डा0 कलाम : यादों के झरोखे से
– प्रभात कुमार राय –
डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम साहब के अकस्मात् निधन का अत्यंत दुःखद खबर सुनते ही लगभग 12 साल पहले (30.05.2003) पटना स्टेशन पर रेलवे के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उनकी अविस्मरणीय छवि आँखों के सामने सहसा कौंध गयी। प्रोफेसर कलाम ने पटना-गया विधुतीकृत रेल खंड तथा दानापुर रेल मंडल में मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) सेवा के परिचालन का उद्घाटन किया था। पटना जंक्सन के एक नंबर प्लाटफाँर्म पर उद्घाटन का कार्यक्रम हरनौत रेल कोच कारखाना के शिलान्यास कर उनके रेल मार्ग से प्रसीडेन्टस् सैलून में लौटने के पश्चात् दोपहर संपन्न हुआ था।
ध्यातव्य है कि पटना-गया रेल खंड के विधुतीकरण का शिलान्यास दिनांक 03.2.2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय अटल जी द्वारा किया गया था। इसी समारोह में भारत में पहली बार विषेष किस्म के स्क्रीन पर विडीयो द्वारा पटना-मुगलसराय खंड के विधुतीकरण का उद्घाटन तथा पटना-गया रेल खंड के विधुतीकरण के शिलान्यास के स्थल का दृश्य गाँधी मैदान में दर्शाया गया था। उसके बाद अन्य केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा इस विशेष पद्धति को अपनाया गया। माननीय प्रधानमंत्री तथा रेल मंत्री श्री नीतीश कुमार, ने अपने संबोधन में पटना-गया रेल विधुतीकरण परियोजना का लक्ष्य भी घोषित कर दिया था। इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी मुख्य परियोजना प्रबंधक के तौर पर मुझे सौंपी गयी थी। रेल विधुतीकरण के अलावा सिगनलिंग प्रणाली के आधुनिकीकरण का जिम्मा भी इसी परियोजना में शामिल था। पुराने रूडीमेन्टरी सिगनलिंग व्यवस्था को बदलकर आधुनिक पैनल इंटरलोकिंग का कार्य स्पेशल रेल सेफ्टी फंड (एसआरएसएफ) के तहत कराया जाना था। इस परियोजना में भारतीय रेल द्वारा पहली बार एल0ई0डी0 (लाइट इमिटिंग डायोड्स) आधारित सिगनलिंग का प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया था।
मुझे याद है पटना जं0 पर रेलकर्मी तथा अन्य दर्शक, यात्रीगण बेसब्री और कौतूहलपूर्वक हरनौत से स्पेशल ट्रेन आने का इंतजार कर रहे थे। पटना जंक्शन पर स्पेशल ट्रेन आते ही सबों का ध्यान प्रसीडेन्टस् सैलून में लगे आकर्षक एवं चमकते हुए अशोक-स्तम्भ एवं सत्यमेव् जयते पर केंद्रित हो गया था। रेलकर्मियों में भी पटना में पहली बार इस विशिष्ट सैलून को देखने के लिए रोमांचकारी आकर्षण था।
यह देखकर मैं आष्चर्यचकित रह गया कि डा0 कलाम राष्ट्रपति रहने के बावजूद कभी भी बड्प्पन की मुद्रा नहीं अपनाते थे वरन् अत्यंत सहजता और विनम्रता से पेश आते थे। डा0 कलाम द्वारा उद्घाटन के समय पटना-गया रेल विधुतीकरण एवं मेमू ट्रेन की तकनीकी बारीकियाँ तत्कालीन रेल मंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा विस्तारपूर्वक बतायी गयी। भारतीय रेल द्वारा अत्याधुनिक प्रणाली को अपनाये जाने तथा परियोजना के गुणवत्तापुर्वक तथा समयबद्ध ढंग से कार्यान्वयन पर उन्होंने अतीव प्रसन्नता जाहिर की थी। यह हम सब के लिए परम सौभाग्य की बात थी और उनकी सराहना से काफी उत्साहवर्धन हुआ था । रेल मंत्री द्वारा रेल विधुतीकरण परियोजना की दानापुर इकाई को उदारतापूर्वक पुरस्कृत किया गया था। मेरे जानते भारत के कुछेक परियोजनाओं में से यह एक था जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया गया हो और उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा।
उनके देहावसान और भौतिक अनुपस्थिति के बावजूद उनका प्रफुल्लित चेहरा तथा सौम्य व्यवहार मेरी स्मृति मंजूषा में चिर संचित रहेगी। महान मनीषी को अगणित श्रद्वांजलि!
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परिचय -:
प्रभात कुमार राय
मुख्यमंत्री, बिहार के ऊर्जा सलाहकार
Former Chairman of Bihar State Electricity Board & Former Chairman-cum-Managing Director Bihar State Power (Holding) Co. Ltd. . Former IRSEE ( Indian Railway Service of Electrical Engineers ) . Presently Energy Adviser to Hon’ble C.M. Govt. of Bihar . Distinguished Alumni of Bihar College of Engineering ( Now NIT , Patna ) Patna University. First Class First with Distinction in B.Sc.(Electrical Engineering). Alumni Association GOLD MEDALIST from IIT, Kharagpur , adjudged as the BEST M.TECH. STUDENT.
Administrator and Technocrat of International repute and a prolific writer . His writings depicts vivid pictures of socio-economic scenario of developing & changing India , projects inherent values of the society and re-narrates the concept of modernization . Writing has always been one of his forte, alongside his ability for sharp, critical analysis and conceptual thinking. It was this foresight and his sharp and apt analysis of developmental processes gives him an edge over others.