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डॉ राजीव राज की कविताएँ
कविताएँ1 सब जले
आचार जले सुविचार जले।
मानवी लोक व्यवहार जले।
हर चौखट पर लपटंे लिपटीं,
अवतारों के दरबार जले।
परिवर्तन की तोड़ खुमारी जाग बाबरे जाग।
आग लगी है...
डॉ राजीव राज के मुक्तक
डा0 राजीव राज के मुक्तक- मुक्तक -हैं सियासी गिद्ध नभ में नोंचने को बोटियाँ।
बिछ गयीं देखो बिसातें चल रहे हैं गोटियाँ।
जल रहा है अन्नदाता...
अस्मित राठोड़ की पाँच गज़ले
अस्मित राठोड़ की पाँच ग़ज़ले
1 . खुदा को सलाम लिख लेता हूँ
बेहतर नहीं, बस मेरे ख्याल लिख लेता हूँ
कभी जवाब तो कभी सवाल लिख...
आभा द्धिवेदी की पांच कविताएँ
आभा द्धिवेदी की पांच कविताएँ 1) 'तुम'
तुम सुपात्र नहीं हो
नायक भी नहीं हो मेरी कहानी के
किसी भी रचना में
पर तुम हो
तुम ना जाने क्यूँ हो
तुम्हारा...
प्रियंका की पांच कविताएँ
प्रियंका की पांच कविताएँ1. *खामोशियाँ*
चलो आज फिर मैं जला दूँ एक दिया
और तुम गुज़र जाना
वैसे ही लापरवाही से
बड़ा खामोश सा है वो मोड़
जहाँ से...
अजेय “कामता-शिवा” शुक्ला की कविता : ठुल्ला
अजेय "कामता-शिवा" शुक्ला की कविता : ठुल्ला ठुल्ला
तुमने आते ही ये क्यों पूछा ?
मैं इतना आवारा कैसे हुआ ?
तुमने देखी हैं भीड़ से भरी वो...
अस्मित राठोड़ की कविता : सूत्रधार
अस्मित राठोड़ की कविता : सूत्रधारसूत्रधार
क्या कहाँ तुमने..?
मैं तुम्हें भूल क्यूँ नहीं जाता...?
पर कैसे...?
तुम जानती हो ना तुम क्या हो...?
तुम सूत्रधार हो...सूत्रधार...
मेरी भावनाओ के...
शिव कुमार झा टिल्लू की कलम से गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण
शिव कुमार झा टिल्लू की कलम से गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण* विशेष रूप से आगामी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च )पर जमशेदपुर की...
दर्श वीर संधू की कविताएँ
दर्श वीर संधू की कविताएँ1 .
कितनेखामोश होंगे
लफ्ज़,
जो ढल पाए
सन्नाटे ......
वरना
सुरों तक को
उठानी पड़ती है
उधारी, इनसे
महज़
नब्ज़ तक पहुँचने को......
औ
कंठ क्या हैं,
बेवजह बहती
कल कल का
बेआवाज़ रुदन
एक...
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ 1 किरण
एक बार तो बनकर आती नवल श्रद्धा की भोर किरण
तन से पूजन मन से अर्पण ना चाहत की...