तर्क और कुतर्क के भंवर में राजनीति बनाम विज्ञान में बहस

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लेखक
पीएम भारद्वाज
चार पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के सीएमडी एवं अध्यक्ष रहे हैं 

भारतवर्ष के इसरो द्वारा चंद्रयान 3 के चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के लिए वैज्ञानिक, देश के नेतृत्व कर्ता एवं सभी देशवासी हार्दिक बधाई के पात्र। चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश एवं चंद्रमा पर लैंड करने वाला चौथा देश बन गया है l

साउथ पोल पर अभी तक भारत के अलावा कोई भी देश लैंड नहीं कर पाया क्योंकि अंधेरा एवं जटिल परिस्थितियां इस कार्य को बहुत ही दूभर बना देती हैं।

पूरा देश इस समय गर्व एवं खुशी से झूम उठा है l ऐसे शुभ अवसर पर प्रिंट एवं सोशल मीडिया मे कुछ नकारात्मक बातें भी कुछ लोगों द्वारा लिखी जा रही हैं l चंद्रयान-3 की सफलता के मौके पर जबकि पूरा देश जश्न मना रहा है एवं पूरा विश्व हमारे देश को बधाई दे रहा है ऐसे में राजनीति से प्रेरित नकारात्मक बात लिखना देशवासियों के उत्साह को कम करना है और वैज्ञानिकों के उत्साह एवं योगदान को कमतर आत्मा आंकना है।

यह लेख में किसी भी तरह की राजनीति से प्रेरित होकर नहीं अपितु सिर्फ अपने अनुभव के आधार पर लिखा गया है।

मीडिया में यह लगातार लिखा जा रहा है कि चंद्रयान 3 का कार्य इसरो वैज्ञानिकों ने किया है इसलिए इसका श्रेय किसी भी तरह प्रधानमंत्री को नहीं लेना चाहिए। निसंदेह इसमें कोई दो राय नहीं कि इसरो के वैज्ञानिकों ने बहुत ही वैज्ञानिक श्रेष्ठता का कार्य किया है, लेकिन प्रधानमंत्री ने भी उनको समय-समय पर पूरी तरह से प्रोत्साहित किया है, इस सत्य और तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता। सनद रहे कि जब चंद्रयान 2 मिशन फेल हो गया था तब प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से इसरो अध्यक्ष डॉ के शिवम की हिम्मत बढ़ाई थी। इसरो के वर्तमान अध्यक्ष श्री सोमनाथ से भी प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार संपर्क में रहे एवं चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए हर संभव आर्थिक सहायता, तकनीकी और हौसला देते रहे। अगर किसी भी प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आ जाए तो यह बहुत बड़ी बात मानी जाती है एवं उस प्रोजेक्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है l

चंद्रयान दो एवं तीन के केस में प्रधानमंत्री स्वयं ही अध्यक्ष इसरो से लगातार वार्ता कर रहे थे l

इसके अलावा साउथ अफ्रीका मे महत्वपूर्ण मीटिंग में होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने चंद्रयान 3 के चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड होने के तुरंत बाद इसरो के वैज्ञानिकों एवं देश को संबोधित करते हुए कोई भी श्रेय स्वयं नहीं लिया बल्कि वैज्ञानिकों को एवं देश को बधाई दी जिसको राजनीतिक दृष्टि से देखना एवं उसकी विवेचना करना सरासर गलत है।

वैसे भी परंपरा है कि किसी भी परिवार के मुखिया होने के नाते व्यक्ति को अच्छे एवं बुरे कार्यों का श्रेय एवं अपश्रेय मिलता ही है l आप सबने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्राथमिकता के आधार पर महत्वपूर्ण परियोजनाओं में स्वयं व्यक्तिगत रुचि लेते हैं l महामारी कोविड-19 के समय भी वैक्सीन की फैक्ट्री में प्रधानमंत्री मोदी जी व्यक्तिगत रूप से गए थे और टीम हौसला अफजाई की थी।

प्रधानमंत्री मोदी जी साउथ अफ्रीका से लौटकर सीधे बेंगलुरु गए एवं इसरो वैज्ञानिकों से मिलकर देश और दुनिया को यह संदेश दिया कि वह भारत के इस मिशन से देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं जिसमें राजनीतिक विद्वेषता कोई मायने नहीं रखती। उनका यह कार्य बहुत ही सराहनीय है एवं राष्ट्रीय निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है l हमारा देश पूर्व में विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया था तो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उस गौरव की पुनर्स्थापना क्या गलत है।

विदेशी आक्रांताओं के कुकृत्यों के कारण सदियों तक देशवासियों का मनोबल भी बहुत टूट गया था l अब चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद सभी देशवासियों का आत्मविश्वास तेजी से बड़ा है, जिसका हमारे देश को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा एवं ऐसे समय में राजनीति से प्रेरित नकारात्मक बातें करना बहुत ही गलत है l हर तरह के भेदभाव को भुला कर सभी को राष्ट्र निर्माण में महकी भूमिका निभानी चाहिए l इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री की भूमिका चंद्रयान को सफलता दिलाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रही है l यह भी कहा जा रहा है कि भारतवर्ष एक गरीब एवं जनसंख्या में दुनिया का सबसे बड़ा देश है। अतः चंद्रयान जैसे प्रोजेक्ट में पैसा खर्च एक महंगे शौक को पालने जैसा काम है। व्यक्तिगत मत है कि हम दोबारा विश्व गुरु बनें इसके लिए जरूरी है कि हमें अनुसंधानों पर बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा l चंद्रयान दो एवं तीन पर जो खर्चा हुआ है वह विदेश की तुलना में बहुत ही कम है एवं इस निवेश का बहुत बड़ा लाभ हमारे देश को मिलेगा l हमारे रोवर ने कुछ ही दिनों में सफलतापूर्वक चंद्रमा के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।

चंद्रमा के अंदर शोध की असीम संभावनाएं छुपी हुई है l कई सारे दुर्लभ एवं महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ चंद्रमा की सतह पर मिल सकते हैं l चंद्रमा एवं दूसरे ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिलने पर हमें बहुत बड़ा फायदा होगा l वैसे भी अंतरिक्ष संबंधी सभी प्रोजेक्ट्स बहुत ही महत्वपूर्ण है देश के विकास के लिए भी l इसलिए यह कहना कि की चंद्रयानो पर किया जा रहा खर्चा फिजूल है सरासर गलत है l

चंद्रयान तीन के सफल होने की वजह से विदेश में भी हमारे देश की धाक जमी है एवं इसरो को बहुत बड़े ऑर्डर मिलना चालू हो गए हैं l

वर्तमान समय में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतवर्ष को विश्व मार्गदर्शक बनाने के बारे में बहुत अच्छा माहौल बना हुआ है एवं सभी को कंधे से कंधा मिलाकर ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहिए।

पूरे विश्व में यहूदी एवं हिंदुस्तानियों को बहुत ज्यादा बुद्धिमान माना जाता है l इजराइल में बहुत कम जनसंख्या होने के बावजूद विश्व में उनका स्थान बहुत ऊंचा है l हमें भी सब भेदभाव भूलकर राष्ट्रीय हित के कार्य करने चाहिए ताकि हम दुनिया में अपना स्थान सुरक्षित कर सकें।

 



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पीएम भारद्वाज
चार पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के सीएमडी एवं अध्यक्ष रहे हैं।

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