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मीना कुमारी को समर्पित कविता- कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविता सुनो मीना
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सुनो,
आँखों के किनारे
सजाना इंद्रधनुष
और कलाई में रोप लेना
जंगली फूल के बेनाम कंगन।
चांदनी के आस्तीन से ढँकी
तुम्हारे ग़ज़ल...
वैलेंटाइन डे – 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर विशेष
- ज्योति गुप्ता -"प्रेम" बिना किसी दस्तक के ज़िन्दगी में दाखिल हो जाता है बगैर यह देखे कि समाज के दरवाजे पर किस धर्म,...
कविताएँ – कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविताएँ जोगी चाँदयूँ खिड़की पर जो आते हो
मन जोगन से क्या पाते हो
न वचन कोई ना कोई सपना
ले खाली दामन ही जाते हो,
... फिर बोलो...
डा श्याम गुप्त के दो गीत
गीत.1.मधु कल्पना हो...
तुम ख्यालों की मेरी मधु कल्पना हो |
तुम सवालों से सजी नव अल्पना हो ||रंग तुम हो तूलिका के
काव्य का हर अंग...
कलीम के दोहे
कलीम के दोहे 'कलिमन' बेहद लाज़मी , हर हीरेकी जाँच ।
हीरेसे भी आजकल , ज़्यादा चमके काँच ।।'चिक्की-कांड' लगे मुझे , पकी-पकायी दाल ।
'लोक-दुलारी'के लिए...
कंचन पाठक की कविताएँ
कंचन पाठक की कविताएँ " मौन "
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सीमित है शब्दों की सीमाएँ ...
असीमित है मौन, सदैव मुखरित !
रहस्यमय है मौन
पर सुन्दर है मौन
मौन हो चटखती हैं...
सरिता झा की कविताएँ
सरिता झा की कविताएँ1) मेरी कलम रुक गई
दिल में है दर्द बहुत ,
क्यों न इसे,
पन्नें पे उतार दू !दिल में मेरे ये शोर ,
करता...
सरिता झा (आशु ) की कविताएँ
सरिता झा (आशु ) की कविताएँखामोशी
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खामोशी कभी कभी बिन बोले ,
बहुत कुछ कह जाती है !
पर तेरी खामोशी पे,
ये कैसी चादर पड़ी है ,
है ये...
सरिता झा की तीन कविताएँ
सरिता झा की तीन कविताएँ1) मेरी कलम रुक गई
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दिल में है दर्द बहुत ,
क्यों न इसे,
पन्नें पे उतार दूँ ?
दिल में मेरे यह शोर...
प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ
प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : प्रोमिला क़ाज़ी हिन्दी साहित्य जगत की रास चर्चित कवयित्री हैं. इनके काव्य विग्रह और...