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‘ दिल की लगी ‘ व् अन्य चार कविताएँ
कवि हैं ...संजय सरोज "राज" - कविताएँ -1. दिल की लगी...................दिल की लगी आज बुझाने चला हूँ
तडपता है दिल ये तेरी याद बनकर i
रोता है...
‘ मुसाफिर ‘ शब्द को केन्द्र में रखकर 105 मुक्तक – कवि श्यामल...
- श्यामल सुमन -
- मुक्तक -
जीवन है श्रृंगार मुसाफिर
जीवन पथ अंगार मुसाफिर,
खाते कितने खार मुसाफिर
जीवटता संग होश जोश तो,
बाँटो सबको प्यार मुसाफिर ...
चार नज़्में – शायर : राजेश कुमार सिन्हा
नज़्में1. लम्हे
बीते हुए लम्हों की महक
उनके साथ न होने की कसक
बेमौसम बरसात का कहर
और उनकी बेवफ़ाई से रौशन होता नूर –ए-सहर (सुबह का प्रकाश)
आज...
कविताएँ : कवि मणि मोहन
कविताएँ माथे से बहता हुआ पसीना
कभी - कभी
होंठों तक आ जाता है
कभी - कभी
गालों तक लुढ़कते हुए आँसू भी
आ जाते हैं होंठों तक
कभी -...
कविताएँ : कवि नंद किशोर सोनी
कविताएँ1 जीवन
एक क्षण भी समय का
नहंी व्यर्थ होना चाहिए।
जिन्दगी जीने का कोई
अर्थ होना चाहिए।
रूप कैसा भी हो तन का
भाव मन के उच्च हो।
भावनाओं की...
कविताएँ : कवि राजीव उपाध्याय
कविताएँ1. बिस्तर ताले में बन्द हो गया
छोटा बेटा था मैं
हाँ सबसे छोटा
जिसके बालों की चाँदी को अनदेखा करके
किसी ने बच्चा बनाए रखा था
जिससे लाड़...
कविताएँ ” विषय – विज्ञान और कविता ” : कवि मुकेश...
कविताएँ 1. रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!तुम्हारा आना
जैसे, एनेस्थेसिया के बाद
रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!जैसे ही तुम आई
नजरें मिली
क्षण भर का पहला स्पर्श
भूल गया सब
जैसे चुभी...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज
पांच कविताएँ1. सपनो की दुनिया
सुबह सुबह जब नींद से जागा
उठ कर बैठ गया बिस्तर पर
बेल बजी तब दरवाजे की
नींद हो गयी थी रफू चक्कर
बेमन...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज ” राज “
पांच कविताएँ1. उनके तस्वीर को अपने सीनेसे लगाये बैठे हैउनके आने की ख़ुशी में एक आस लगाये बैठे है
उनके तस्वीर को अपने सीने से...
छ कविताएँ : कवि संजय सरोज
कविताएँ1.हया
आज इस मुल्क और शहर को हुआ क्या है
सोचता हूँ की बाकी अब बचा क्या है
खुलेपन और सौंदर्य की चाह में
भूले, मान-मर्यादा और हया...