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जयश्री राय , लेखिका कहानी खंडित आस्था

जयश्री रॉय की कहानी : खंडित आस्था

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खंडित आस्था - जयश्री रॉय  -मधु ने उसके सामने गर्म कांजी की थाली रखी थी, “मुंह में कुछ दे रूपा, उस नन्ही  सी जान के...

जयश्री रॉय की कहानी : प्रायश्चित

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 - प्रायश्चित -   जंगल में जगह-जगह लगी भट्टियों में बनती शराब की गंध से ग्रीष्म ऋतु की संध्या मदिर हो उठी है। वर्ष के...

जयश्री राय की लघु कथा चाँद समंदर और हवा

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जयश्री रॉय की लघु कथा  चाँद समंदर और हवा -  चाँद समंदर और हवा - मेरी ने फिर बाहर जाकर देखा – सूरज डूब चुका है।...

राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तक

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राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तकबातें करता गांव-गली की, अमराई , खलिहान की, गेहूं, सरसों, चना, मटर की, अरहर, कुटकी, धान की। नेताओं के कपट, छलावे, लिखता दर्द...

जयश्री रॉय की लघु कथा राष्ट्रीय स्वाभिमान

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जयश्री रॉय की लघु कथा : राष्ट्रीय स्वाभिमान- राष्ट्रीय स्वाभिमान - सुबह-सुबह चाय की चुस्कियां लेते हुये मैं अख़बार पढ़ रहा था. आज मैं बहुत...

जयश्री रॉय की लघु कथा सच्चाई

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जयश्री रॉय की लघु कथा  सच्चाई- सच्चाई - गाड़ी की तेज़ ब्रेक की आवाज़ के साथ ही वह हृदय विदारक चीख गूंजी थी.आते-जाते हुये लोगों...

पंकज त्रिवेदी की चार कविताएँ

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पंकज त्रिवेदी की चार कविताएँ(1) साँस से शब्द सूर हो सोऽहं ओहम ब्रह्मनाद के स्वर में भीगता सावनझमझम बरसात फुहार मन चंचल नभ गरजत कड़डड बिजली सोहतघोर...

जयश्री रॉय की लघु कथा अग्नि परीक्षा

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जयश्री रॉय लघु कथा अग्नि परीक्षा- अग्नि परीक्षा - “क्या शादी से पहले दुल्हन की किसी के साथ आशनाई?” सुन कर दुल्हा तप करअंगार बन...

राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंद

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राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंदस्नेहलता बोस की टिप्पणी : ताटंक छंद पर दो शब्द कविता में छंदों का बड़ा ही महत्त्व है। नई कवित्ता, अकविता...

प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ

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प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : प्रोमिला क़ाज़ी हिन्दी साहित्य  जगत की रास चर्चित कवयित्री हैं. इनके काव्य विग्रह और...

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