Tag: कविता जगत
प्रियंका की पाँच कविताएँ
प्रियंका की पाँच कविताएँ एक
चलते चलते ठहरा था
बादल कोई कभी यूँ ही
कर गया नर्म ज़मी
सूखी सी पड़ी थी जो अब तक
ठहरना फितरत न सही
बंध के...
गौरी वैश्य की पाँच कविताएँ
गौरी वैश्य की पाँच कविताएँ 1. हे आराध्य
हे आराध्य!
मत भटकाओ
उस जाल में
जिसमें मुक्ति का द्वार नहीं।
करो कुछ कृपा
मत दो ऐसा प्रलोभन
है जिसमें मेरा उद्धार नहीं।
हे...
सुशांत सुप्रिय की कविताएँ
सुशांत सुप्रिय की कविताएँ 1. सुरिंदर मास्टर साहब और पापड़-वड़ियों की दुकान
तिलक नगर के सरकारी स्कूल में
इतिहास पढ़ाने वाले सुरिंदर मास्टर साहब को
मार डाला दंगाइयों...
जयश्री रॉय की लघु कथा राष्ट्रीय स्वाभिमान
जयश्री रॉय की लघु कथा : राष्ट्रीय स्वाभिमान- राष्ट्रीय स्वाभिमान -
सुबह-सुबह चाय की चुस्कियां लेते हुये मैं अख़बार पढ़ रहा था. आज मैं बहुत...
जुही झा की पांच कविताएँ
जुही झा की पांच कविताएँ1.वो वीर जो रह गये अनाम
खुशियाँ और दर्द में जब हुई टकरार
चुनना था एक रास्ता उस वीर को,
जिसमें,
एक में था...
सरिता झा (आशु ) की कविताएँ
सरिता झा (आशु ) की कविताएँखामोशी
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खामोशी कभी कभी बिन बोले ,
बहुत कुछ कह जाती है !
पर तेरी खामोशी पे,
ये कैसी चादर पड़ी है ,
है ये...
हिमांशु कश्यप की पाँच कविताएँ
हिमांशु कश्यप की पाँच कविताएँ
श्यामल सुमन की टिप्पणी : प्रतिभा को कौन दबा सका है आजतक? प्रतिभा उम्र, जाति, मज़हब, अमीरी, गरीबी से ऊपर उठकर...
जयश्री रॉय की लघु कथा सच्चाई
जयश्री रॉय की लघु कथा सच्चाई- सच्चाई -
गाड़ी की तेज़ ब्रेक की आवाज़ के साथ ही वह हृदय विदारक चीख गूंजी थी.आते-जाते हुये लोगों...
कुसुम ठाकुर की कविताएँ
कुसुम ठाकुर की कविताएँ (1) "जीवन तो है क्षण भंगुर"
बिछड़ कर ही समझ आता,
क्या है मोल साथी का ।
जब तक साथ रहे उसका,
क्यों अनमोल...
गौरी वैश्य की पांच कविताएँ
गौरी वैश्य की पांच कविताएँ 1.हे ईश्वर!
हे ईश्वर
मत दो प्रलोभन
स्वर्ग का
वैभव और ऐश्वर्य का
यदि तुम्हारी भक्ति का
प्रतिफल यही है
तो निरर्थक है
दुनिया के वैभव को ठुकराना
मोहमाया...