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चार नज़्में – शायर : राजेश कुमार सिन्हा

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नज़्में1. लम्हे बीते हुए लम्हों की महक उनके साथ न होने की कसक बेमौसम बरसात का कहर और उनकी बेवफ़ाई से रौशन होता नूर –ए-सहर (सुबह का प्रकाश) आज...

कविताएँ : कवि राजीव उपाध्याय

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कविताएँ1. बिस्तर ताले में बन्द हो गया छोटा बेटा था मैं हाँ सबसे छोटा जिसके बालों की चाँदी को अनदेखा करके किसी ने बच्चा बनाए रखा था जिससे लाड़...

कविताएँ ” विषय – विज्ञान और कविता ” : कवि मुकेश...

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कविताएँ  1.  रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!तुम्हारा आना जैसे, एनेस्थेसिया के बाद रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!जैसे ही तुम आई नजरें मिली क्षण भर का पहला स्पर्श भूल गया सब जैसे चुभी...

कविताएँ : कवि किशन कारीगर

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कविताएँ1. कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता) मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही की बजी अब चुनाबी घंटी मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ सत्ता की गलियारों में...

दामिनी यादव की रचनाएँ

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 रचनाएँ१- आज मेरी माहवारी का दूसरा दिन है। पैरों में चलने की ताक़त नहीं है, जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है। पेट की अंतड़ियां दर्द से खिंची हुई...

जयराम जय की कविताएँ

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 कविताएँ1- सहारा यहाँ कौन है मित्र मिलते हैं मिलते हैं सभी स्वारथ के, कृष्ण को सुदामा यहाँ कौन है ? मानव पतन के अनेक दीखते हैं द्वार उस पार जाने का सुद्वारा...

सुधा अरोड़ा की कविताएँ

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 कविताएँ1- अब हम तुम्हारी शतरंज के मोहरे नहीं कि दांव पे लगें हम और खेलो तुम आग में झुलसे हमारे घर और रोटियां सिकें तुम्हारी पहचान ली है तुम्हारी चालें तुम्हारी...

राजेश कुमार सिन्हा की कविताएँ

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 1. सवाल करती है मुझसे कई बार सवाल करती है मुझसे मेरी कविता मै क्यों लिखता हूँ मै क्यों पन्ने रंगता हूँ मै पशोपेश मे पड़ जाता हूँ क्या जबाब...

जुही झा की पांच कविताएँ

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जुही झा की पांच कविताएँ1.वो वीर जो रह गये अनाम खुशियाँ और दर्द में जब हुई टकरार चुनना था एक रास्ता उस वीर को, जिसमें, एक में था...

किशन कारीगर की कविताएँ

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किशन कारीगर की कविताएँ 1.कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ?   (हास्य कविता)मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही की बजी अब चुनाबी घंटी मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ सत्ता की...

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