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स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ

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 स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ डॉ शेफालिका वर्मा की टिप्पणी : चलंत पद्यों और गीतों की अमावसी शस्य गहन उद्बोधन तले दब रही गंभीर काव्यों की...

श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ

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श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ 1. निशान पतीले में आग पर रखा दूध ले रहा था उबाल पर उबाल क्षण भर को फिसलती नज़र और एक उबाल ...बिखर गया दूध ह्रदय...

शुभेन्दु शेखर की कविता : कुछ अपनी बात करें

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शुभेन्दु शेखर की कविता : कुछ अपनी बात करें"कुछ अपनी बात करें" आओ कुछ अपनी बात करें टूटे सपने, झूठे रिश्ते पर बैठ ज़रा परिहास करें आओ कुछ...

शुभेन्दु शेखर की कविता : मुझको मुझमें रहने दो

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मुझको मुझमें रहने दो शब्द गऐ जो धँस अंत: में उनको घुल कर बहने दो मौन मुझे अब गढ़ने दो ! जितना भी कुछ व्यक्त हुआ है अनर्थ ओढ़...

शुभेन्दु शेखर के दिल से : झील का पीपल

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अजब सी ज़िन्दगी है तुम्हारी ..... एक शान्त सी मीठे पानी की झील की तरह .....तुम्हारा ये सौम्य सौन्दर्य किसी को भी विवश कर...

पंकज त्रिवेदी का संस्मरण : मेरी पैदल यात्रा

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पंकज त्रिवेदी का संस्मरण : मेरी पैदल यात्रा- मेरी पैदल यात्रा -  पैदल ही नीकल गया....काली सडकों को चीरता हुआ मैं उन गाँव के कच्चे...

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