स्वच्छ भारत से लेकर ‘विकसित भारत’ तक: डॉ. डी.पी. शर्मा के ज्ञानवर्धक संबोधन ने बदल डाला राष्ट्रीय एकता शिविर का माहौल!

एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में राष्ट्रीय एकता शिविर के दौरान डॉ. डी.पी. शर्मा ने भारत के भविष्य के लिए शक्तिशाली विचार साझा किए
एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में राष्ट्रीय एकता शिविर के दौरान डॉ. डी.पी. शर्मा ने भारत के भविष्य के लिए शक्तिशाली विचार साझा किए

जयपुर, भारत – एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर में देशभर से आए 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के एंबेसडर, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े अंतरराष्ट्रीय परामर्शक, प्रख्यात वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद डॉ. डी.पी. शर्मा ने ‘विकसित भारत रोडमैप’ पर विचार-विमर्श किया।

डॉ. डी.पी. शर्मा का प्रेरणादायक संबोधन

डॉ. शर्मा ने नवाचार (Innovation), अनुशासन (Discipline) और कौशल विकास (Skill Development) को भारत के सतत विकास के तीन प्रमुख स्तंभों के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत को वैश्विक स्तर पर विकसित देशों की श्रेणी में लाना है, तो हमें शिक्षा, डिजिटल परिवर्तन और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्राथमिकता देनी होगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब तक देश में साफ-सफाई, पर्यावरण-संरक्षण और तकनीकी नवाचार पर बल नहीं दिया जाएगा, तब तक आर्थिक और सामाजिक विकास अधूरा रहेगा

एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर में डॉ. शर्मा ने 'विकसित भारत' के लिए जरुरी कदमों की व्याख्या की
एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर में डॉ. शर्मा ने ‘विकसित भारत’ के लिए जरुरी कदमों की व्याख्या की

विकसित भारत के लिए स्वच्छता और तकनीकी नवाचार की भूमिका

डॉ. शर्मा ने अपने संबोधन में स्वच्छ भारत अभियान को केवल एक सरकारी योजना के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक अनिवार्य अंग बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र की बुनियाद वहां के नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा और जीवनशैली पर निर्भर करती है। यदि हमें भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाना है, तो स्वच्छता को एक सामूहिक सामाजिक आंदोलन बनाना होगा।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तकनीकी प्रगति और नवाचार के बिना कोई भी राष्ट्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे नहीं बढ़ सकता। डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और स्वचालन (Automation) जैसे क्षेत्रों में भारत को अपने अनुसंधान को गति देनी होगी।

डॉ. शर्मा की प्रमुख सिफारिशें

डॉ. शर्मा ने ‘विकसित भारत रोडमैप’ को सफल बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें दीं—

  1. शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण
    • नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना।
    • तकनीकी संस्थानों को अनुसंधान केंद्रों से जोड़ना।
    • स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहित करना, जिससे युवा नवाचार को अपनाएं।
  2. स्वच्छ भारत अभियान को और प्रभावी बनाना
    • सार्वजनिक स्थानों की साफ-सफाई के लिए सख्त नियमों और दंडात्मक प्रावधानों को लागू करना।
    • शिक्षा संस्थानों में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य बनाना।
    • कचरा प्रबंधन (Waste Management) और रीसाइक्लिंग (Recycling) को बढ़ावा देना
  3. डिजिटल इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारत की भूमिका
    • डिजिटल शिक्षा को ग्रामीण भारत तक पहुंचाना
    • AI और मशीन लर्निंग में भारतीय शोधकर्ताओं को विश्वस्तरीय संसाधन उपलब्ध कराना।
    • सरकारी योजनाओं को डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से अधिक पारदर्शी बनाना
  4. पर्यावरण और सतत विकास
    • ग्रीन एनर्जी (Green Energy) परियोजनाओं में निवेश
    • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए पर्यावरणीय नीतियों को लागू करना
    • जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना

एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान का योगदान

एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान ने राष्ट्रीय एकता और विकास के इस महत्वपूर्ण मिशन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। कुलपति प्रो. अमित जैन ने डॉ. शर्मा को शिक्षा और राष्ट्रीय विकास में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया।

डॉ. पल्लवी मिश्रा ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत की नई पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एमिटी यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं।

कार्यक्रम का समापन और भविष्य की योजनाएं

राष्ट्रीय एकता शिविर के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार ने डॉ. शर्मा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनका व्याख्यान छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता शिविर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो पूरे देश को एकजुट करती है।

एमिटी यूनिवर्सिटी ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में—

  • स्टार्टअप्स और नवाचार पर आधारित राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
  • स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
  • डिजिटल परिवर्तन और AI के उपयोग पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।

राष्ट्रीय एकता शिविर का यह सत्र केवल एक शैक्षणिक संगोष्ठी नहीं था, बल्कि यह एक राष्ट्र निर्माण की दिशा में उठाया गया ठोस कदम था। डॉ. डी.पी. शर्मा के विचारों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए स्वच्छता, नवाचार, अनुशासन और तकनीकी सशक्तिकरण अनिवार्य हैं।

एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान और राष्ट्रीय एकता शिविर के प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने में अपना सक्रिय योगदान देंगे

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