शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 3 अक्टूबर, गुरुवार से हो रही है, जो हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का समय होता है। इस नवरात्रि में देवी का आगमन डोली पर हो रहा है, जिसे शुभ नहीं माना जाता, और इससे मौसमी बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है।
आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली : सनातन धर्म नवरात्रि का खास महत्व है. वहीं साल भर में कुल चार बार नवरात्रि का त्यौहार आता हैं . दो गुप्त नवरात्रि जो गृहस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता है तो वहीँ दो उजागर नवरात्रि जो गृहस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. इस साल कब शुरू हो रहा नवरात्री का त्यौहार और घटस्थापन का क्या शुभ मुहूर्त है.
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से होने जा रहा है. 3 अक्टूबर 2024 को ही कलश स्थापन होने वाला है. इस दिन से ही माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की शुरुआत होने वाली है. पूरी 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा आराधना भक्त करने वाले हैं. माँ दुर्गा के हर रूपों की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के मनोकामनाएं पूर्ण होती है. कष्ट समाप्त हो जाती है.
प्रतिपदा तिथि और कलश स्थापना
- प्रतिपदा तिथि: 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 3:12 बजे से शुरू होकर 4 अक्टूबर को रात 2:43 बजे समाप्त होगी।
- कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:00 से 7:00 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:52 से 12:40 तक
नवरात्रि के दिन और पूज्य देवी
- 3 अक्टूबर – मां शैलपुत्री
- 4 अक्टूबर – मां ब्रह्मचारिणी
- 5 अक्टूबर – मां चंद्रघंटा
- 6 अक्टूबर – मां कुष्मांडा
- 7 अक्टूबर – मां स्कंदमाता
- 8 अक्टूबर – मां कात्यायनी
- 9 अक्टूबर – मां कालरात्रि
- 10 अक्टूबर – मां सिद्धिदात्री
- 11 अक्टूबर – मां महागौरी
विजयादशमी (दशहरा)
- 12 अक्टूबर 2024 को विजयादशमी मनाई जाएगी, जिस दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा।
माता का आगमन और प्रस्थान
दिन के अनुसार माता का आगमन और प्रस्थान के वाहन का निर्णय लिया जाता है. विशाल माता का आगमन गुरुवार के दिन होने जा रहा है यानी माता डोली पर सवार होकर धरती पर वास करने वाली हैं , इस बार माता का आगमन डोली पर हो रहा है, जिसे अशुभ माना जाता है। इसका संकेत है कि लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।