देश को फांसीवाद की तरफ ले जाया जा रहा है, देशवासियों को इसे समझना होगा
गुवाहाटी में आयोजित आसाम प्रदेश कौमी तंजीम की सभा में तारिक़ अनवर ने बताया कैसे हिटलर ने लोगों की जान ली
आई एन वी सी न्यूज़
गुवाहाटी ,
गुवाहाटी में आयोजित आसाम प्रदेश कौमी तंजीम की सभा को संबोधित करते हुए आल इंडिया क़ौमी तंज़ीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर ने देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए समूचे देशवासियों से अपील की कि यह समय देश को बचाने का है. उन्होंने कहा कि एक तरफ गांधी की विचारधारा है और दूसरी तरफ गोडसे की, स्पष्ट है कि देश को अखंड गाँधी की विचारधारा ही रख सकती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह गांधी के देश में गोडसे के मंदिर के निर्माण की वकालत हो रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
श्री अनवर ने कहा कि अगर हमें देश को एक लड़ी में पिरोए रखना है तो यह जरूरी है कि देश में भाईचारे का माहौल बना रहे. उन्होंने कहा कि संप्रदायिकता अल्पसंख्यक की ओर से हो या बहुसंख्यक की ओर से दोनों देश के लिए घातक है. उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में एक देश धर्म के नाम पर बना था लेकिन वह बहुत दिनों तक एक नहीं रह सका और बांग्लादेश आज अपनी आजादी के 50 बरस पूरे कर चुका है. उन्होंने कहा कि हमारे देश के निर्माताओं ने देश को इसी लिए सेक्युलर सिद्धांतों पर आगे बढ़ाया था और धर्मनिरपेक्षता पर इसकी नींव रखी थी ताकि देश में हिंदू मुस्लिम सब मिलकर के रहे.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए जरूरी है कि हम अपने पूर्वजों की नीतियों को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश के तमाम संस्थानों को कब्जे में लिया जा रहा है और ताकत को एक जगह जमा किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा हिटलर और नाजी ने क्या किया? हमें समझना होगा, जिस के कारण हजारों लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि भारत की मिट्टी में संप्रदायिकता के खिलाफ कार्य करने की क्षमता है और भारत ने कभी भी संप्रदायिकता को कुबूल नहीं किया है. हमें पूरा विश्वास है कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लोग फिर से पूरी ताकत से उठ खड़े होंगे और बीजेपी,आरएसएस के नेतृत्व में संप्रदायिकता का जो ज़हर घोला जा रहा है संवैधानिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए उसका मुकाबला करेंगे.
उन्होंने लोगों से आल इंडिया कौमी तंजीम से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कौमी तंजीम किसी व्यक्ति या किसी जाति या धर्म के लोगों की संस्था नहीं है बल्कि यह उन 130 करोड़ देशवासियों की है जो गांधीवादी विचारधारा में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक आबादी आज भी धर्म निरपेक्षता के हक में है. कुछ मुट्ठी भर लोग धर्म निरपेक्षता और सेकुलरिज्म की जड़ों को कमजोर करना चाहते हैं और देश को फासीवाद की तरफ ले जाना चाहते हैं, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं होगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपने वोट की ताकत से संप्रदायिक शक्तियों को हराने का काम करें, ताकि गांधी के देश में गोडसे के विचार न फैलने पाएं, क्योंकि इस से सभी समुदायों का नुकसान होगा.