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जयपुर : अखिल भारतीय कंपनी सेक्रेटरी संस्थान के जयपुर चैप्टर में आयोजित सीएलडीपी (Company Secretary Leadership Development Program) के छठे बैच को संबोधित करते हुए, राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल एवं मैनेजमेंट गुरु डॉ. पीएम भारद्वाज ने छात्रों को प्रेरित किया और कहा कि यदि भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है, तो विद्यार्थियों को अपनी जान से प्रयास करना होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतवर्ष के पास इतनी क्षमता है कि वह फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, डॉ. भारद्वाज ने कुछ विशेष मंत्र भी साझा किए, जो देश के युवाओं और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का मार्ग
डॉ. पीएम भारद्वाज के अनुसार, भारत को फिर से विश्व गुरु बनने के लिए हमें अपने विद्यार्थियों में नेतृत्व और समर्पण की भावना को विकसित करना होगा। यह एक ऐसा रास्ता है, जो केवल शिक्षा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही संभव है। विद्यार्थियों को केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने चरित्र और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी समझना होगा।
महिला सशक्तिकरण और उसकी भूमिका
डॉ. भारद्वाज ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में महिला सशक्तिकरण तेजी से बढ़ रहा है, और महिलाएं हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, और यही कारण है कि भारत की प्रगति में उनकी भूमिका भी बहुत अहम है।
सीएलडीपी के छठे बैच में 26 छात्रों ने भाग लिया, जिसमें लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक थी। यह दर्शाता है कि भारत की महिलाएं अब हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
विद्यार्थियों के लिए सफलता के मंत्र
अपने प्रेरक संबोधन में, डॉ. पीएम भारद्वाज ने विद्यार्थियों के साथ सफलता के मंत्र साझा किए। उन्होंने कहा कि यदि हम जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो हमें समय का सही प्रबंधन, कड़ी मेहनत, और समर्पण की आवश्यकता है। इन गुणों के बिना किसी भी प्रकार की सफलता संभव नहीं है।
डॉ. भारद्वाज ने कहा, “आज का विद्यार्थी कल का नेता है। यदि हम अपने वर्तमान को सुधारेंगे, तभी हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा। विद्यार्थियों को इस बात को समझना होगा कि उन्हें अपने देश के लिए क्या करना है, और किस प्रकार वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकते हैं।”
डॉ. पीएम भारद्वाज के विश्व गुरु बनने के मंत्र
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे:
- शिक्षा का स्तर सुधारना: भारत के शिक्षा प्रणाली को और अधिक व्यावहारिक और उद्देश्यपूर्ण बनाना होगा, ताकि विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान ही न मिले, बल्कि वे वास्तविक जीवन में भी उस ज्ञान का उपयोग कर सकें।
- आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का विकास: हमें अपने प्राचीन आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को बनाए रखना होगा। यह भारत की एक ऐसी विशेषता है, जिसने उसे सदियों तक वैश्विक नेतृत्व प्रदान किया है।
- स्वावलंबन और उद्यमिता: देश के युवाओं को स्वावलंबन और उद्यमिता के प्रति प्रोत्साहित करना होगा, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और समाज को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: हमें प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करनी होगी। आज का दौर डिजिटल युग है, और इसमें भारत को अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
महिला सशक्तिकरण और सफलता की कुंजी
डॉ. पीएम भारद्वाज ने कहा कि आज महिला सशक्तिकरण भारत में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रही हैं, चाहे वह शिक्षा हो, व्यापार हो, या खेल।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत को वास्तविक प्रगति करनी है, तो हमें महिलाओं को और भी अधिक मौके देने होंगे। महिला शक्ति के बिना भारत कभी भी उस ऊंचाई को नहीं छू सकता, जिसे हम विश्व गुरु बनने के रूप में देखते हैं।
अखिल भारतीय कंपनी सेक्रेटरी संस्थान के योगदान
डॉ. भारद्वाज ने अखिल भारतीय कंपनी सेक्रेटरी संस्थान के जयपुर चैप्टर के अध्यक्ष रजत गोयल के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि रजत गोयल विद्यार्थियों के ओवरऑल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
इसके साथ ही, डॉ. भारद्वाज ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग करने की शपथ दिलाई। उन्होंने डॉ. डीपी शर्मा के प्रयासों की भी सराहना की, जो इस अभियान के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर हैं।
स्वच्छता अभियान और सामाजिक जिम्मेदारी
इस मौके पर, संस्थान के विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने संस्थान के परिसर में सफाई भी की। यह केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं था, बल्कि यह दर्शाता है कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में हर एक विद्यार्थी का योगदान महत्वपूर्ण है।
डॉ. भारद्वाज ने विद्यार्थियों को इस बात का एहसास दिलाया कि यदि हम अपने देश और समाज को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो हमें व्यक्तिगत रूप से इस दिशा में कदम उठाने होंगे।
डॉ. पीएम भारद्वाज के इस प्रेरणादायक सत्र ने सभी विद्यार्थियों को देशप्रेम, समर्पण, और नैतिक जिम्मेदारी के महत्व को समझाया। उन्होंने यह बताया कि यदि भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है, तो हर विद्यार्थी को अपनी जान से कोशिश करनी होगी और अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना होगा।
इस तरह के प्रेरणादायक सत्रों के माध्यम से, हमारे देश के युवा न केवल अपने भविष्य को संवार सकते हैं, बल्कि वे भारत को पुनः वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका में ला सकते हैं।