एक दीप
हर दीपावली में
तुम्हारे नाम का
आज भी जला आती हूँ –
छत पर
रास्ता दिखाने
तुम्हारे हृदय तरंगों को
पता नहीं कब आ जाये
भूले भटके
आज भी तो हिचकी आई थी
खाते खाते
कहा माँ ने
कि कोई याद कर रहा होगा शायद
जानती हूँ –
तुम्हें छोड़कर
इस धरा पर
कौन करेगा याद
हो सके तो आना
छठ पर्व में
सभी प्रवासी तो लौटते हैं –
अपने अपने घर
प्रतीक्षा करूंगी
गांगा के कष्टहरणी घाट पर
जहाँ पहली बार तुम्हें देखते हुए
दिया था अरघ/सूरज को
शायद नहीं
दिया था अपने प्रेम को
और कबूला था – एक ‘सूप’ तुम्हारे नाम का
लेकिन सभी कबुलती
स्वीकार तो नहीं होती
…… शायद कुछ खोट रह गयी होगी
मेरे नसीब में बदा था
प्रतीक्षा करना
राधा की तरह
जर जर हो रहा है तन
लेकिन मन तो
आज भी अटका पड़ा है
उसी घाट पर
जहाँ हुई थी तुमसे
पहली मुलाकात
यदि तुम नहीं आओगे
तो इस साल भी
दे दूंगी अरध
तुम्हारे नाम का
और करुंगी दुआ कि
तुम जहाँ भी रहो
छठ मइया तुम्हें सलामत रखे !
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- संक्ष्पित परिचय
नाम- राज्यवर्द्धन
जन्म– 30.6.1960,जमालपुर(बिहार)
- रचनाएं प्रकाशित-
- धर्मयुग,वामा,नवभारतटाइम्स,हिन्दुस्तान,जनसत्ता,दैनिकजागरण,प्रभातखबर,प्रभातवार्ता,राजस्थानपत्रिका, इंडियाटुडे,आउटलुक,परिकथा,वागर्थ,स्वाधीनता आदि पत्र-पत्रिकाओंमेंफीचर्स,लेख,अग्रलेख,रिपोतार्ज,समीक्षाएं प्रकाशित।
- हंस,वर्तमान साहित्य,वागर्थ,दस्तावेज, कृति ओर, प्रतिश्रुति,अक्षर पर्व,जनपथ,नई धारा,हरिगंधा,समकालीन अभिव्यक्ति,अंतिम जन,जनसत्ता,दैनिक जागरण,प्रभात खबर, ,प्रभात वार्ता, छपते-छपते(वार्षिकांक),शुक्रवार( वार्षिकांक) आदि पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित।
- सम्पादन-1.’ विचार ‘के सम्पादक मंडल में(अनियतकालीन पत्रिका,जमालपुर से प्रकाशित ,फिलहाल बंद )
2’.स्वर-एकादश’(ग्यारह कवियोंकेकविताओं कासंग्रह)का संपादन,बोधि प्रकाशन,जयपुरसेप्रकाशित - स्तम्भ लेखन-जनसत्ता(कोलकाता संस्करण) में1995 से2010 तक चित्रकला पर स्तंभ लेखन,
- पुरस्कार-जनकवि रामदेव भावुक स्मृति सम्मान 2010(मुंगेर,बिहार)
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