Tag: कवयित्री ज्योति गुप्ता
मीना कुमारी को समर्पित कविता- कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविता सुनो मीना
_____________
सुनो,
आँखों के किनारे
सजाना इंद्रधनुष
और कलाई में रोप लेना
जंगली फूल के बेनाम कंगन।
चांदनी के आस्तीन से ढँकी
तुम्हारे ग़ज़ल...
वैलेंटाइन डे – 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर विशेष
- ज्योति गुप्ता -"प्रेम" बिना किसी दस्तक के ज़िन्दगी में दाखिल हो जाता है बगैर यह देखे कि समाज के दरवाजे पर किस धर्म,...
कविताएँ – कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविताएँ जोगी चाँदयूँ खिड़की पर जो आते हो
मन जोगन से क्या पाते हो
न वचन कोई ना कोई सपना
ले खाली दामन ही जाते हो,
... फिर बोलो...