Tag: डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
Satire – जाहिद शराब पीने दे……
जाहिद शराब पीने दे......
"ग़ालिब:-
जाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर,
या वो जगह बता जहाँ पर खुदा नहीं..
इकबाल:-
मस्जिद खुदा का घर है पीने की जगह...
कहानी – : हरामजादा
- लेखक डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी ----------------हरामजादा -----------कहानी काफी पुरानी और वास्तविक घटना पर आधारित है। इसकी समानता किसी भी तरह से अन्य लोगों...
Satire : बुजुर्ग एक्स. एम.एल.ए. की ‘विधायक बहू’
-भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -पिछला चुनाव- अरे वही विधानसभा वाला, कई लोगों के लिए अच्छा साबित हुआ। कई ऐसे लोग जो वर्षों पहले विधायक रह...
तैनाती चित्राँशी अफसरों की हलकान खबरनबीस, बहस जारी
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -शाम को नित्य की तरह इवनिंग वाक पर था। टाइम हो गया था, इसलिए थोड़ा तेज कदम से घर की...
Satire : पत्रकार भाई जी ‘लिव एण्ड लेट लिव, ईट एण्ड लेट ईट’
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हे मित्र, मैं लाचार हूँ वर्ना अब तक आप द्वारा प्रेषित आलेख का प्रकाशन हो गया होता। मैं आप की...
Satire : हाय फ्रेंड्स ! हाउ एम आई लुकिंग…………..?
- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हाय फ्रेन्ड्स! मैं एक लिंक शेयर करने के पूर्व कमेण्ट्स लिखना चाहता हूँ। अब समझ में नहीं आ रहा...
Satire : बुद्धिश्रमिक : हीन भावना से ग्रस्त एक बेवश प्राणी
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हे बुद्धि श्रमिकों- मुझे तुम पर दया आती है। बेवजह ही तुम अहं के शिकार हो गये हो। मेरी नजर...
पल्सर पल्सर पल्सर और पल्सर……….
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
पल्सर- एक मोटर साइकिल जिसका इस्तेमाल बदमाश और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग कुछ ज्यादा ही करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के...
ऐ शहर-ए-लखनऊ तुझे मेरा सलाम है……
- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
अमाँ मियाँ वह भी क्या जमाना था। जब हमारा हर छोटा बड़ा सिक्का चला करता था। आज तो चवन्नी,...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ1. जलता हिन्दुस्तान
योगी नहीं
सन्त नहीं
लिप्साओं का
अन्त नहीं
चहुंओर मौत का ताण्डव,
दुर्योधन का वध कैसे
कोई नहीं है जब पाण्डव।
मौत के सन्नाटे में
कैसी आस
परिवर्तित हुआ जीवन परिदृश्य
वाह-...