Tag: कविता की कहानी
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ1. कर्मवाद
मेरी अपनी कविता ने एक बार
पढ़ाया मुझे पाठ
कर्मवाद का
भावों के सहारे नहीं चलती
यह बहुरंगी दुनिया
बहुआयामी जीवन में
है निहायत...
सरिता झा (आशु ) की कविताएँ
सरिता झा (आशु ) की कविताएँखामोशी
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खामोशी कभी कभी बिन बोले ,
बहुत कुछ कह जाती है !
पर तेरी खामोशी पे,
ये कैसी चादर पड़ी है ,
है ये...
आशा पाण्डेय ओझा की कहानी बेबस बुढ़ापा
आशा पाण्डेय ओझा की कहानी बेबस बुढ़ापा- बेबस बुढ़ापा -
उमा के कॉलेज की छुट्टी आज साढे चार बजे ही हो गई। वैसे तो कॉलेज...
शिव कुमार झा टिल्लू की पाँच कविताएँ
शिव कुमार झा टिल्लू की पाँच कविताएँ 1 संविदात्मक जीवन
हम हो गए संवेदक
जी रहे है जीवन
संविदात्मक जीवन
परन्तु ! संवेदना से दूर
जो लड़े थे विरोधी बनकर...
कच्ची उम्र के कच्चे रिश्ते
- राजस्थान के बढ़ रहा कच्ची उम्र में शारीरिक संबंध बनाने का चलन, छह जिलों में हालात सबसे भयानक, गांवों में तेजी से पैर...
सरिता झा की तीन कविताएँ
सरिता झा की तीन कविताएँ1) मेरी कलम रुक गई
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दिल में है दर्द बहुत ,
क्यों न इसे,
पन्नें पे उतार दूँ ?
दिल में मेरे यह शोर...
अमित बैजनाथ गर्ग की कविताएँ
अमित बैजनाथ गर्ग की कविताएँ जिंदगी मेरी वैसे काम आए
जैसे एक 'औरत' की आती है
और मिटे तो हीना की मानिंद
जो पिसकर भी निखर जाती है...
- अमित...
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : सुश्री पारुल रस्तोगी प्रकृतिवादी कवयित्री हैं परन्तु अतिवादी नहीं . इनकी रचनाओं में प्रवाह...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ राजकुमार धर द्विवेदी की टिप्पणी : देश के मशहूर आलोचक नामवर सिंह ने एक बार कहा था -'बढ़ते हुए पेड़ को...
रितु झा की कहानी “अदृश्य आश “
रितु झा की कहानी "अदृश्य आश "शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : इस कथा के मर्म का दर्शन औऱ इसके गर्भ में छिपे वर्तमान...