अविश्वास पर कितना विश्वास, वोटिंग और फैसला आज , वोटिंग को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पक्षों के सदस्यों ने कमर कस ली

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-जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ सदस्य लाए हैं प्रस्ताव –
क्या होगाआई एन वी सी ,
भोपाल।
जिला पंचायत सदस्यों द्वारा अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोयल और उपाध्यक्ष कल्पना मीना के खिलाए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कितना विश्वास मिलता है। इसका फैसला आज होगा। कलेक्टर कार्यालय में शुक्रवार को वोटिंग होगी।
तत्काल ही किसके पक्ष में कितने वोट पड़े इसकी गिनती होगी। वोटिंग को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पक्षों के सदस्यों ने कमर कस ली है। कांग्रेस की यहां जीत सुनिश्चित दिखाई दे रही है। वहीं वोटिंग के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने भी पूरी तैयारी कर ली हैं। वोटिंग का सिलसिला सुबह 11 बजे शुरू होगा। यहां जिला पंचायत के सभी सदस्य पहुंचेंगे। वहीं मौके पर प्रभारी संभागायुक्त व कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल को जिला पंचायत के छह सदस्यों ने कलेक्टर श्री श्रीवास्तव को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सौंपा था। इस पर कलेक्टर ने वोटिंग की तारीख 10 मई को नियत की थी।

-अपनी-अपनी जीत के दावे
दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं। जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव में चार कांग्रेसी और दो भाजपाई सदस्य हैं। कांग्रेस नेताओं ने पहले सभी छह सदस्यों को एकजुट करने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसके लिए बकायदा जिम्मेदारी भी दी। सूत्रों की माने तो भगवती मैहर को यदि कांग्रेस धड़े में अध्यक्ष बनाया जाता है तो उन्हें पार्टी की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए बकायदा वादा भी किया गया है, यदि वह कांग्रेस का हाथ थामती हैं तो अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज करा दिया जाएगा। वहीं उपाध्यक्ष की स्थिति को लेकर स्थिति असमंजस में है।

-जरूरी ये आंकड़ा
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले छह सदस्यों को यदि इस प्रस्ताव को गिरने से बचाना है तो उन्हें आठ सदस्यों को जुटाना होगा। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव होने के चलते दोनों एकजुट हो गई हैं। अब बचे हैं, सीमा मीना व ठाकुर सुरेंद्र सिंह। दोनों जिधर समर्थन देंगे, उसकी जीत निश्चित मानी जाएगी।

-सीमा और सोलंकी पर सबकी नजर
अविश्वास प्रस्ताव में जिला पंचायत के छह सदस्यों के नाम व हस्ताक्षर हैं। इसमें चार कांग्रेसी सदस्य विष्णु विश्वकर्मा, ममता मोहन मीना, नौरंग गुर्जर व पार्वती राजपूत है तो दो भाजपा सदस्य भागवती किशनलाल मेहर व मधु मनोज वशिष्ठ हैं। अब बचे हैं केवल दो सदस्य सीमा रघुवीर मीना व ठाकुर सुरेंद्र सिंह सोलंकी। यह दोनों ही सदस्य भाजपा के हैं। इन दोनों सदस्यों पर भाजपा व कांग्रेस दोनों की नजर है। दोनों सदस्यों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के समर्थन में होने के चलते भाजपा अविश्वास प्रस्ताव गिरने को लेकर आश्वस्त है। इधर सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने भी दोंनों सदस्यों सीमा मीना व सुरेंंद्र सिंह को मनाने का भरपूर प्रयास किया है। सूत्र का तो यहां तक कहना है कि दोनों सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मान गए हैं।

-भाजपा की ही बनेगी अध्यक्ष!
अविश्वास प्रस्ताव गिरे या बचे दोनों ही परिस्थितियों में अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा की रहनी है, क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोयल भाजपा की प्रत्याशी है, वहीं भागवती किशन लाल मैहर भी भाजपा की ही उम्मीदवार हैं। दोनों ने ही जिला पंचायत का चुनाव जीता है। अध्यक्ष की सीट महिला कोटे की होने के चलते दोनों में से ही कोई एक अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ सकता है। ऐसे में यह तो तय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तो भाजपा के पास ही रहेगी। रही बात उपाध्यक्ष की कुर्सी की तो उस पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। इधर सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने जिपं सदस्य भागवती मेहर को कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया है।
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अविश्वास प्रस्ताव में यह लगाए आरोप –
अध्यक्ष पर –
– जिपं अध्यक्ष मीना गोयल के लाल बत्ती वाहन का दुरूपयोग उनके पति हिम्मत गोयल कर रहे हैं।
– जिपं अध्यक्ष के लेटर पेड का इस्तेमाल अधिकारी एवं कर्मचारियों की झूठी शिकायत करने में किया जा रहा है।
– जिला पंचायत अध्यक्ष होने के नाते प्रतिमाह जिपं की बैठक आयोजित करना चाहिए, जो नहीं की जाती है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है।
– जिला पंचायत भोपाल का वास्तविक बजट वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। इससे जिला पंचायत का आय-व्यय का ब्यौरा संदिग्ध होता जा रहा है।
– आय-व्यय के संबंध में सदस्यों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, जो अध्यक्ष के नियंत्रण से परे है।
– जिपं अध्यक्ष द्वारा वाहन में पात्रता अनुसार डीजल व्यय न करके अधिक मात्रा में किया जा रहा है, जो पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है।
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उपाध्यक्ष पर –
– जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिमाह शिक्षा समिति की बैठक आयोजित नहीं करती हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा से संबंधित कार्य एवं विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।
– जिपं उपाध्यक्ष की पीली बत्ती का उपयोग पति बृजेश मीणा निजी वाहन पर लगाकार कर रहे हैं। यहीं नहीं वह शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डराते-धमकाते हैं।
– उपाध्यक्ष ग्रामीण विकास के संबंध में किसी प्रकार की रूचि नहीं लेती हैं। इससे सदस्यों में निराशा है।

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