Tag: लेखक जगत
गीत : गीतकार धीरज श्रीवास्तव
गीत* धूप जिन्दगी..*
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इनके उनके सबके मन को
खलता रहता हूँ!
हुई जेठ की धूप जिन्दगी
जलता रहता हूँ!
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सपनों में ही छुपकर मिलने
खुशियाँ मेरे घर आएँ!
होंठ चूमती रोज...
कविताएँ : कवि किशन कारीगर
कविताएँ1. कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ?
(हास्य कविता)
मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही
की बजी अब चुनाबी घंटी
मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ
सत्ता की गलियारों में...
गीत : लेखक श्याम श्रीवास्तव
गीत1-
गीत हूँ मैं जन्म से ही
ज़िंदगी की खोज में हूँ
लक्ष्य जन-कल्याण है
भागीरथी की खोज में हूँ
जो अनय की हर चुनौती
को सहज स्वीकार कर ले
वन...
गीत – लेखक मणि मोहन
गीतसुबह
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आज फिर खुली रह गई
नींद की खिड़की
आज फिर घुस गया
बेशुमार अँधेरा भीतर तक
आज फिर ज़ेहन में
तैरते रहे
शब्द और सपने
अन्धकार की सतह पर
आज फिर
सुबह हुई
इस...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ1. जलता हिन्दुस्तान
योगी नहीं
सन्त नहीं
लिप्साओं का
अन्त नहीं
चहुंओर मौत का ताण्डव,
दुर्योधन का वध कैसे
कोई नहीं है जब पाण्डव।
मौत के सन्नाटे में
कैसी आस
परिवर्तित हुआ जीवन परिदृश्य
वाह-...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ........ द्रोणाचार्य
तुम्हीं ने-
‘अर्जुन’ को सर्वश्रेष्ठ ‘धनुर्धर’
की संज्ञा दी थी
और
‘एकलब्य’ का अंगूठा मांगकर
अपनी जीत
सुनिश्चित किया था।
तुम-
आज के परिवेश में भी
ठीक उसी तरह हो
जैसे-
द्वापर में ‘महाभारत’...
मणि मोहन की कविताएँ
कविताएँ1- घास बेचती औरत
रात के आठ बज चुके हैं
घास बेच रही है एक औरत
गाँधी चौक में
एक छोटा बच्चा
बैठा हुआ है उसकी गोद में
बछ्ड़े की...
अमरजीत गुप्ता कि रचनाएँ
रचनाएँ1-
ये छत के छज्जों से लटकती लड़कियां/
मुझे लगता है ऐसा/
जैसे /
रुढ़िवादी,अहंकारी नकचढ़ी/
सदियों से सीना तान खड़ी इन छतों को झुकाने के कोशिश में हैं....2-
इंसान...
राजेश कुमार सिन्हा की कविताएँ
1. सवाल करती है मुझसे
कई बार सवाल करती है मुझसे
मेरी कविता
मै क्यों लिखता हूँ
मै क्यों पन्ने रंगता हूँ
मै पशोपेश मे पड़ जाता हूँ
क्या जबाब...
श्यामल सुमन की गज़लें
1. आखिरी में सुमन तुझको रोना ही है
तेरी पलकों के नीचे ही घर हो मेरा
घूमना तेरे दिल में नगर हो मेरा
बन लटें खेलना तेरे...