क्या भाजपा का कांग्रेसीकरण हो रहा है?

नई दिल्ली|ऐसा लगता है कि भाजपा में मुख्यमंत्रियों के बदलने का दौर है। क्या वजह है इस बदलाव की? मुख्यमंत्रियों की अक्षमता, स्थानीय राजनीतिक परिस्थितियां, सामाजिक समीकरणों का दबाव या फिर और कुछ? पिछले चंद महीनों में तीन प्रदेशों में चार मुख्यमंत्री, जबकि मोदी के पहले कार्यकाल में एक भी मुख्यमंत्री नहीं बदला। उस समय कहा गया कि जिसे मौका दिया है, उस पर भरोसा करना चाहिए। मुख्यमंत्रियों के इस तरह बदलने का चलन कांग्रेस में रहा है। एक स्वाभाविक-सा सवाल उठता है कि क्या भाजपा का कांग्रेसीकरण हो रहा है? यह शायद इस राजनीतिक परिघटना का अति सरलीकरण होगा। यह भी कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीयकरण की राजनीति करते हैं, इसलिए ऐसा हो रहा है। यदि ऐसा है तो पहले पांच साल क्यों कोई मुख्यमंत्री नहीं बदला? खासतौर से राजस्थान और झारखंड में। जहां भाजपा के विरोधी भी कह रहे थे कि मुख्यमंत्री बदल जाए, तो भाजपा जीत जाएगी। इस बदलाव के पीछे कोई एक नहीं कई कारण नजर आते हैं। पहला कारण है, राज्य विशेष की राजनीतिक परिस्थितियां। जैसे उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी के लिए बोझ बन गए थे। उन्हें बनाए रखने का मतलब था कांग्रेस को वाकओवर देना। फिर बने तीरथ सिंह रावत। महीने भर में ही पार्टी नेतृत्व को समझ आ गया कि गलती सुधारने के चक्कर में और बड़ी गलती कर दी। फिर आए पुष्कर सिंह धामी। आते ही लगने लगा कि सही दिशा मिल गई। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here