आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
देश की सबसे पुरानी राजनितिक पार्टी और आरएसएस की जननी अखिल भारत हिन्दू महासभा ने अब किसान हित के आवाज़ उठानी शुरू कर दी हैं ,अगर अखिल भारत हिन्दू महासभा किसानो के हित में सडको पर उतर आती हैं तो आरएसएस और भाजपा के लियें सबसे बड़ी परेशानी का सबब बन सकती हैं क्योकि आरएसएस को बनाने वाली अखिल भारत हिन्दू महासभा ही हैं ! ऐसे में अगर गैर भाजपाई दलों के साथ हिन्दू महासभा ने भी अपनी आवाज़ उठा दी तो भाजपा को भूमि अधिग्रहण बिल पर बहुत बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती हैं ! क्योकि अखिल भारत हिन्दू महासभा देश के साथ साथ दुनिया का सबसे पुराना हिंदूवादी संगठन हैं और आज भी देश के साथ साथ पूरी दुनिया हिन्दू महासभाइयो की एक बड़ी तादात मौजूद हैं जो आरएसएस को अपना पुत्र और भाजपा को अपना पोत्र मानते हैं ! अगर सूत्रों की माने तो नरेद्र मोदी विरोधी गुट अब हिन्दू महासभा के साथ लामबंद होने की तैयारी कर रहा हैं !
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश कौशिक, राष्ट्रीय महामंत्री मुन्ना कुमार शर्मा एवं राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी ने एक संयुक्त वक्तव्य में कांग्रेस और भाजपा को किसानों की समस्याओं पर घड़ियाली आंसू बहाने को लेकर आड़े हाथों लिया है. गौरतलब है कि भूमि-अधिग्रहण बिल पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां किसानों की समस्याएं सुलझाने की बजाय राजनीति करने में लगीं हैं. हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कौशिक ने इस आंख-मिचौली के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी को जनता के प्रति जवाबदेह होकर काम करने को कहा है, जबकि कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी को जमीनी राजनीति सीखने की सलाह दी है. राष्ट्रीय महामंत्री श्री शर्मा ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल को उद्योगपतियों के हित में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रख रहे हैं, बेशक इसके लिए किसानों मजदूरों के हितों की बलि क्यों न चढ़ जाए. राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है कि यदि वह इतनी ही सुधारवादी और किसानों के हितों की रखवाली थी तो अपने दस साल के कार्यकाल में इस पर गंभीरता से काम क्यों नहीं किया. इसके बजाय चुनावी लाभ लेने के लिए अंतिम समय में इस बिल को कांग्रेसी कर्ताधर्ताओं ने पेश किया. हिन्दू महासभा किसानों के हित संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसके लिए देश के किसानों के कंधे से कन्धा मिलाकर सड़कों पर कड़ा संघर्ष करने का निर्णय लिया है.