भारद्वाज फाउंडेशन, जयपुर द्वारा इंडस्ट्री–एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस इंटरफेसिंग सीरीज़ का 43वाँ कार्यक्रम राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व आईएनवीसी के संयुक्त तत्वावधान में चैंबर भवन, एम.आई. रोड, जयपुर में आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि डॉ. अरुण चतुर्वेदी (अध्यक्ष, राजस्थान राज्य वित्त आयोग), और सम्मानित अतिथि (गेस्ट ऑफ ऑनर) जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. ओ.पी. अग्रवाल एवं एसकेआईटी के अध्यक्ष श्री सुरजाराम रहे।
मुख्य अतिथि श्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि पर्यावरण और उद्योग एक दूसरे के हितकारक होने चाहिए ताकि वे अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए व्यापार एवं पर्यावरण के बीच में संतुलन स्थापित कर सकें।
इस अवसर पर राजस्थान चैंबर आफ कमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रख्यात उद्योग जगत की हस्ती डॉ केएल जैन को गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र, एवं सम्मान पत्र भेंटकर लाइफटाइम अचीवमेंट अंतरराष्ट्रीय अवार्ड ‘मानव रत्न‘ से अलंकृत किया गया।
फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष एवं प्रख्यात मैनेजमेंट गुरु डॉ. पी.एम. भारद्वाज ने बताया कि अब तक 42 राष्ट्रीय स्तर के इंटरफेसिंग कार्यक्रम विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों में आयोजित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि पारंपरिक शिक्षा सीधे उद्योग की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं थी, जिससे कंपनियों को कर्मचारियों के अतिरिक्त प्रशिक्षण पर भारी खर्च करना पड़ता था। डॉ भारद्वाज ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से आगाह करते हुए मनुष्यता को बचाने की वकालत की।
डॉ. डी.पी. शर्मा (राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर, स्वच्छ भारत अभियान; इंटरनेशनल डिजिटल डिप्लोमेट) ने फाउंडेशन की सराहना करते हुए कहा कि भारद्वाज फाउंडेशन को इस प्रकार के राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम आयोजित करने का श्रेय जाता है।
कार्यक्रम में डॉ. के.एल. जैन (अध्यक्ष, राजस्थान चैंबर) को आईएनवीसी की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ” मानव रत्न ” प्रदान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शिक्षा, उद्योग, एवं अंतरराष्ट्रीय कूटनीति जगत के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। जबकि देशहित में आवश्यक कार्यभार के चलते अवार्ड कमेटी के संयोजक एडवोकेट वीरेंद्र रावत कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
आईएनवीसी अंतरराष्ट्रीय अवार्ड सिलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष श्री जाकिर हुसैन ने डॉ केएल जैन को मानव रत्न अलंकरण की घोषणा की और कहा कि यह सम्मान उन महामनीषियों को दिया जाता है जिनका मानवता के लिए विशिष्ट योगदान है। याद रहे कि इससे पूर्व यह पुरस्कार यूनाइटेड नेशंस के अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमेट्स, धर्म, पुलिस और शिक्षा के साथ-साथ उद्योग जगत की विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की हस्तियों को दिया जा चुका है।
श्री चतुर्वेदी जी ने कहा कि पर्यावरण शिक्षा और इंडस्ट्री को आपस में समतुल्य स्थापित करना होगा।
श्री सुरजा राम मील ने कहा कि शिक्षा को राजनीति और राजनीति को शिक्षा से दूर रखकर ही भारत का विकास संभव है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत को अगर विकसित बनाना है तो हमें विकास के साथ शिक्षा और वित्त के साथ संतुलन स्थापित करना होगा।
डॉ केएल जैन ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
गौ माया के प्रबंध निदेशक डॉ सीताराम गुप्ता ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में गांव के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय शोध एवं संस्कार से भारतीय मिशन को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।