Tag: डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
मुझे भी सम्मान की दरकार, क्या सम्भव है?
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी-पाठकों मैं वादा करता हूँ कि यदि मुझे कोई सम्मान मिला तो मैं उसे कभी भी किसी भी परिस्थिति में लौटाने...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ........ द्रोणाचार्य
तुम्हीं ने-
‘अर्जुन’ को सर्वश्रेष्ठ ‘धनुर्धर’
की संज्ञा दी थी
और
‘एकलब्य’ का अंगूठा मांगकर
अपनी जीत
सुनिश्चित किया था।
तुम-
आज के परिवेश में भी
ठीक उसी तरह हो
जैसे-
द्वापर में ‘महाभारत’...
अंग्रेजी तालीम : दैट व्हिच ऑल ग्लिटर इज नाट गोल्ड
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
नन्हे-मुन्नों के विद्यालय खुल गये। हमारे ऊपर नन्हे-मुन्नों की किताबों से भरे झोलों से कई गुना बोझ लद गया, क्योंकि...
जब वी मेट
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
पाठको! मुझे ऐसे लोग (स्त्री-पुरूष) पसन्द हैं जिनके शरीर में माँस हो- यानि स्वस्थ लोग। कृपया यह मत समझिए कि...
नजरिया: मोदी और केजरीवाल के प्रति
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
मुहब्बत करेगी असर धीरे-धीरे। जी हाँ थोड़ा सब्र करिए जल्दबाजी से कोई परिणाम नहीं मिलने वाला। जब अच्छे दिनों के...
नारी-अस्मिता और वोट बैंक
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
कौन कहता है कि महिलाएँ सशक्त नहीं हैं। मेरा अपना मानना है कि आदिकाल से ही महिलाओं की ही चलती...
वर्ल्ड कप 2015 सेमीफाइनल : इस हार पर सवाल तो बनता ही हैं !
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
यह पहला अवसर नहीं है जब देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को ‘टीम इण्डिया’ के स्टार क्रिकेटर्स ने निराश किया...
प्रेस फोटोग्राफर बनना एक बड़ी उपलब्धि
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी - मैं सलाह देना चाहूँगा कि यदि आप थोड़ा बहुत साक्षर और बेरोजगार हों और समाज में एक शिक्षित एवं सम्मानित...
एंड्रॉयड/स्मार्ट फोन या ‘बेकिंग बाउल’ (भिक्षा-पात्र)
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
अब तो यह सिद्ध हो गया है कि हम वाकई पिछड़े हैं। लोग 21वीं सदी की हाईटेक सिस्टम से हर...
व्यंग्य : सबकी ‘होली’ एक दिन, अपनी ‘होली’ सब दिन
सबकी ‘होली’ एक दिन, अपनी ‘होली’ सब दिन- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
मुझे बहुत अजीब सा लगता है, जब हास्य-व्यंग्य शैली में लिखने वाले...