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मीना कुमारी को समर्पित कविता- कवयित्री : ज्योति गुप्ता

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कविता                सुनो मीना _____________ सुनो, आँखों के किनारे सजाना इंद्रधनुष और कलाई में रोप लेना जंगली फूल के बेनाम कंगन। चांदनी के आस्तीन से ढँकी तुम्हारे ग़ज़ल...

वैलेंटाइन डे – 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर विशेष

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- ज्योति गुप्ता -"प्रेम"  बिना किसी दस्तक के ज़िन्दगी में दाखिल हो जाता है बगैर  यह देखे कि समाज के दरवाजे पर किस धर्म,...

कविताएँ – कवयित्री : ज्योति गुप्ता

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 कविताएँ जोगी चाँदयूँ खिड़की पर जो आते हो मन जोगन से क्या पाते हो न वचन कोई ना कोई सपना ले खाली दामन ही जाते हो, ... फिर बोलो...

डा श्याम गुप्त के दो गीत

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गीत.1.मधु कल्पना हो... तुम ख्यालों की मेरी मधु कल्पना हो | तुम सवालों से सजी नव अल्पना हो ||रंग तुम हो तूलिका के काव्य का  हर अंग...

कलीम के दोहे

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कलीम के दोहे 'कलिमन' बेहद लाज़मी , हर हीरेकी जाँच । हीरेसे भी आजकल , ज़्यादा चमके काँच ।।'चिक्की-कांड' लगे मुझे , पकी-पकायी दाल । 'लोक-दुलारी'के लिए...

कंचन पाठक की कविताएँ

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कंचन पाठक की कविताएँ " मौन " ~~~~~ सीमित है शब्दों की सीमाएँ ... असीमित है मौन, सदैव मुखरित ! रहस्यमय है मौन पर सुन्दर है मौन मौन हो चटखती हैं...

सरिता झा की कविताएँ

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 सरिता झा  की कविताएँ1)  मेरी कलम रुक गई दिल में है दर्द बहुत , क्यों न इसे, पन्नें पे उतार दू !दिल में मेरे ये शोर , करता...

सरिता झा (आशु ) की कविताएँ

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सरिता झा  (आशु ) की कविताएँखामोशी --------------- खामोशी कभी कभी बिन बोले , बहुत कुछ कह जाती है ! पर तेरी खामोशी पे, ये कैसी चादर पड़ी है , है ये...

सरिता झा की तीन कविताएँ

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सरिता झा की तीन कविताएँ1)  मेरी कलम रुक गई ******************** दिल में है दर्द बहुत , क्यों न इसे, पन्नें पे उतार दूँ ? दिल में मेरे यह  शोर...

प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ

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प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : प्रोमिला क़ाज़ी हिन्दी साहित्य  जगत की रास चर्चित कवयित्री हैं. इनके काव्य विग्रह और...

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