश देखिए। क्या आप भी मेरी तरह ढूंढ रहे हैं एक ऐसा दोस्त जिसके साथ हर लम्हा बन जाए रंगीन? तो डॉयल 12630066,करेंगे मिलकर वही नटखट मज़ेदार बातें। पांच रुपये प्रति मिनट। इससे भी घटिया $िकस्म का यह संदेश $गौर कीजिए। हाय,अभी मैं अकेली हंू क्यों न मौ$के का $फायदा उठाया जाए। डॉयल कीजिए 12630035 और मज़ा लीजिए मेरी हसीन अदाओं का साथ में करेंगे बातें रंगीन तीन रुपये प्रति मिनट।
इसी प्रकार का एक और संदेश देखिए। हाय—-मैं नेहा हूं। जल्दी $फोन करें। मुझे तुमसे बात करनी है। मेरा नंबर 54000204 है। इस प्रकार के संदेश निश्चित रूप से मोबाईल $फोन ग्राहकों को वर$गलाते हैं। लाखों लोगों को भेजे जाने वाले इन संदेशों के बदले में नि:संदेह हज़ारों चस्केबाज़ व मंदबुद्धि ग्राहक अवश्य फंसते होंगे। नई युवा पीढ़ी भी इन मोबाईल $फोन कंपनियों के ऐसे फंदों में उत्सुकतावश ज़रूर फंसती होगी। यह कंपनियों केवल उत्तेजित करने वाले इसी प्रकार के संदेश मात्र ही नहीं भेजती हैं अथवा सामान्य ज्ञान बढ़ाने के नाम पर ही आपकी जेब से पैसे झाडऩे का प्रयास नहीं करतीं बल्कि इन के पास धर्म के नाम पर धार्मिक प्रवृति के लोगों से पैसे वसूल करने का भी शानदार फ़ंडा है। जैसे एक संदेश….हर रोज़ सुनें मां दुर्गा के भजन डायल करें 54000301 पर अथवा गायत्री मंत्र सुनने के लिए डायल करें अमुक नंबर पर । इसी प्रकार कभी ऐसे संदेश भी विभिन्न कंपनियों द्वारा भेजे जाते हैं जिसमें नाममात्र व घटिया $िकस्म के कथित सामान्य ज्ञान संबंधी प्रश्र पूछकर ग्राहकों को सोने का सिक्का इनाम में दिए जाने की लालच दी जाती है। मिसाल के तौर पर यह पूछा जाता है कि बताईए रोहतक किस राज्य में है? आंध्र प्रदेश में या हरियाणा में?
इस प्रकार के संदेशों तथा मोबाईल ग्राहकों को ज़बरदस्ती उत्सुकतावश या लालचवश अपनी ओर आकर्षित करने का अर्थ ही क्या है? क्या हमारे वैज्ञानिकों ने इस अत्याधुनिक संचार माध्यम की खोज इसी लिए की थी ताकि अरबों रुपये से स्थापित होने वाली मोबाईल $फोन कंपनियां चाहे वे निजी कंपनियां हों अथवा सरकारी, साधारण लोागें को बेवकू$फ बनाकर उनकी जेब से पैसे झाडऩे का माध्यम बन जाएं? क्या मात्र अपनी कमाई के चलते यह कंपनियां युवा पीढ़ी अथवा भोले-भालेे मोबााईल $फोन ग्राहकों को गुमराह करने तथा उन्हें अनैतिकता की राह पर लगाने की जि़म्मेदार नहीं हैं? मोाबईल कंपनियाों द्वारा इस प्रकार के प्रलोभन दिए जाने तथा लड़कियों से बातें कराए जाने जैसे संदेश भेजने से हमारा समाज पथभ्रष्ट नहीं होगा? ऐसे प्रलोभन देकर नाजायज़ तरी$के से पैस्ेा कमाने का आ$िखर इन कंपनियों को क्या अधिकार है? भारत सरकार,संचार मंत्रालय तथा संबद्ध विभागों को चाहिए कि देश के शरी$फ व भोले-भाले गा्रहकों तथा देश की युवा पीढ़ी को मोबोईल कंपनियों के ऐसे घटिया हथंकंडों से बचाएं। मोबाईल $कंपनियों को मोबाईल $फोन जैसी शानदार उपलब्धि का व्यवसायिक उपयोग आम लोगों की सुविधा, उनके ज्ञान वर्धन,चरित्र निर्माण तथा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में ही करना चाहिए। न कि उन्हें तीसरे दर्जे के सामान्य ज्ञान बढ़ाने का प्रलोभन देने अथवा लड़कियों से बातें करने जैसे घ्टिया संदेश भेजने के लिए। इस प्रकार के प्रयासों को रचनात्मक अथवा सकारात्मक प्रयास नहीं बल्कि मोबाईल कंपनियों द्वारा अपने ग्राहकों को ठगने तथा $गलत तरी$के से उनकी जेब से पैसे ऐठने की कोशिश के सिवा और कुछ नहीं कहा जा सकता।
*****************
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं.
Nirmal Rani (Writer )
1622/11 Mahavir Nagar Ambala City
134002 Haryana phone-09729229728
*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC
*****
बहुत ही अच्छा लेख हैं