Tag: कविता संसार
‘ दिल की लगी ‘ व् अन्य चार कविताएँ
कवि हैं ...संजय सरोज "राज" - कविताएँ -1. दिल की लगी...................दिल की लगी आज बुझाने चला हूँ
तडपता है दिल ये तेरी याद बनकर i
रोता है...
आयुष झा आस्तीक की पांच कविताएँ
पांच कविताएँ1. ओ पश्मीना!ऊन की लच्छी था रिश्ता
कुछ हिस्से के स्वेटर बुने तुमने
और मुक्त हुई मुझे "बुनकर" बना कर।
लिखना पूस की ठंडी रात है...
कवि आयुष झा आस्तीक की प्रेम कविताएं
प्रेम कविताएं (1) कविता और तुम
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वह एक कविता
जो धूप पर लिखी थी मैंने,
पसीने में गल गयी...
झरने पर
लिखी गयी कविता की एड़ी
पहाड़ से फिसल गयी...
पहाड़ वाली...
‘ मुसाफिर ‘ शब्द को केन्द्र में रखकर 105 मुक्तक – कवि श्यामल...
- श्यामल सुमन -
- मुक्तक -
जीवन है श्रृंगार मुसाफिर
जीवन पथ अंगार मुसाफिर,
खाते कितने खार मुसाफिर
जीवटता संग होश जोश तो,
बाँटो सबको प्यार मुसाफिर ...
कवि आयुष झा आस्तीक की दस कविताएँ
दस कविताएँ (1) इन दिनों
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सुईया-धागा प्रतियोगिता में
अव्वल आती रही
किसी लड़की के स्वप्न में
बहत्तर छेद है।
चलनी में पइन भरती आ रही
कुछ महिलायें
पारंगत हो चुकी है
जलोढ़ मिट्टी...
कविताएँ – कवि : सुशान्त सुप्रिय
कविताएँ 1. इक्कीसवीं सदी का प्रेम-गीत
> ओ प्रिये
>...
‘Road Safety-Time for Action’
- Archana Datta -
Expansion of transport network is a necessary prerequisite for growth, and urbanization an almost certain corollary. So, as India charts a...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज
पांच कविताएँ1. सपनो की दुनिया
सुबह सुबह जब नींद से जागा
उठ कर बैठ गया बिस्तर पर
बेल बजी तब दरवाजे की
नींद हो गयी थी रफू चक्कर
बेमन...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज ” राज “
पांच कविताएँ1. उनके तस्वीर को अपने सीनेसे लगाये बैठे हैउनके आने की ख़ुशी में एक आस लगाये बैठे है
उनके तस्वीर को अपने सीने से...
छ कविताएँ : कवि संजय सरोज
कविताएँ1.हया
आज इस मुल्क और शहर को हुआ क्या है
सोचता हूँ की बाकी अब बचा क्या है
खुलेपन और सौंदर्य की चाह में
भूले, मान-मर्यादा और हया...