Tag: poet Dr. Saurabh Malviya
अटलजी, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी
-डॉ. सौरभ मालवीय-टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
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दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती वर्ष पर विशेष : मानवता के कल्याण का विचार...
- डॉ. सौरभ मालवीय - मनुष्य विचारों का पुंज होता है और सर्व प्रथम मनुष्य के चित्त में विचार ही उभरता है। वही...
भारतीय समाज में भाषा का पासा और तथाकथित बुद्धिजीवियों का भम्र जाल
- डॉ. सौरभ मालवीय -भारतीय समाज में अंग्रेजी भाषा और हिन्दी भाषा को लेकर कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों द्वारा भम्र की स्थिति उत्पन्न की जा...